अखिलेश यादव. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष. शनिवार, 6 नवंबर को लखनऊ में जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि पार्टी जहां से कहेगी, वहां से चुनाव लडूंगा’. इस पर अखिलेश यादव ने कहा,
बाबा को कह दीजिए कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. जाने वाले से क्या लेना देना.
अखिलेश यादव से पूछ गया कि क्या आप चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-
समाजवादी पार्टी ने तय किया है और समाजवादी पार्टी तय करेगी. चुनाव होगा तो मैदान में होंगे चुनाव में. पार्टी तय करेगी. और जब चुनाव मैदान में हैं तो चुनाव से कैसे पीछे हटेंगे.
CM Yogi Adityanath should not contest upcoming Assembly polls in 2022 as he is going to lose this time: Samajwadi party chief Akhilesh Yadav in Lucknow pic.twitter.com/Blgm1idhQt
— ANI UP (@ANINewsUP) November 6, 2021
एक पत्रकार ने अखिलेश से मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर कॉन्टेक्स्ट क्लियर करने की बात कही. इस पर अखिलेश बोले,
क्यों करें कॉन्टेक्स्ट क्लियर, मैं तो कहूंगा दोबारा किताबें पढ़नी चाहिए इन लोगों को.
अखिलेश के इस बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा,
मैं चाहूंगा कि अखिलेश यादव स्वयं आगे आकर अपना नार्को टेस्ट कराएं. जिन्ना का गुणगान करने वाले पाकिस्तान चले जाएं. भारत में जिन्ना जिंदाबाद करने वालों , जिन्ना का विचार रखने वालों और जिन्ना के प्रति मन में भाव रखने वाले लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है.
मंत्री का कहना है कि अखिलेश यादव किस भाव से प्रेरित होकर, किस दबाव और किस लालच में जिन्ना की जयकार और गुणगान कर रहे हैं, उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए.’वहीं बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा,
“जिन्ना के बयान पर अडिग रहकर अखिलेश यादव जी यह साबित कर रहे हैं कि उनके लिए वो वोट बैंक अभी भी प्यारा है जो भारत-पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान के जीतने पर पटाखा फोड़ने का काम करता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह सरदार वल्लभ भाई पटेल और महात्मा गांधी की तुलना मोहम्मद अली जिन्ना से कर रहे हैं और अपने इस बयान पर वो अभी भी अडिग हैं.
उन्होंने आगे कहा-
अखिलेश यादव को यह बयान महंगा पड़ेगा, क्योंकि इस देश की धरती पर मोहम्मद अली जिन्ना का महिमा मंडन स्वीकार नहीं किया जा सकता. जब-जब यह देश मोहम्मद अली जिन्ना को याद करता है, तो विभाजन की त्रासदी याद आती है. लाखों लोगों का पलायन याद आता है. हजारों लोगों की मौत याद आती है. मां-बहनों के साथ अत्याचार याद आता है.
अखिलेश यादव ने 31 अक्टूबर को हरदोई की एक जनसभा में कहा था,
“सरदार (वल्लभ भाई) पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़े और बैरिस्टर बनकर आए थे. एक ही जगह पर उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की. वो बैरिस्टर बने. उन्होंने आजादी दिलाई.”
एसपी अध्यक्ष अखिलेश ने कहा था कि आज, जो लोग देश को एकजुट करने की बात कर रहे हैं, वे हमें और आपको जाति और धर्म के आधार पर विभाजित कर रहे हैं.
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