दावा
वॉट्सऐप पर एक मैसेज धड़ल्ले से शेयर हो रहा है. इस मैसेज में कोरोना वायरस के अलग-अलग टाइप के इलाज के बारे में बताया जा रहा है. इस संदेश में दावा किया जा रहा है कि गर्मी से कोरोना वायरस मर जाता है. साथ ही दावा किया जा रहा है कि ये मैसेज अपोलो अस्पताल, दिल्ली के डॉ. ए. धांति और बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के डॉ. रमेश सिंह की तरफ़ से मिला है.
हम आपको वायरल हो रहा मैसेज बिना भाषाई बदलाव के, ज्यों का त्यों पढ़वा रहे हैं-
-:डॉ० A. Dhanthi:-
(अपोलो हॉस्पिटल दिल्ली)
-: डॉ० Ramesh सिंह:-
(बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग )
से मैसेज मिला है
❤🙏सभी देशवासियों से मेरा अपील है । क्रोना वायरस से लड़ने में हमारे देश का सहयोग करेंगें । आपलोगो को पहले से पता होगा कि गर्मी से करोना वायरस मर जाता है । हमारे मेडिकल टीम ने अभी अभी यह खोज निकाला है कि शरीर के अंदर का तापमान बढ़ा देने से कोरोना का प्रभाव 90% कम हो जाती है । इसके लिए आप नीचे दी गई सभी सामग्रियों का सेवन करना लगातार शुरू कर दे ।
1👉🏻 दिन में 2 बार 2-2 कच्चे लहसुन का सेवन करे ।
2👉🏻 दूध में डाल कर प्रत्येक दिन 1 चम्मच हल्दी का सेवन नियमित करें।
3 👉🏻 अनार एवं पपीता का सेवन जरूर करें।
4 👉🏻 ग्रीन टी का प्रयोग नियमित करें।
5👉🏻 आजवाइन , तुलसी पत्ता , काली मिर्च , अदरक का काढ़ा बनाकर नियमित ले ।
इसे अधिक से अधिक शेयर करे ताकि इसका लाभ शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण इलाकों के लोग भी अधिक से लाभ उठायें

व्हाट्सऐप पर एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है. इस ऑडियो में दावा कोरोना वायरस के घरेलू इलाज के बारे में बताया जा रहा है. ऑडियो के अनुसार, उसे ये इलाज वुहान के एक दोस्त ने बताया है.
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने इस दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में ये दावा ग़लत निकला. इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड्स से ढूंढने पर हमें ब्लूमबर्ग की एकरिपोर्टमिली. इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हवाले से कोरोना वायरस पर तापमान के प्रभाव की ख़बर है. इसमें कहा गया है कि तापमान के बढ़ने से कोरोना वायरस के मरने की बात मानने के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं. इसका संक्रमण किसी भी तरह के इलाके में हो सकता है. इसके अलावा WHO और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की और से Covid-19 से जुड़ी सही जानकारी प्रसारित की जा रही है. दोनों ने कोरोना से राहत देने का दावा करते कथित दावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. आसान भाषा में वो जानकारी हम आपतक पहुंचा रहे हैं.
हमारी पड़ताल में ये तथ्य निकलकर आए-
– लहसुन से शरीर में गर्माहट आती है. लेकिन कोरोना वायरस को खत्म करने में ये प्रभावी नहीं है.
– दूध और हल्दी का सेवन आपके शरीर में कैल्शियल को बढ़ाने में कारगर है. लेकिन कोरोना वायरस से बचाव में इसकी महत्ता का वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है.
– अनार और पपीता से कोरोना वायरस से नहीं बचा जा सकता.
– ग्रीन टी कोरोना वायरस की रोकथाम में कारगर नहीं है.
– इस दावे का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि अजवाइन, तुलसी पत्ता, काली मिर्च और अदरक के काढ़े से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है.

हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वेबसाइट पर जाकर असलियत समझने की कोशिश की. आप भी ये तथ्य जान लीजिए-
– कोरोना वायरस का संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. बुजुर्ग और पहले से गंभीर बीमारियों (अस्थमा, मधुमेह, हृदयरोग) से जूझ रहे लोग इस वायरस का आसान शिकार होते हैं.
– सर्द मौसम और बर्फ़ कोरोना वायरस को नहीं खत्म कर सकता है.
– नम और गर्म जलवायु वाले इलाकों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है.
– मच्छर के काटने से कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होता.
– इस बात के कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं कि पालतू कुत्तों/बिल्लियों से कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है.
– गर्म पानी से नहाने से कोरोना वायरस से नहीं बचा जा सकता.
– हैंड ड्रायर्स कोरोना वायरस को मारने में असरदार नहीं होते.
– अल्ट्रावॉयलेट किरणों से कोरोना वायरस खत्म नहीं होता, ये आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है.
– थर्मल स्कैनर से बुखार के बारे में पता लगाया जा सकता है, लेकिन ये नहीं पता लगाया जा सकता कि उस व्यक्ति को कोरोना वायरस है या नहीं.
– पूरे शरीर पर क्लोरिन या अल्कोहल छिड़ककर बॉडी के अंदर घुस चुके वायरस को खत्म नहीं किया जा सकता.
– निमोनिया की वैक्सीन, जैसे कि निमोकोक्कल वैक्सीन और Hib वैक्सीन से कोरोना वायरस की रोकथाम नहीं होती.
– नमक वाले पानी से लगातार नाक धोने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव होता है, इस दावे के वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं.
– लहसुन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है लेकिन लहसुन खाने से कोरोना वायरस से बचाव नहीं होता.
– एंटीबायोटिक्स वायरस के ख़िलाफ़ काम नहीं करते, ये सिर्फ़ बैक्टीरिया के ख़िलाफ़ असरदार होते हैं.
– अभी तक, कोरोना वायरस के इलाज या उससे बचाव के लिए कोई दवा खास दवा नहीं बनी है.
इसके अलावा भी कई और भ्रामक सूचनाएं सोशल मीडिया पर फैल रही हैं. हम आपको उनका भी सच बता रहे हैं,
– सरसों का तेल नथुनों में लगाने से कोरोना नहीं भागता.
– करेले का जूस पीने से भी कोरोना वायरस के संक्रमण को नहीं रोका जा सकता.
– गर्म पानी पीने या गर्म पानी से नहाने से भी कोरोना वायरस खत्म नहीं होता.
–गर्म पानी में नमक और सिरका मिलाकर गरारे करने से कोरोनावायरस का इलाज नहीं किया जा सकता है.
– पैरासिटामोल से कोरोना वायरस का इलाज नहीं होता.
कोरोना वायरस का कोई उपचार अभी उपलब्ध नहीं है | किसी भी प्रकार के तेल से इस वायरस को नष्ट नहीं किया जा सकता है|
कृपया भ्रामक संदेशों के झाँसे में ना आएं |
घर के अंदर रहें और खुद को सुरक्षित रखें | pic.twitter.com/FeMVcse9R1
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 25, 2020
एम्स दिल्ली की ओर से जारी की गई PDF भी हम यहां जोड़ रहे है. इसमें कोरोना वायरस पर अहम जानकारी हिंदी में दी गई है.
नतीजा
हमारी पड़ताल में कोरोना वायरस के संक्रमण के उपचार के लिए बताए जा रहे दावे ग़लत निकले. व्हॉट्सऐप पर वायरल हो रहा मैसेज और ऑडियो भ्रामक है. कोरोना वायरस के लिए अभी तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. वैक्सीन और दवा के लिए लगातार रिसर्च चल रही है. सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई रखने से इस वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है.
अगर आपको भी किसी ख़बर पर शक है तो हमें मेल करें- padtaalmail@gmail.com पर. हम दावे की पड़ताल करेंगे और आप तक सच पहुंचाएंगे.