पड़ताल: अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य पर नहीं की जातिगत टिप्पणी, वायरल दावा भ्रामक
दावा है कि अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर जातिगत टिप्पणी कर मौर्य समाज का अपमान किया है.
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दावा
सोशल मीडिया पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से जुड़ा एक दावा वायरल हो रहा है. वायरल दावे में यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का एक वीडियो है. इस वीडियो में अखिलेश यादव कहते हैं,
'ये डिप्टी सीएम किसने बना दिया इनको. इनको कूड़े का काम और नाली साफ का काम दोबारा दे देना चाहिए.'
अखिलेश यादव के इस बयान को बीजेपी नेता और सोशल मीडिया यूजर्स यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जोड़कर शेयर कर रहे हैं.
खुद को बीजेपी का नेशनल मीडिया इंचार्ज बताने वाले वेरिफ़ाइड ट्विटर यूजर अजय सेहरावत ने वायरल वीडियो ट्वीट
कर लिखा, (आर्काइव
)
'अहंकार में चूर अखिलेश यादव ने सड़क छाप भाषा का इस्तेमाल करते हुए जो जातिगत टिप्पणी केशव प्रसाद मौर्य जी पर की है ,उसका खामियाजा अखिलेश जी को भुगतना पड़ेगा।'
अहंकार में चूर अखिलेश यादव ने सड़क छाप भाषा का इस्तेमाल करते हुए जो जातिगत टिप्पणी @kpmaurya1
— Ajay Sehrawat (@IamAjaySehrawat) December 13, 2021
जी पर की है ,उसका खामियाजा अखिलेश जी को भुगतना पड़ेगा। pic.twitter.com/bVTNdHozNP
बीजेपी नेता और फेसबुक यूजर अरविंद मेनन ने वायरल वीडियो पोस्ट
कर लिखा,
'यह सिर्फ़ केशव प्रसाद मौर्य जी का नहीं बल्कि समस्त मौर्य समाज का अपमान है। अखिलेश यादव जी को जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए'ट्विटर यूजर मिहिर झा ने वायरल वीडियो ट्वीट कर सीधे तौर पर केशव प्रसाद मौर्य का नाम तो नहीं लिखा, लेकिन अपने ट्वीट में यादव जी और मौर्य जी जैसे शब्दों का इस्तेमाल जरूर किया. मिहिर ने ट्वीट का कैप्शन अंग्रेज़ी में लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद है- (आर्काइव
अरविंद मेनन का फेसबुक पोस्ट.
)
'क्या यह यादव जी का चायवाला मोमेंट होगा? मौर्य जी और समुदाय के लिए ऐसे शब्दों के चुनाव पर उन्हें निश्चित रूप से खेद होगा.'
पड़ताल 'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. वायरल दावे में मौजूद बयान अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के लिए दिया था, ना कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लिए.Will this be Yadav Ji's Chaiwala Moment? He will surely regret the choice of words for Maurya Ji & community pic.twitter.com/aBQyoEefwd
— Mihir Jha (@MihirkJha) December 12, 2021
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले समाजवादी पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल का रुख किया. थोड़ा सर्च करने पर हमें वायरल बयान का पूरा वीडियो मिला. ये पूरा वीडियो दरअसल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस
का है, जो 19 नवंबर, 2021 को मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने के बाद की गई थी. 50 मिनट 21 सेकेंड की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 40 मिनट 44 सेकेंड पर वायरल बयान को सुना जा सकता है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक मीडियाकर्मी अखिलेश यादव से सवाल करता है, 'दिनेश शर्मा ने कहा है कि चीन पाकिस्तान नहीं चाहते कि यूपी में भाजपा की सरकार आए.' जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, 'कौन नहीं चाहता? ये डिप्टी सीएम किसने बना दिया इनको. इनको कूड़े का काम और नाली साफ का काम दोबारा दे देना चाहिए.'
की-वर्ड्स की मदद लेकर हमने इस बयान से जुड़ी ख़बर को इंटरनेट पर खोजा. इंटरनेट पर हमें 20 नवंबर, 2021 की एक वीडियो रिपोर्ट
ABP Ganga के यूट्यूब चैनल पर मिली. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है,
'डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा पर अखिलेश यादव का विवादित बयान, कहा- कूड़ा और नाली साफ कराने वालों को बनाया डिप्टी सीएम. अखिलेश के तंज पर दिनेश शर्मा ने किया पलटवार.'
इसके अलावा दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 20 नवंबर, 2021 की एक रिपोर्ट
मिली. इस रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि अखिलेश यादव ने कूड़ा और नाली साफ करने वाला बयान डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के लिए दिया था.
विस्तृत जानकारी के लिए हमने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और MLC सुनील सिंह यादव से संपर्क किया. उन्होंने बताया, 'दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम बनने से पहले लखनऊ के मेयर थे. अखिलेश जी ने ये बात इसलिए कही थी क्योंकि मेयर होने के नाते साफ-सफाई कैसे होती है ये दिनेश शर्मा बेहतर तरीके से जानते हैं. किसी को अपमानित करना या छोटा दिखाना अखिलेश जी का उद्देश्य नहीं था.'नतीजा हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दो डिप्टी सीएम हैं. अखिलेश यादव ने कूड़ा और नाली साफ करने वाला बयान डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के लिए दिया था, ना कि केशव प्रसाद मौर्य के लिए. बयान पर समाजवादी पार्टी का कहना है कि दिनेश शर्मा लखनऊ के मेयर रहे हैं, इसलिए वो साफ-सफाई के काम को बेहतर तरीके से जानते हैं.
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