पश्चिम बंगाल. मुख्यमंत्री हैं ममता बनर्जी. उन्होंने रजिस्टर्ड दुर्गा पूजा समितियों को 50-50 हजार रुपए देने का ऐलान किया था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि इंटरटेनमेंट जैसे उद्देश्य के लिए सरकारी अनुदान का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
कोर्ट ने क्या आदेश दिया है
जस्टिस संजीव बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले फंड का 25 फीसदी हिस्सा पुलिसकर्मियों और लोगों के बीच संबंध को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. बाकी 75 फीसदी फंड का इस्तेमाल मास्क और सैनिटाइजर की खरीद के लिए किया जा सकता है.
Money donated by West Bengal Govt to each Durga Puja club to be used for improving police & public bonding, and procuring masks, sanitizers and face shield, says Calcutta High Court in its interim order.
This money cannot be used for any other entertainment purposes, it states.
— ANI (@ANI) October 16, 2020
हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि दुर्गा पूजा के अंत में सही बिल और खर्चों के इनवॉइस प्रस्तुत करने होंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि खर्चों के प्रमाणपत्र को पूजा समितियों के जरिए राज्य सरकार को मुहैया करवाने होंगे. वहीं डीजीपी को कलकत्ता हाईकोर्ट को रिपोर्ट भी सौंपनी होगी.
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस के नेता सौरव दत्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये अंतरिम आदेश जारी किया है.
इससे पहले 50-50 हजार रुपये दिये जाने को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था. हाइकोर्ट ने सरकार से जानना चाहा था कि जब कोविड-19 महामारी की वजह से राज्य में खर्च कम करने के उपाय किये जा रहे हैं, ऐसे में दूर्गा पूजा समितियों को 50-50 हजार रुपये देने का क्या औचित्य है. कोर्ट ने यह भी जानना चाहा था कि क्या ईद जैसे अन्य त्योहारों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है.
मुख्यमंत्री ने किया था ऐलान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 सितंबर को राज्य की प्रत्येक पूजा समिति को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी. 37,000 पूजा कमेटियों को इसका लाभ होने की बात कही गई थी. ममता बनर्जी ने कहा था कि इस बार कोरोना के चलते पूजा समितियों को स्पॉन्सर और विज्ञापन ठीक से नहीं मिल रहे हैं. उनकी आर्थिक स्थिति खराब है, इसीलिए राज्य सरकार ने प्रत्येक कमेटी को 50,000 रुपये का अनुदान देने का फैसला किया है. पिछले साल राज्य सरकार ने पूजा समितियों को 25-25 हजार अनुदान दिया था.
ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी समेत तमाम दलों ने सवाल उठाये थे. विरोधी दलों ने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी हिंदुओं को ‘रिश्वत’ देने की कोशिश कर रही हैं.
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