दावा
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना से काफ़ी तबाही हुई है. पड़ताल पब्लिश होने तक आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, 32 शव बरामद हुए हैं और 197 से ज़्यादा लोग लापता हैं. SDRF और NDRF के अलावा ITBP की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं.
इस बीच दुनियाभर में अपने राहत कार्यों के लिए प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी संगठन- ख़ालसा ऐड के राहत कार्यों के नाम पर कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें उत्तराखंड में आई आपदा के बाद शुरू किए गए राहत कार्यों की हैं.
फेसबुक यूज़र जसविंदर सिंह ने दो फोटोज़ का एक कोलाज पोस्ट किया है. पहली तस्वीर में ट्रॉली पर खड़े कुछ वॉलंटियर्स दिख रहे हैं और नीचे कमरभर पानी में फंसे लोग हैं. दूसरी तस्वीर में लाइफ जैकेट पहना एक वॉलंटियर पानी में फंसे आदमी का हाथ थाम मदद कर रहा है. जसविंदर सिंह ने इन दोनों तस्वीरों को उत्तराखंड का बताया है.
हम बिना कोई भाषाई बदलाव किए ज्यों का त्यों आपको बता रहे हैं-
उत्तराखंड वालो घबराओ मत जिन्हें ये देश का मीडिया खालिस्तानी आतंकवादी कहता है वही आतंकवादी तुम्हारी जान बचाने आए है!
बिकाऊ मीडिया ने जिन्हें #खालिस्तानी नाम से नवाजा उसके बावजूद #Khalsa_Aid एक बार फिर उत्तराखंड में जरूरतमंद की सेवा में जुट गए है! दिल से सलाम करता हूं इस सेवा और जज्बे को ❤🙏(आर्काइव लिंक)
उत्तराखंड वालो घबराओ मत जिन्हें ये देश का मीडिया खालिस्तानी आतंकवादी कहता है वही आतंकवादी तुम्हारी जान बचाने आए…
Posted by Jasvinder Singh on Monday, 8 February 2021
कोलाज के अलावा अकेले भी इन तस्वीरों को शेयर किया जा रहा है.
फेसबुक यूज़र गुरसेवक ग्रेवाल ने कटाक्ष करते हुए फेसबुक पर एक तस्वीर शेयर की. कैप्शन पंजाबी में है, हम हिंदी अनुवाद यहां लिख रहे हैं-
“आतंकवादी उत्तराखंड पहुंच चुके हैं. हम बुरे लोग हैं जनाब और काम भी बुरे वक्त में ही आते हैं. हर मैदान फतह. #PrayForUttarakhand. मोदी सरकार मुर्दाबाद.”
ਉਤਰਾਖੰਡ ਚ ਆਤੰਕਵਾਦੀ ਪੁਹੰਜ ਗਏ …..ਅਸੀ ਮਾੜੇ ਲੋਕ ਆ ਜਨਾਬ ਤੇ ਕੰਮ ਵੀ ਮਾੜੇ ਵਕਤ ਚ ਈ ਆਈ ਦਾ 😔😔🙏 ਹਰ ਮੈਦਾਨ ਫਤਹਿ 🙏🙏🙏🌹🌹
#PrayForUttarakhandਮੋਦੀ ਸਰਕਾਰ ਮੁਰਦਾਬਾਦ
Posted by Gurusevak Grewal on Monday, 8 February 2021
फेसबुक यूज़र सिमरन ने भी कटाक्ष करते हुए फोटो को उत्तराखंड का बताकर शेयर किया है. (आर्काइव)
ਸਾਨੂੰ ਮਾਣ ਹੈ ਸਾਡੇ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਤੇ ਕੱਲ ਉਤਰਾਖੰਡ ਚ ਵੀ ਪਹੁੰਚ ਗਏ🙏🙏 2% ਵਾਲੇ ਸੇਅਰ ਜਰੂਰ ਕਰਿਉ। #khalsaaid
Posted by Simran on Monday, 8 February 2021
ऐसे दर्जनों यूज़र्स ने फेसबुक पर यही दावा किया है.
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में दोनों तस्वीरें अलग-अलग जगहों की निकलीं. पहली तस्वीर, जिसमें वॉलंटियर ट्रॉली में खड़े दिख रहे हैं, वो पटना, बिहार की है. वहीं दूसरी तस्वीर, जिसमें एक वॉलंटियर बाढ़ प्रभावित शख़्स का हाथ थाम रहा है, वो कश्मीर की है.
1. ट्रॉली में खड़े वॉलंटियर्स
वायरल हो रही ये तस्वीर साल 2019 की है. ख़ालसा ऐड ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर खुद ये तस्वीर पोस्ट की थी, जहां लोकेशन पटना बताई गई है.
तस्वीर को ध्यान से देखने पर ट्रॉली के साथ टंगे बोर्ड के एक हिस्से पर Relief- 2019 लिखा हुआ है. इसके अलावा उत्तराखंड में पानी भरने की कोई ऐसी तस्वीरें या वीडियो अबतक सामने नहीं आया, जैसा वायरल तस्वीर में दिख रहा है. उत्तराखंड के जिन इलाकों में ये सैलाब आया है, वो बर्फ़ीले इलाक़े हैं. ऐसे में कोई बिना कपड़ों या मात्र टी-शर्ट, शर्ट में खड़ा हो, ये भी नामुमकिन जैसा है.
सच्चाई जानने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया. हमें ख़ालसा ऐड के ट्विटर अकाउंट पर 4 अक्टूबर 2019 के एक ट्वीट में वायरल तस्वीर मिली. ख़ालसा ऐड ने ट्वीट में इसे बिहार के पटना का बताया है.
Bihar Floods
Our @khalsaaid_india team has reached Patna,Bihar. We are delivering emergency aid as well as carrying out further assessments of the flood affected areas.
Thank you for your support.
#BiharFloods #Seva #khalsaaidindia #KhalsaAid pic.twitter.com/EuQwxsNXeh— Khalsa Aid (@Khalsa_Aid) October 4, 2019
4 अक्टूबर 2019 को ही ख़ालसा ऐड ने अपने वेरिफाइड फेसबुक पेज पर राहत कार्यों का एक वीडियो भी पोस्ट किया है.
Bihar Floods (ਬਿਹਾਰ ਹੜ੍ਹ) :
We are delivering emergency aid as well as carrying out further assessments of the flood affected areas.
Thank you for your support🙏🏼
#biharfloods #khalsaaidindia #sewa #humanityfirst #onelovePosted by Khalsa Aid International on Thursday, 3 October 2019
कई मीडिया रिपोर्ट्स से इस बात की पुष्टि होती है कि अक्टूबर 2019 में बिहार में बाढ़ आई थी. पटना के कई इलाक़े डूब गए थे.

2. बाढ़ प्रभावित का हाथ थामता वॉलंटियर
सोशल मीडिया पर वायरल ये तस्वीर कश्मीर में आई बाढ़ की है. सितंबर 2014 में कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर के हिस्सों में बाढ़ आई थी. उस वक्त भी ख़ालसा ऐड की टीम राहत कार्यों के लिए कश्मीर पहुंची थी. 25 फरवरी 2015 को ख़ालसा ऐड ने अपने वेरिफाइड फेसबुक पेज पर ये तस्वीर शेयर करते हुए ख़ालसा ऐड और जम्मू-कश्मीर सिख प्रोफेशनल्स के वॉलंटियर्स को सेल्यूट करने की बात लिखी थी. (आर्काइव लिंक)
We SALUTE the Khalsa Aid and JKSP volunteers who were the first on the ground helping in the Kashmir floods last…
Posted by Khalsa Aid International on Wednesday, 25 February 2015
साल 1999 में ख़ालसा ऐड की स्थापना करने वाले रवि सिंह (रविंदर सिंह) ने भी 25 फरवरी 2015 को यही तस्वीर ट्वीट की थी. उन्होंने अपने ट्वीट में हुर्रियत के चेयरमैन मीरवाइज़ उमर फारूख़ को भी टैग किया था. (आर्काइव)
JKSP & @Khalsa_Aid volunteers assisting in Kashmir floods last year in extreme conditions. #HEROES ! @MirwaizKashmirpic.twitter.com/GoZQidAyP9
— ravinder singh (@RaviSinghKA) February 25, 2015
मीडिया ने कश्मीर की तस्वीर को केरल का बताया
देश के बड़े मीडिया संस्थानों की वेबसाइट्स पर कश्मीर बाढ़ की तस्वीर को केरल का बताया गया है. केरल में 2018 में बड़े स्तर पर बाढ़ आई थी. ‘द ट्रिब्यून‘, ‘न्यूज़ 18‘, ‘द बेटर इंडिया‘, ‘स्कूपव्हूप‘, और ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया‘ जैसे संस्थानों ने इस तस्वीर को केरल का बताया है.
जबकि, ख़ालसा ऐड के सोशल मीडिया हैंडल्स पर मौजूद मूल जानकारी के मुताबिक, ये तस्वीर कश्मीर में 2014 में आई बाढ़ की है.
(आर्काइव लिंक- द ट्रिब्यून‘, ‘न्यूज़ 18‘, ‘द बेटर इंडिया‘, ‘स्कूपव्हूप‘, और ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
इस तस्वीर के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए हमने ख़ालसा ऐड के एशिया पेसिफ़िक हेड अमरप्रीत सिंह से बात की. उन्होंने बताया,
ये कश्मीर में आई बाढ़ के वक्त की तस्वीर है. जो वॉलंटियर बाढ़ में फंसे शख़्स का हाथ थामे दिख रहा है, वो कश्मीर का ही रहने वाला है. इस समेत कुछ तस्वीरों को उत्तराखंड का बताकर शेयर किया जा रहा है. हम संगत की भावनाओं को समझते हैं, लेकिन ये तस्वीरें उत्तराखंड की नहीं हैं. हमारी टीम वहां पहुंच चुकी है और लगातार सेवा कर रही है. हम अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के ज़रिए लगातार उत्तराखंड रिलीफ़ कैंपन की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं.
अमरप्रीत ने 8 फरवरी को अपने वेरिफाइड फेसबुक पेज पर लाइव आकर उत्तराखंड आपदा में उनकी संस्था की ओर से किए जा रहे राहत कार्यों पर जानकारी दी थी.
Update : Uttrakhand Disaster
Posted by Amarpreet Singh Khalsa Aid on Monday, 8 February 2021
ख़ालसा ऐड ने उत्तराखंड में 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब के बाद राहत कार्य शुरू किए हैं. उत्तराखंड पहुंची टीम प्रभावित इलाक़े से अपडेट देते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया है.
Uttarakhand Floods
Our volunteers have reached the affected areas. 🙏🏻🙏🏻
#uttarakhand#Floodspic.twitter.com/2BbG6ntHTl— Khalsa Aid (@Khalsa_Aid) February 9, 2021
इसके अलावा कुछ तस्वीरें भी ट्वीट की हैं.
Uttarakhand disaster update.
Volunteer teams are presently in Raini village of Chamoli district preparing langar for people affected by the flash floods.
Watch this space for regular updates.#uttarakhandrelief#disasteraid#sarbatdabhalla#volunteers#khalsaaidindiapic.twitter.com/GM99Qm64uC
— Khalsa Aid India (@khalsaaid_india) February 10, 2021
नतीजा
ख़ालसा ऐड की जिन तस्वीर को उत्तराखंड का बताया जा रहा है, वो साल 2019 में बिहार के पटना में आई बाढ़ और साल 2014 में कश्मीर में आई बाढ़ की हैं. उत्तराखंड में आए सैलाब के बाद ख़ालसा ऐड की टीम प्रभावित इलाक़े में पहुंची है और राहत कार्यों में जुटी हुई है. लेकिन ये तस्वीरें उत्तराखंड राहत कार्यों की नहीं हैं.
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