अप्रैल की शुरुआत में आगरा की इमली वाली मस्जिद के बाहर सड़क पर बिना अनुमति के नमाज़ पढ़ी गई थी. नमाज़ियों की संख्या अधिक होने के कारण यातायात में रुकावट आई और इसके बाद स्थानीय पुलिस ने धारा-144 का उल्लंघन और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धाराएं लगाकर केस दर्ज किया था. इसमें तीन नामज़द और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. अब सोशल मीडिया पर सड़क पर नमाज़ पढ़ने से जुड़ा दावा वायरल हो रहा है.
वायरल दावे में एक तस्वीर है, जिसमें दो लड़के हाथ में बैनर पकड़े नज़र आ रहे हैं. बैनर पर लिखा है –
बराए मेहरबानी कोई भी नमाज़ी मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज़ न पढ़े. मुतवल्ली, दरबार वाली मस्जिद. भवानी नगर, मेरठ.
दावा है कि –
आगरा में बिना अनुमति सड़क पर नमाज़ पढ़ने से हुई FIR के बाद अब मेरठ में मस्जिद के बाहर पोस्टर लगाकर सड़क पर नमाज़ न पढ़ने की अपील की जा रही है.
पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा – (आर्काइव)
आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर दी जिसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर नमाज कोई न पढ़े. कानून का कड़ाई से पालन हो,तो कानून तोड़ने वाले खुद सुधर जाएंगे, #योगी जी का यूपी इसकी मिसाल पेश कर रहा है.
आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर दी जिसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर नमाज कोई न पढ़े।
कानून का कड़ाई से पालन हो,तो कानून तोड़ने वाले खुद सुधर जाएंगे, #योगी जी का यूपी इसकी मिसाल पेश कर रहा है। pic.twitter.com/6TzRlHejXK
कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने ऐसे ही दावे शेयर किए. (आर्काइव)
आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर दी जिसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर नमाज कोई न पढ़े।
कानून का कड़ाई से पालन हो,तो कानून तोड़ने वाले खुद सुधर जाएंगे, योगी जी का यूपी इसकी मिसाल पेश कर रहा है। pic.twitter.com/2sTdHNEy9I
— POONAM MISHRA ( BJP ) (@POONAMMISHRA_MP) April 23, 2022
वायरल दावा
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज़ न पढ़ने के बैनर वाली तस्वीर साल 2019 की है.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने शेयर हो रही तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा तो हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 16 अगस्त, 2019 को पोस्ट किया गया एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में वायरल तस्वीर मौजूद है. (आर्काइव)
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर मिले आर्टिकल का स्क्रीनशॉट.
आर्टिकल में मिली जानकारी के मुताबिक –
मेरठ में पुलिस ने ऐसी 4 मस्जिदों को चिन्हित किया था, जहां जुम्मे वाले दिन नमाज़ियों की तादाद ज्यादा होने के कारण सड़क पर यातायात व्यवस्था प्रभावित होता थी. इस वजह से कई बार पुलिस को रूट डाइवर्ट भी करना पड़ता था. जिसके बाद एसएसपी अजय साहनी ने सभी उलेमाओं से सड़क पर नमाज़ न पढ़ने की अपील की थी. चिन्हित मस्जिदों में से एक भवानी नगर मस्जिद के बाहर इंतजामिया कमिटी ने नमाज़ियों से सड़क पर नमाज़ न पढ़ने का बैनर लगाया था. जिसके बाद अगले जुम्मे सड़क छोड़कर फुटपाथ वाले हिस्से पर नमाज़ अदा की गई थी.
साथ ही कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें मेरठ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से 16 अगस्त, 2019 को पोस्ट किया गया एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में मेरठ पुलिस ने ये साफ किया है कि तस्वीर में दिख रहा पोस्टर पटेल मण्डप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने लगवाया था. (आर्काइव)
इससे साफ है कि वायरल तस्वीर पुरानी है जिसे 2019 में शेयर किया गया था. इसका आगरा में हुई FIR की घटना से कोई संबंध नहीं है
नतीजा
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ. मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज़ न पढ़ने के बैनर वाली तस्वीर साल 2019 की है. वायरल तस्वीर में दिख रहा बैनर मेरठ के पटेल मंडप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने लगवाया था. शेयर हो रही तस्वीर का आगरा में नमाज़ पढ़ने वाली घटना से कोई संबंध नहीं है.
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दावा
आगरा में बिना अनुमति सड़क पर नमाज़ पढ़ने से हुई FIR के बाद अब मेरठ में मस्जिद के बाहर पोस्टर लगाकर सड़क पर नमाज़ न पढ़ने के लिए अपील की जा रही है.
नतीजा
मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज़ न पढ़ने के बैनर वाली तस्वीर साल 2019 की है. वायरल तस्वीर में दिख रहा बैनर मेरठ के पटेल मंडप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने लगवाया था.
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