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'तुझे यहीं पिटना है क्या', हेट स्पीच पर सवाल से पत्रकार पर बुरी तरह भड़के यति नरसिंहानंद

बीबीसी का आरोप, टीम के साथ नरसिंहानंद के समर्थकों ने गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की.

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Yati Narsinghanand
यति नरसिंहानंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
18 जनवरी 2022 (Updated: 18 जनवरी 2022, 10:47 IST)
Updated: 18 जनवरी 2022 10:47 IST
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महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और हेट स्पीच मामले में गिरफ्तार कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक और मामला दर्ज हुआ है. उन पर नया आरोप ये लगा है कि गिरफ्तारी से पहले उन्होंने बीबीसी की टीम के साथ दुर्व्यवहार किया और यहां तक कि उन्हें शारीरिक रूप से हानि पहुंचाने की कोशिश की. इससे पहले नरसिंहानंद को रविवार 16 जनवरी को हरिद्वार की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इस समय वो जेल में हैं. यति नरसिंहानंद आए दिन अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम समाज और महिलाओं के खिलाफ घोर नफरती और अपमानजनक बयानबाजी करते रहते हैं. हाल में उनके सहयोग से उत्तराखंड के हरिद्वार में एक तथाकथित धर्म संसद का आयोजन कराया गया था, जहां मुसलमानों के नरसंहार तक का आह्वान किया गया था.

नया मामला क्या है?

नया मामला बीबीसी की टीम के साथ दुर्व्यवहार और उन्हें डराने-धमकाने का है. टीम यति नरसिंहानंद का इंटरव्यू लेने पहुंची थी. बीबीसी का कहना है कि उसकी टीम ने हेट स्पीच को लेकर नरसिंहानंद से सवाल पूछे तो वो भड़क गए. बीबीसी ने कहा है,
'नरसिंहानंद ने गिरफ्तारी से पहले हरिद्वार में बीबीसी से शनिवार 15 जनवरी को बातचीत की थी. लेकिन उस इंटरव्यू में हेट स्पीच के बारे में सवाल पूछे जाने पर वे भड़क गए थे जिसके बाद बीबीसी की टीम के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है.'
बीबीसी की शिकायत पर यति नरसिंहानंद और उनके साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341 (गैरकानूनी तरीके से बलपूर्वक रोकना), 352 (बिना उकसावे के हमला करना), 504 (अपमान, गाली-गलौज, शांति भंग) और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वीडियो में धमकाते दिखे नरसिंहानंद

बीबीसी हिंदी ने इस घटना का वीडियो शेयर किया है. इसमें ये स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे भड़काऊ भाषण को लेकर सवाल किए जाने पर यति नरसिंहानंद नाराज हो गए और रिपोर्टर को धमकाने लगे. रिपोर्टर ने नरसिंहानंद से सवाल किया
'कानून के जानकारों का मानना है कि जिस तरह से आपने भड़काऊ बयानबाजी की है, उसे लेकर आप पर यूएपीए (आतंक विरोधी कानून) लगना चाहिए.'
इसी पर नरसिंहानंद भड़क गए और अपनी सफाई देने लगे,
'मैंने कोई आतंकी गतिविधि नहीं की है.'
इसके बाद रिपोर्टर ने साक्ष्यों के साथ और सवाल उनसे पूछे तो नरसिंहानंद की आवाज तेज होती गई. वो धमकाने वाले रवैये में बात करने लगे. इस बीच पत्रकार ने उन्हें रोका और कहा कि आराम से बात कीजिये, जिससे शब्दों की मर्यादा बनी रहे. इतना सुनते ही यति आपा खो बैठे और माइक उठा कर फेंक दिया. बोले,
'तुझे यहीं पिटना है क्या!'
इसके बाद उनके समर्थक उन्हें रोकने की कोशिश करने लगे, लेकिन नरसिंहानंद पत्रकारों को धमकी देते रहे. इस बीच कुछ लोग आए और बीबीसी का कैमरा बंद करा दिया. बीबीसी ने अपने इस वीडियो के आखिर में बताया है,
'यति नरसिंहानंद के माइक हटाते ही वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने बीबीसी की टीम के साथ गाली-गलौज और धक्का मुक्की शुरू कर दी. उन्होंने धमकियां दीं और टीम को काफी देर तक जबरन रोके रखा. इसके बाद पुलिस आई और बीबीसी की लिखित शिकायत पर यति नरसिंहानंद और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.'
हेट स्पीच मामले में नरसिंहानंद के एक अन्य सहयोगी वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को भी गिरफ्तार किया गया है. यति उनकी रिहाई को लेकर उपवास कर रहे थे. तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. बार-बार हेट स्पीच देते हैं नरसिंहानंद? उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले महीने (दिसंबर 2021) आयोजित धर्म संसद के एक आयोजक यति नरसिंहानंद ही थे. इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले वक्ताओं ने मुसलमान समुदाय के खिलाफ खुलकर नफरती बयानबाजी की थी. आलम ये था कि कार्यक्रम में भाग लेने आए धार्मिक नेताओं ने मुसलमानों के नरसंहार का खुला आह्वान भी किया था. यहां नरसिंहानंद ने कहा था कि वो 'हिंदू प्रभाकरण' बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये का इनाम देंगे. वो भारत में प्रतिबंधित एक सशस्त्र संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) के संस्थापक और नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरण का जिक्र कर रहे थे. इस संगठन ने श्रीलंकाई तमिलों के लिए एक स्वतंत्र राज्य के लिए लड़ाई लड़ी थी. एलटीटीई और प्रभावकरण को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत के लिए जिम्मेदार माना जाता है. ये पहला मौका नहीं था जब यति नरसिंहानंद ने नफरती सोच या गतिविधि का समर्थन किया. पिछले साल मार्च महीने में गाजियाबाद के डासना मंदिर में पानी पीने गए एक 14 वर्षीय मुस्लिम लड़के की शृंगी नंदन यादव नाम एक शख्स ने क्रूरता से पिटाई की थी. इस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नरसिंहानंद ने उसका खुला समर्थन किया था. इसके अलावा नरसिंहानंद ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोहम्मद पैगंबर के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. तब भी धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसके अलावा नरसिंहानंद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया और दारुल उलूम देवबंद को लेकर भी भड़काऊ टिप्पणी कर चुके हैं. उनका दावा है कि इन संस्थानों के छात्र भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा नहीं रख सकते और भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को बनाए नहीं रख सकते हैं. मुसलमानों के साथ-साथ नरसिंहानंद महिलाओं के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणी करते रहे हैं. इसे लेकर गाजियाबाद पुलिस ने सितंबर, 2021 ने नरसिंहानंद के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की थीं. मामला सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से जुड़ा हुआ था, जिसमें नरसिंहानंद मंदिर परिसर में बैठे नजर आ रहे थे और हिंदू महिलाओं के अन्य धर्म के पुरुषों के साथ संबंधों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी इस पर संज्ञान लिया था और जल्द मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. हाल में नरसिंहानंद ने महिलाओं को लेकर एक और आपत्तिजनक बयान दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि जो महिला केवल एक बेटा पैदा करे उसे महिला नहीं मानना चाहिए. यति ने कहा था- जिन मां-बाप ने एक बेटा पैदा किया वो मां-बाप तो राक्षस हैं, सांप हैं. उस मां को नागिन से कम मत मानो जो केवल एक बेटा पैदा कर दे, जिसने अपनी मर्जी से एक बेटा पैदा किया ऐसी मां को औरत मत मानना, उसे मानना कि वो नागिन है, जो अपने बच्चों की मौत का कारण बनेगी.

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