मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 12 दिसंबर को कोवैक्सीन का पहला खुराक एक मजदूर को लगा. 21 दिसंबर को उसकी मौत हो गई. इस बात की जानकारी तब हुई, जब शुक्रवार 8 जनवरी को मजदूर के घर अस्पताल वालों ने दूसरी डोज के लिए कॉल किया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मजदूर का नाम दीपक मरावी है. उनकी उम्र 47 वर्ष थी. रिपोर्ट के मुताबिक, दीपक को कोवैक्सीन के ट्रायल के दौरान डोज दिया गया था. वो इसके वॉलिंटियर थे. 12 को टीका लगा और 9 दिन के अंदर मौत होने के बाद परिवार ने आरोप लगाया कि वैक्सीन की वजह से ऐसा हुआ है.
इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा है कि मजदूर की विसरा रिपोर्ट को टेस्ट के लिए लैब में भेजा गया है. मामला संवेदनशील है, तो उन्होंने अपील की लोग गलतफहमी न फैलाएं. क्योंकि इससे वैक्सीनेशन प्रभावित होगी. रिपोर्ट आने के बाद ही व्यक्ति की मौत के कारणों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का कोई भी साइड इफेक्ट होगा, तो वो 24 घंटे या दो से तीन दिनों के अंदर दिख जाता है, वैक्सीनेशन के कई दिनों बाद नहीं दिख सकता.
Viscera sent for testing. I urge all to take this matter sensitively so that no unnecessary misconception on vaccine is formed that’ll affect vaccination. Report will come but I’m confident that if there’s after-effect it shows in 24 hrs or 2-3 days, not after several days: MP CM https://t.co/IAoaV4TmkP pic.twitter.com/dyoPlGJniS
— ANI (@ANI) January 9, 2021
वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा था कि वैक्सीन का साइड इफेक्ट वैक्सीनेशन के 30 मिनिट के भीतर दिखाई दे जाता है. पर उस व्यक्ति में वैक्सीनेशन के 24 से 48 घंटे के भीतर वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट दिखाई नहीं दिया. उन्होंने बताया कि व्यक्ति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर के कारण मौत होने की बात सामने आई है.
बायोटेक ने क्या कहा है?
वहीं, भारत बायोटेक ने वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान वालंटियर की मौत पर सफाई दी है. कहा कि वालंटियर को वैक्सीन ट्रायल की सभी नियम और शर्तों के बारे में सारी जानकारी दी गई थी. वैक्सीन देने के अगले 7 दिनों तक उसका हालचाल लिया गया था और किसी भी तरह का साइड इफेक्ट उसमें नज़र नहीं आया था.
As per post-mortem report by Gandhi Medical College, Bhopal that the site received from Bhopal Police, the probable cause of death was due to cardiorespiratory failure as a result of suspected poisoning and the case is under police investigation as well: Bharat Biotech https://t.co/u9otZgir0T — ANI (@ANI) January 9, 2021
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या है?
उधर, भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के द्वारा जारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि दीपक की मौत का कारण कार्डियॉरेस्पिरेट्री फेलियर हो सकता है. जो कि हो सकता है ज़हर के चलते हुआ हो.
वहीं भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी ये नहीं बता सकती कि वालंटियर को वैक्सीन दी गई थी या प्लेसिबो. क्योंकि स्टडी की बात अभी सामने नहीं आई है.
भारत बायोटेक ICMR के सहयोग से स्वदेशी टीके कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल कर रही है. इस बीच सरकार ने बैकअप के तौर पर कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. भारत में 16 जनवरी से कोरोना के टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू होना है. इसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बनाए गए टीके कोविशील्ड का इस्तेमाल होना है.
वीडियो देखें: कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले बेहद ज़रूरी सवालों के जवाब जान लें