बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने हाल में कहा था कि समाजवादी पार्टी को सबक सिखाने के लिए वह बीजेपी का भी साथ दे सकती हैं. इसके बाद बीजेपी को लेकर उनके नरम रवैये की चर्चाएं होने लगी थीं. अब मायावती ने बीजेपी के साथ गठबंधन की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है. मायावती ने कहा कि बीजेपी के साथ कोई भी गठबंधन करने के बजाय वह राजनीति से संन्यास लेना पसंद करेंगी.
पहले क्या कहा था मायावती ने?
पिछले हफ्ते राज्यसभा चुनाव की रस्साकशी के बीच बसपा के 7 विधायकों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. बगावत करते हुए बीएसपी उम्मीदवार रामजी गौतम के प्रस्तावक बने 10 विधायकों में से पांच ने अपना प्रस्ताव वापस लेने का ऐलान किया था. इसके बाद मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. उसी समय मायावती ने कहा था कि सपा को सबक सिखाने के लिए बीजेपी का साथ देना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटूंगी.
अब क्या कहा है?
मायावती के इस बयान के बाद चल रहीं चर्चाओं पर विराम लगाते हुए सोमवार 2 नवंबर को मायावती ने कहा,
किसी भी चुनाव में बीजेपी के साथ बसपा का कोई भी गठबंधन भविष्य में संभव नहीं है. बसपा एक सांप्रदायिक पार्टी के साथ चुनाव नहीं लड़ सकती. हमारी विचारधारा ‘सर्वजन सर्वधर्म हिताय’ की है, और ये बीजेपी की विचारधारा के विपरीत है. बसपा उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकती जो सांप्रदायिक, जातिवादी और पूंजीवादी विचारधारा के हैं.
मायावती ने ये भी कहा कि उनके बयान को गलत प्रचारित किया गया. हमने कहा था कि MLC चुनाव में बसपा जैसे को तैसा का जवाब देने के लिए पूरी ताकत लगा देगी. समाजवादी पार्टी को हराने वाले किसी भी दल का साथ देंगे. देखिये पहले मायावती ने क्या कहा था –
इसके बाद भी कुछ बाकी है? pic.twitter.com/WGNxMWq9gh
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 29, 2020
सपा और भाजपा पर और क्या कहा?
मायावती ने कहा कि जब भी बसपा ने भाजपा का साथ दिया है, भाजपा का नुकसान हुआ है. वहीं जब भी सपा सत्ता में आई, भाजपा को लाभ हुआ. बसपा सरकार में उत्तर प्रदेश में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ जबकि सपा के राज में ऐसी घटनायें खूब हुईं, जिनमें जनता को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
विडियो : कारोबारी ने टिकट को लेकर मायावती और BSP पर क्या गंभीर आरोप लगा दिए हैं?