बीते दिनों नागालैंड के मोन जिले में हुई गोलीबारी की घटना में असम राइफल्स के एक जवान समेत कुल 15 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना को आधार बनाकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है.
दावा
वायरल वीडियो में सेना की वर्दी पहने कुछ जवान और लोगों के बीच झड़प होती नजर आ रही है.वीडियो में दिख रहे सभी जवान बंदूकों से लैस हैं जबकि पास खड़े लोगों ने हाथ में लंबे चाकूनुमा हथियार पकड़ रखे हैं. झड़प तब शुरू होती है जब पास खड़ा एक व्यक्ति सेना के जवान की गर्दन पर चाकू रखकर उसे धमकाने की कोशिश करता है. बदले में सेना का एक जवान जमीन पर फायरिंग कर उस व्यक्ति को रोकने की कोशिश करता नजर आता है.
दावा है कि ये वीडियो नागालैंड में 4 दिसंबर 2021 को हुई गोलीबारी की घटना का है. सोशल मीडिया यूजर्स लिख रहे हैं कि उकसाये जाने पर भी आर्मी के जवान कभी भी पहले वार नहीं करते. खुद को पूर्व रक्षा अधिकारी बताने वाले ऐ. के. नैथनी (A K Naithani) ने वायरल वीडियो ट्वीट कर अंग्रेज़ी में कैप्शन दिया है, जिसका हिंदी अनुवाद है – (आर्काइव)
‘इस तरह उकसाने पर कोई कैसी प्रतिक्रिया देता है? सैनिकों द्वारा दिखाए गए संयम पर ध्यान दें. आप अपना निष्कर्ष निकाल सकते हैं.’
How does one react to such provocation ? Notice the restraint shown by the armed soldiers …… *NOT TRIGGER HAPPY !* …._may draw your own conclusion._ pic.twitter.com/zrYM2L6LI2
— A K Naithani (@Anju1304) December 7, 2021
बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने वायरल वीडियो को ट्वीट कर लिखा, (आर्काइव)
‘सेना का धैर्य देखिए’
सेना का धैर्य देखिए🙏 pic.twitter.com/4jGsJuurml
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) December 10, 2021
कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी वायरल वीडियो को शेयर कर नागालैंड की घटना से जोड़ा, (आर्काइव)
REMEMBER INDIA !!
Soldiers don’t fire unless attacked upon, even then they warn first
See this video, you will know #NagalandFiring#NagalandFiringIncidentpic.twitter.com/VrFuewHd3Y— やคค℘i やuภℽคtmค ☠ ᵀᴹ°᭄ (@PaapiPunyatma) December 7, 2021
#AmritaAgarwal7 RT @mjavinod: REMEMBER INDIA
Soldiers don’t fire unless attacked upon, even then they warn first
See this video, you will know #NagalandFiring
pic.twitter.com/oaASxfliDm— Amrita Agarwal (@AmritaAgarwal7) December 7, 2021
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक निकला. वायरल वीडियो नागालैंड में हुई घटना का नहीं, बल्कि कोलंबिया का है.
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के एक फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा. सर्च से हमें CABLENOTICIAS TV के यूट्यूब चैनल पर 5 जनवरी, 2018 को पोस्ट की गई एक न्यूज़ रिपोर्ट का वीडियो मिला. इस वीडियो का टाइटल स्पैनिश भाषा में है, जिसका हिंदी अनुवाद है-
‘कोरिंटो,काउका में मिलिट्री और स्थानीय लोगों में टकराव.’
साथ ही वीडियो से जुड़े कीवर्ड्स को सर्च करने पर हमें कोलंबिया की न्यूज़ वेबसाइट El-Tiempo पर 14 जनवरी 2018 को पोस्ट किया गया एक आर्टिकल मिला. (आर्काइव)

आर्टिकल में मिली जानकारी के अनुसार, जब सेना के जवानों ने काउका इलाके के उत्तर से अवैध कब्ज़ा हटाने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों और सेना के जवानों के बीच झड़प शुरू हो गई. साथ ही लिखा है कि पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ हिंसा करने और किसी अन्य की संपत्ति को नुकसान पंहुचाने के अपराध में दो लोगों पर मुकदमा भी चलाया जाएगा.
नतीजा
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक निकला. वायरल वीडियो कोलंबिया में आर्मी के जवान और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प का है. इसे साल 2018 में CABLE NOTICIAS TV यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया गया था. वायरल वीडियो का नागालैंड में हुई गोलीबारी से कोई संबंध नहीं है.
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पड़ताल: प्लेटफॉर्म टिकट से ट्रेन में यात्रा करने के वायरल दावे का सच