दावा
सोशल मीडिया पर एक आदमी के लोकल ट्रेन में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में ट्रेन रुकने पर कई लोग ट्रेन में चढ़ते हैं, लेकिन आदमी को नमाज़ पढ़ता देख दूसरी सीटों पर जाकर बैठ जाते हैं. दावा है कि ये वीडियो मुंबई लोकल ट्रेन का है जहां एक आदमी सीट पर नमाज़ पढ़ रहा है. साथ ही दावे में पूछा जा रहा है कि ये किस तरह का जिहाद है.
बॉलीवुड फ़िल्ममेकर अशोक पंडित ने वायरल वीडियो को ट्वीटकर लिखा, (आर्काइव)
मैंने मुंबई की लोकल ट्रेनों में भजनों पर प्रतिबंध लगाने के रेलवे अधिकारियों के फैसले का समर्थन किया था. मैं अब लोकल ट्रेन में नमाज अदा करने के इस कृत्य की निंदा करता हूं.
I hd endorsed d decision of railway authorities banning bhajans in local trains of Mumbai .
I nw condemn ds act of performing namaaz in a local train.
This act of forcing Ur religion on public should b widely condemned by d muslim community itself bec ds is nt true Islam. pic.twitter.com/eqjssejwZv— Ashoke Pandit (@ashokepandit) December 19, 2021
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता खेमचंद शर्मा वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए शिवसेना सरकार पर खूब बरसे. खेमचंद का दावा अंग्रेज़ी में है, जिसका हिंदी अनुवाद है- (आर्काइव)
मुंबई में चलती लोकल ट्रेन में मुस्लिम पैसेंजर ने नमाज अदा की. नमाज़ के लिए सीट पर भी खड़े हो गए, एक स्टॉप से ट्रेन में चढ़े यात्रियों को सीट खोजने के लिए हाथापाई करनी पड़ी.
#LandJihad और #LoveJihad के बाद ये कैसा जिहाद है?
धिक्कार है #ShivSena सरकार की ऐसी बकवास पर.
Muslim Passenger offered Namaz in a moving local train in Mumbai even stood up on the seat bench meanwhile, passengers boarded this train at a stop were scrambled to find a seat.
What kind of Jihad is this after #LandJihad & #LoveJihad?
Shame on #ShivSena govt 4 such nonsense. pic.twitter.com/Hs0eSfmeaw
— khemchand sharma #Brajwasi #RadheRadhe (@SharmaKhemchand) December 20, 2021
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ न्यूज़ वेबसाइट ने वायरल वीडियो को मुम्बई का बताकर पब्लिश किया है. (आर्काइव)

पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक निकला. वीडियो मुंबई नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल में कोलकाता शहर का है.
दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल वीडियो को गौर से सुना. वीडियो में 30 सेकेंड पर एक अनाउंसमेंट सुनाई देता है, जिसमें कहा जाता है कि – ‘ये पार्क सर्कस स्टेशन है.’ गूगल पर सर्च करने पर पता चला कि पार्क सर्कस स्टेशन कोलकाता में मौजूद एक रेलवे स्टेशन है. ये सियालदह रेलवे डिवीज़न के अंतर्गत आता है. मुंबई में अभी पार्क सर्कस नाम से कोई भी रेलवे स्टेशन नहीं है.

साथ ही वीडियो में दिख रहे यात्री हिंदी या मराठी नहीं बल्कि बांग्ला भाषा में बात कर रहे हैं. ट्रेन रुकने पर जो लोग ट्रेन में चढ़ते हैं, वो भी बांग्ला भाषा बोल रहे हैं.
नतीजा
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में नमाज़ पढ़ते आदमी के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक निकला. ये वीडियो मुंबई नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल का है. वीडियो में दिख रही ट्रेन कोलकाता के पार्क सर्कस स्टेशन से गुज़र रही है.
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पड़ताल: स्क्रिप्टेड वीडियो को मुस्लिम महिला और बच्चा चोरी से जोड़कर शेयर किया