सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक आदमी हाथगाड़ी खींचता हुआ दिख रहा है. उस हाथगाड़ी पर एक महिला बैठी है. गोद में बच्ची को लिए. पूछने पर बताता है कि वो हैदराबाद से आ रहा है.
बालाघाट का एक #मजदूर जो कि हैदराबाद में नौकरी करता था 800 किलोमीटर दूर से एक हाथ से बनी लकड़ी की गाड़ी में बैठा कर अपनी 8 माह की गर्भवती पत्नी के साथ अपनी 2 साल की बेटी को लेकर गाड़ी खींचता हुआ बालाघाट पहुंच गया @ndtvindia @ndtv #modispeech #selfreliant #Covid_19 pic.twitter.com/0mGvMmsWul
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 13, 2020
‘आज तक’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का नाम रामू है. ये मध्य प्रदेश के बालाघाट का रहने वाला है. हैदराबाद में मजदूरी करता था. लॉकडाउन के कारण जहां ये काम करता था, वहां पर काम बंद हो गया. गुजारा न चल सका, तो पैदल ही घर की ओर निकल लिए.
जब काफी दूर तक चलने के बाद भी कोई उपाय नहीं दिखा, तो रास्ते में पड़े बांस इत्यादि से हाथगाड़ी बना ली. उस पर पत्नी और बेटी को बिठाकर उसे खींचता हुआ रामू घर की ओर बढ़ गया. तकरीबन 800 किलोमीटर चलने के बाद ये लोग बालाघाट की सीमा पर पहुंचे. लांजी के एसडीओपी नितेश भार्गव ने इस बारे में बताया
हमें बालाघाट की सीमा पर एक मजदूर मिला जो अपनी पत्नी धनवंती के साथ हैदराबाद से पैदल आ रहा था. साथ में दो साल की बेटी थी जिसे वह हाथ की बनी गाड़ी से खींचकर यहां तक लाया था. हमने पहले बच्ची को बिस्किट दिए और फिर उसे चप्पल लाकर दी. फिर निजी वाहन से उसे उसके गांव भेजा.

वीडियो में भी रामू को ये कहते हुआ सुना जा सकता है कि हैदराबाद में उसे आने-जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला. 17 दिन तक लगातार चलने के बाद ये परिवार अपने घर के पास पहुंचा. रामू ने बताया कि उसकी मेडिकल जांच भी हो चुकी थी.
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