दावा
दिल्ली के मंगोलपुरी में 10 फरवरी 2021 को रिंकू शर्मा की हत्या कर दी गई थी. अब सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाता हुआ एक पोस्टर वायरल है. पोस्टर में अरविंद केजरीवाल के अलावा मॉब लिंचिंग में मारे गए मोहम्मद अख़लाक़, तबरेज़ अंसारी, पहलू ख़ान की तस्वीर है. साथ ही रिंकू शर्मा की तस्वीर लगी है. दावा है कि मॉब लिंचिंग में मारे गए “अख़लाक़ के परिवार को केजरीवाल ने 1 करोड़, तबरेज़ और पहलू ख़ान के परिवार को 50-50 लाख रुपये दिए थे, लेकिन रिंकू शर्मा के परिवार को एक पैसा नहीं दिया.”
फेसबुक यूज़र जगदीश डोंगरे ने वायरल पोस्टर पोस्ट करते हुए लिखा है-
“कजरी भैया का सच. शांतिदूतों से बैर नहीं. हिंदुओं तुम्हारी ख़ैर नई”
कजरी भैया का सच
शांतिदूतों से बैर नहीं
हिंदुओं तुम्हारी ख़ैर नईPosted by Jagdish Dongre on Monday, 15 February 2021
(आर्काइव)
ट्विटर यूज़र डॉ. उदिता त्यागी ने भी यही दावा ट्वीट किया है.
कजरी भैया का सच
शांतिदूतों से बैर नहीं
हिंदुओं तुम्हारी ख़ैर नई#hinduvirodhiAAP pic.twitter.com/kVsxrns7Aj
— डॉ उदिता त्यागी (@druditatyagi) February 15, 2021
(आर्काइव)
इसी तरह के तमाम दावे सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में मॉब लिंचिंग में मारे गए लोगों के परिवारों को केजरीवाल सरकार से आर्थिक मदद मिलने का दावा करता वायरल पोस्टर भ्रामक निकला.
अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी(AAP) या दिल्ली सरकार की तरफ़ से मोहम्मद अख़लाक़ और पहलू ख़ान के परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है. झारखंड में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए तबरेज़ अंसारी को दिल्ली सरकार के तहत आने वाले दिल्ली वक्फ़ बोर्ड ने 5 लाख की आर्थिक मदद दी थी.
रिंकू शर्मा मामले में AAP प्रवक्ता राघव चड्ढा ने 14 फरवरी 2021 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमें पार्टी की तरफ से रिंकू शर्मा के परिवार को सामाजिक और आर्थिक मदद देने की बात कही गई. AAP ने केंद्र सरकार से रिंकू शर्मा के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा देने की भी मांग भी की थी.
(आर्काइव)
दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने AAP के केंद्रीय कार्यालय से संपर्क किया. नाम नहीं छापने के आग्रह पर AAP के एक वरिष्ठ नेता ने हमें बताया-
“सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ वायरल ये दावा पूरी तरह फ़ेक है. तीनों केस दिल्ली के नहीं हैं और ना ही AAP या दिल्ली सरकार ने इन्हें कोई मुआवजा दिया है. अरविंद केजरीवाल की छवि को ख़राब करने के लिए इस तरह के साम्प्रदायिक आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं.”
हमने मॉब लिंचिंग के इन मामलों में मारे गए उत्तर प्रदेश के मोहम्मद अख़लाक़, झारखंड के तबरेज़ अंसारी और हरियाणा के पहलू ख़ान के परिवार से संपर्क किया. उनके परिवार से मिली जानकारियां आपको क्रमवार बता रहे हैं.
मोहम्मद अख़लाक़
UP के गौतमबुद्ध नगर जिला के दादरी में 28 सितंबर 2015 को भीड़ ने मोहम्मद अख़लाक की हत्या कर दी थी. दावा किया गया कि अख़लाक़ ने अपने घर में बीफ़ रखा था. लगभग 100 लोगों की इस भीड़ ने अख़लाक़ और उनके बेटे को बेरहमी से पीटा था. अस्पताल ले जाने से पहले ही अख़लाक़ की मौत हो गई थी. उनके बेटे को गंभीर चोटें आई थीं. वायरल दावे के पुष्टि के लिए हमने मोहम्मद अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद से संपर्क किया. उन्होंने लल्लनटॉप को बताया-
“हमें दिल्ली सरकार की तरफ़ से कोई मुआवजा नहीं मिला. अखिलेश जी और मायावती जी ने मुआवजा दिया था. अरविंद केजरीवाल घटना के बाद परिवार से मिलने जरूर आए थे. गांव वालों ने शुरू में उनका विरोध किया था, फिर वो 10 मिनट के लिए घर आए थे. उन्होंने मुआवजा देने का कोई आश्वासन भी नहीं दिया था. अख़लाक़ का केस अभी गौतमबुद्ध नगर कोर्ट में चल रहा है. 5 साल से अधिक हो चुके हैं, हम बस चाहते हैं कि अख़लाक़ को न्याय मिले.”
पहलू ख़ान
हरियाणा के पहलू ख़ान और उनके साथियों पर कथित गोरक्षकों ने गोतस्करी का आरोप लगाकर 3 अप्रैल 2017 को अलवर में हमला किया था. इस घटना में पहलू ख़ान की मौत हो गई थी और कई साथी घायल हो गए थे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, पहलू ख़ान के पास गायों को ले जाने के लिए जयपुर नगर निगम और कई सरकारी कार्यालयों के आधिकारिक आदेश थे. अलवर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट को्र्ट ने मामले में नामज़द सभी 6 अभियुक्तों को बरी कर दिया था. राजस्थान सरकार ने इस फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हमने पहलू ख़ान के बेटे इरशाद से बात की तो उन्होंने बताया-
“हमें दिल्ली सरकार या अरविंद केजरीवाल की तरफ़ से कोई मुआवजा नहीं मिला है. हमें किसी भी सरकार की तरफ़ से कोई मुआवजा नहीं मिला है. अलवर कोर्ट ने हत्या में शामिल लोगों को बरी कर दिया है. इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ हमने और राजस्थान सरकार ने जयपुर हाईकोर्ट में अपील की है.”
तबरेज़ अंसारी
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में 22 साल के तबरेज़ को एक भीड़ ने खंभे से बांध कर पीटा था. तबरेज़ पर चोरी करने का शक था. 22 जून 2019 को अस्पताल में तबरेज़ की मौत हो गई थी. परिवार का आरोप था कि भीड़ ने तबरेज़ से ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे भी लगवाए थे. NDTV की रिपोर्ट (आर्काइव) के मुताबिक़, 10 दिसंबर 2019 को झारखंड हाईकोर्ट से मामले के सभी 6 आरोपियों को जमानत मिल गई थी. ज़्यादा जानकारी के लिए हमने तबरेज़ अंसारी के चाचा मशरुर आलम से संपर्क किया, उन्होंने बताया-
“हमें दिल्ली वक्फ़ बोर्ड की तरफ़ से 5 लाख मुआवजा मिला था. इसके अलावा हमें किसी सरकार की तरफ़ से कोई मुआवजा नहीं मिला. हम रांची हाईकोर्ट में केस लड़ रहे हैं. फ़िलहाल हत्या के सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं.”
हमें किसी भी मीडिया रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार या AAP की तरफ़ से मॉब लिंचिंग मारे गए अख़लाक़, तबरेज़ और पहलू ख़ान के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की कोई जानकारी नहीं मिली.
13 फरवरी 2021 को भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुलाकात कर 5 लाख की सहायता राशि दी थी. दिल्ली भाजपा ने AAP सरकार से रिंकू शर्मा के परिवार को 1 करोड़ आर्थिक सहायता देने की भी मांग की है.
नतीजा
हमारी पड़ताल में मॉब लिंचिंग में मारे गए अख़लाक़, पहलू और तबरेज अंसारी के परिवार को आर्थिक सहायता देने से जुड़ा वायरल पोस्टर भ्रामक निकला. अरविंद केजरीवाल, AAP या दिल्ली सरकार की तरफ मॉब लिंचिंग में मारे गए मोहम्मद अख़लाक़, पहलू ख़ान और तबरेज़ अंसारी को आर्थिक सहायता देने का दावा भ्रामक है. वहीं AAP नेता राघव चड्ढा ने रिंकू शर्मा मामले में परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही है.
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