पड़ताल: क्या महिला पत्रकार ने राकेश टिकैत को बदनाम करने की कोशिश की? जानिए सच
सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि रिपब्लिक भारत की एक महिला पत्रकार ने किसान नेता राकेश टिकैत को बदनाम करने की कोशिश की.
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दावा
19 नवंबर 2021 को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. इस घोषणा के बाद केन्द्र सरकार को उम्मीद थी कि किसान अब लगभग 1 साल से ज्यादा लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन को खत्म करेंगे. लेकिन किसान नेताओं ने MSP
पर कानून बनाने जैसे मुद्दों की मांग करते हुए अपना आंदोलन जारी रखा हुआ है. इन किसान नेताओं के प्रमुख चेहरों में से एक हैं राकेश टिकैत, जिन्हें लेकर सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल दावे में 43 सेकेंड का एक वीडियो
है. दावे का कैप्शन अंग्रेजी में है, जिसका हिंदी अनुवाद है-
'पत्रकारिता का स्तर. रिपब्लिक भारत की एक महिला पत्रकार ने किसान नेता राकेश टिकैत को बदनाम करने की कोशिश की. लेकिन उसका स्टंट गलत हो गया क्योंकि राकेश टिकैत सतर्क रहे और उसे बेनकाब कर दिया.'
This is Republic Bharat
Posted by Pradeep Baghel
on Friday, 3 December 2021
ट्विटर यूजर्स ने भी इंकलाब इंडिया फेसबुक पेज पर अपलोड हुए वीडियो के लिंक को ट्वीट
किया. लिंक पर क्लिक करने पर हमें Video unavailable का मैसेज दिखाई दिया. (आर्काइव
)
हमने इंकलाब इंडिया के फेसबुक पेज पर वायरल वीडियो को खोजा तो पता चला कि वीडियो फेसबुक पेजपुराना शौक तो यही है, और धंधा भी यही है। पत्रकारिता तो सिर्फ टाइमपास ही है।https://t.co/XARPP82YAl
— Deep Raj (@DeepRaj30792098) December 3, 2021
से डिलीट की जा चुकी है. पड़ताल 'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. वीडियो में दिख रहीं दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है. वायरल वीडियो के पहले हिस्से की पड़ताल हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत वायरल वीडियो के पहले हिस्से से की. रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें वायरल वीडियो के पहले हिस्से का लंबा वर्जन ट्विटर पर मिला. ट्विटर यूजर गगनदीप सिंह ने ये वीडियो 30 दिसंबर, 2020 को ट्वीट किया
था. ट्वीट का कैप्शन है,
'दिस इज़ द लेवल ऑफ जर्नलिज्म. बांहों में बांहें डाल! हो क्या रहा है ये #farmersprotest'
This is the level of journalism ! Bahon main bahien daal ! Ho kya rha hai yeh #farmersprotestवीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि राकेश टिकैत के कंधों पर हाथ ज़ी न्यूज की महिला रिपोर्टर ने रखा है न कि रिपब्लिक की रिपोर्टर ने. यहां से क्लू लेकर हमने घटना के बारे में कीवर्ड्स की मदद से यूट्यूब सर्च शुरू की. यूट्यूब चैनल News India 24
@pressguild
@PressClubDC
@newslaundry
pic.twitter.com/rG5m9xo2YX
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) December 30, 2020
ने 31 दिसंबर, 2020 को घटना का अपने चैनल पर अपलोड किया था. इस यूट्यूब वीडियो का टाइटल है, 'Rakesh Tikait के साथ Zee News की Lady Reporter ने कर दी ऐसी हरकत, सब हुए हैरान !' कुल मिलाकर वीडियो के पहले हिस्से की पड़ताल करने पर यह साफ हो जाता है कि राकेश टिकैत के कंधे पर हाथ रिपब्लिक की रिपोर्टर ने नहीं बल्कि ज़ी न्यूज़ की रिपोर्टर ने रखा था. वायरल वीडियो के दूसरे हिस्से की पड़ताल अब बारी है वायरल वीडियो के दूसरे हिस्से की पड़ताल की. दूसरे हिस्से की पड़ताल के लिए हमने यूट्यूब पर कीवर्ड्स सर्च किया. यूट्यूब पर रिपब्लिक भारत चैनल के आधिकारिक चैनल पर 1 दिसंबर, 2021 को वायरल वीडियो के दूसरे हिस्से के लंबे वर्जन को
अपलोड किया गया है. इस यूट्यूब वीडियो का टाइटल है, 'Republic Bharat के सवालों से बौखलाए Rakesh Tikait, Reporter को दी धमकी | Tikait Vs Reporter Video'
वायरल वीडियो के दोनों हिस्सों में लगभग एक साल का अंतर है और ये दो अलग-अलग घटनाएं हैं. नतीजा हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ. वायरल वीडियो के पहले हिस्से में हुई घटना दिसंबर 2020 की है, जिसका संबंध ज़ी न्यूज़ चैनल की महिला रिपोर्टर से है. जबकि वीडियो के दूसरे हिस्से में दिखाई दे रही घटना दिसंबर, 2021 की है, जिसमें राकेश टिकैत और रिपब्लिक भारत चैनल की महिला रिपोर्टर को एक-दूसरे के ऊपर चिल्लाते हुए सुना जा सकता है.
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