सुशांत सिंह राजपूत के मामले की जांच CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) भी कर रही है. सुशांत के पिता के.के. सिंह ने बिहार पुलिस के पास रिया चक्रवर्ती के खिलाफ केस दर्ज कराया था. अब ये केस सीबीआई ने टेकओवर कर लिया है. सीबीआई ने रिया और उनके परिवार समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. रिपोर्ट्स की मानें तो सीबीआई की टीम जल्द ही दिल्ली से मुंबई जाएगी, इस मामले में पूछताछ करने के लिए. हालांकि, ये अभी साफ नहीं है कि सीबीआई की टीम मुंबई कब जाएगी.
CBI वालों के मुंबई जाने की खबरों के साथ ही सवाल उठने लगे कि क्या उनको भी क्वारंटीन होना पड़ेगा? जैसे पटना के एसपी विनय तिवारी को होना पड़ा था. इसका जवाब टटोलने की हमने थोड़ी कोशिश की.
शुरुआत से समझिए कि ये सवाल उठा क्यों?
दरअसल, के.के. सिंह ने पटना पुलिस के पास FIR दर्ज करवाई थी. इस पर जांच करने के लिए पटना पुलिस की टीम मुंबई पहुंची. टीम के साथ मुंबई असहयोग की खबरें आईं. इसके बाद पटना से एसपी विनय तिवारी को मुंबई भेजा गया, लेकिन मुंबई में दाखिल होते ही उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया. बीएमसी ने नियमों का हवाला दिया. कहा- हैरानी और दुर्भाग्य की बात हैकि एक IPS अधिकारी को महाराष्ट्र में आने से पहले कोरोना नियमों के बारे में पता नहीं था, ये नियम तो काफी समय से सार्वजनिक हैं.
इसके बाद विनय तिवारी को कुछ शर्तों के साथ क्वारंटीन से छूट दी गई. शर्त ये थी कि उन्हें 8 अगस्त तक मुंबई छोड़ना होगा. BMC के एक अधिकारी ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा कि विनय तिवारी सात दिन से ज्यादा नहीं रहेंगे, तो उनका क्वारंटीन खत्म किया गया.

फिर CBI के मुंबई आने की बात कहां से आई?
दरअसल, विनय तिवारी का क्वारंटीन खत्म होने के बाद सोशल मीडिया पर एक खबर फैली. ये कि CBI की जो टीम सुशांत के केस की जांच कर रही है, उसमें विनय तिवारी भी शामिल हैं. महाराष्ट्र बीजेपी के प्रवक्ता अवधुत वाघ ने ट्वीट करके कहा था,
“जिसे मुंबई में ज़बरन क्वारंटीन किया गया था, और मुंबई से बाहर भेजा गया था, अब वो ‘बाप’ बनकर वापस आ रहा है.”
ज्याला जबरदस्तीने quarantine करून मुंबई बाहेर हकलला तो म्हणे आता ‘बाप’ बनुन येत आहे.#TakeCare
— Avadhut Wagh (@Avadhutwaghbjp) August 9, 2020
इस तरह के ट्वीट कुछ और लोगों ने भी किए. यहीं से खबर आई कि CBI मुंबई आ रही है और टीम में विनय तिवारी भी शामिल हैं. हालांकि, ‘TOI’ की रिपोर्ट के मुताबिक, विनय तिवारी ने CBI में शामिल होने वाली खबर को गलत बताया है.
लेकिन मामले में ट्विस्ट है…
‘इंडिया टुडे’ से जुड़े मुनीष पांडे ने बताया कि CBI अभी मुंबई नहीं जा रही है. क्यों? क्योंकि CBI को किसी राज्य में जांच करने के लिए वहां की सरकार की परमिशन लेनी होती है, जो अभी महाराष्ट्र सरकार की तरफ से नहीं दी गई है. CBI इस वक्त सुशांत के पिता केके सिंह से ही पूछताछ कर रही है.
यानी जब तक महाराष्ट्र सरकार अनुमति नहीं देती तब तक सीबीआई जांच के लिए मुंबई नहीं जाएगी. लेकिन जब जाएगी तो टीम को बीएमसी के क्वारंटीन के नए नियम मानने होंगे. BMC ने ट्वीट किया था,
“मुंबई आने वाले सभी घरेलू यात्रियों के लिए 14 दिन का होम आइसोलेशन अनिवार्य है, ये कोरोनोवायरस के खिलाफ सुरक्षा के लिए ज़रूरी है. सरकारी अधिकारी, जो इससे छूट चाहते हैं उन्हें मुंबई आने के कम से कम दो दिन पहले amc.projects@mcgm.gov को लिखित में अपने काम की सारी जानकारी देनी होगी.”
इसके साथ BMC ने एक आदेश की कॉपी भी ट्वीट की, जो एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर पी. वेलरासू ने जारी किया था, जिस पर तारीख 3 अगस्त 2020 लिखी हुई है.
A 14 day home isolation for all domestic passengers arriving in Mumbai is a compulsory precaution against #coronavirus . Government officials desiring an exemption must write to amc.projects@mcgm.gov.in two working days prior to arrival, with work details #AtMumbaisService pic.twitter.com/SMCE2Ev1IM
— माझी Mumbai, आपली BMC (@mybmc) August 7, 2020
हालांकि इस आदेश में हवाई यात्रियों के लिए नियम बताए गए हैं, इसमें ट्रेन और सड़क के ज़रिए आने वाले यात्रियों के लिए कुछ मेंशन नहीं किया गया है.
CBI का मुंबई में विरोध
दूसरी तरफ मुंबई पुलिस और शिवसेना के कुछ नेता सीबीआई जांच का विरोध कर रहे हैं. मुंबई पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में 8 अगस्त (शनिवार) को एक एफिडेविट फाइल किया. और कहा कि मुंबई पुलिस सुशांत के केस की निष्पक्ष जांच कर रही थी. वहीं, रिया चक्रवर्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी. उन्होंने मांग की थी कि पटना में दर्ज हुए केस को मुंबई ट्रांसफर कर दिया जाए. इसी याचिका पर मुंबई पुलिस ने 8 अगस्त को एफिडेविट डाला. पुलिस ने कहा कि CBI को FIR दर्ज करने से पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार कर लेना चाहिए था.
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने भी, पार्टी के मुखपत्र सामना के ज़रिए CBI जांच का विरोध किया. कहा कि केस CBI को सौंपने का फैसला राजनीतिक फायदे के लिए किया गया है. कहा कि CBI को जांच देना, मुंबई पुलिस का अपमान करने जैसा है. ये भी कहा कि CBI भले ही सेंट्रल एजेंसी है, लेकिन समय के साथ ये साबित हुआ है कि ये इंडिपेंडेंट और निष्पक्ष एजेंसी नहीं है.
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