Elon Musk ने किया Elon ए जंग और बन गए Twiiter के नए मालिक. अब ये खबर जंगल में आग की तरह फैली और आप तक पहुंच गई होगी. सोमवार देर रात में जबसे ये पता चला तब से सोशल मीडिया से लेकर टेक जगत के दिग्गज इस बात के कयास लगा रहे कि अब ट्विटर में क्या बदलाव होगा. अब एलन मस्क(Twitter Elon Musk) अपने स्टाइल में बदलाव करेंगे या फिर कोई और तरीके से, वो तो वक्त के गर्भ में है. लेकिन ऐसा पहली बार तो हुआ नहीं है कि किसी कंपनी ने दूसरी कंपनी को खरीद लिया हो या फिर एक व्यक्ति ने पूरी की पूरी कंपनी अपनी बना ली हो. गुजरे सालों में ऐसा कई बार हुआ और ऐसे मामलों ने चर्चा भी खूब बटोरी.
ट्विटर-मस्क छोड़ो, इन टेक डील्स में हुई इससे भी ज्यादा पैसों की बारिश
जब टेक जगत की इन कंपनियों के अधिग्रहण की कीमत सुन लोग हैरान रह गए

अभी चर्चा ट्विटर वाली डील की है जिसके लिए एलन मस्क ने 44 बिलियन डॉलर की कीमत चुकाई है. यह टेक जगत के इतिहास किसी भी कंपनी को खरीदने के लिए चुकाई गई तीसरी सबसे बड़ी रकम है. अब आपके मन ये सवाल होगा कि पहले और दूसरे नंबर पर कौन है. ये दुविधा हम दूर कर देते हैं.
Dell-EMC डीलEMC या EMC Corporation एक अमेरिकी कंपनी है जो डेटा स्टोरेज, इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी और क्लाउड कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में काम करती है. सन 1979 में बनी इस कंपनी को अक्टूबर 2015 में अमेरिकी दिग्गज कंपनी डेल ने अधिग्रहण करने की घोषणा की. 2016 में सौदा पूरा होने पर डेल ने दाम चुकाये पूरे 67 बिलियन डॉलर. आज की भारतीय मुद्रा में कहें तो 5.12 लाख करोड़ रुपये. आज भी टेक की दुनिया में ये सबसे महंगी डील है. डेल को इससे क्लाउड कम्प्यूटिंग में अपने पैर जमाने में बहुत मदद मिली.

ये मर्जर इसी साल पूरा हुआ जब सेमीकंडक्टर और प्रोसेसर बनाने वाली एक और अमेरिकी दिग्गज AMD (Advanced Micro Devices) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम करने वाली Xilinx को 50 बिलियन डॉलर बोले तो 3.82 लाख करोड़ रुपये में खरीद लिया. जाहिर सी बात है कि AI भविष्य है.
Elon Musk-Twiiterअब ये तो आपको पता है बस इतना बता देते हैं कि मस्क भाई साब, भारतीय रुपये में 3.36 लाख करोड़ चुकाने वाले हैं ट्विटर को प्राइवेट कंपनी बनाने के लिए. सच कहें तो ट्विटर के स्पेस पर SpaceX का कब्जा हो गया.
सौदे तो और हुए हैं, जैसे कि Avago ने Broadcom को 37 बिलियन डॉलर में 2016 में खरीदा था. IBM ने Red hat के अधिग्रहण के लिए 34 बिलियन डॉलर अदा किए थे. लेकिन हो-हल्ला तो तब मचा जब Microsoft ने Linkedin को 26.2 बिलियन डॉलर में खरीदने के बारे में बताया. 2016 में हुई इस डील के लिए 2.04 लाख करोड़ रुपये चुकाये रेडमंड स्थित माइक्रोसॉफ्ट ने.

आपका प्यारा वॉट्सऐप भी इससे नहीं बचा. तब के फ़ेसबुक और आज के मेटा ने 2014 में 19 बिलियन डॉलर मतलब आज के 14.53 लाख करोड़ रुपये चुकाकर मालिकाना हक ले लिया. तब भले दिग्गजों ने इस डील को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दी थी लेकिन आज सभी को पता है वॉट्सऐप फ़ेसबुक के भविष्य के लिए कितना जरूरी हो गया है.
वैसे Mark Zuckerberg ने ऐसा पहले भी किया था जब सिर्फ 13 कर्मचारी वाली Instagram को 1 बिलियन डॉलर में खरीद कर सबको चौका दिया था. आज इंस्टा कहां है वो बताने की जरूरत नहीं.

टेक जगत में हुए ज्यादातर सौदे अच्छे परिणाम लेकर आए हैं, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का नोकिया को खरीदना बहुत बड़ी भूल साबित हुआ. कंपनी ने 2013 मे 7 बिलियन डॉलर मतलब आज के 5.35 लाख करोड़ रुपये में नोकिया को खरीदा. बाकी की कहानी आप खुद समझ गए होंगे.
वैसे जो सौदे हुए उनके बारे में तो आपको बता दिया लेकिन एक सौदा जो नहीं हो पाया उसका जिक्र करना बहुत जरूरी है. हम बात कर रहे हैं गूगल की. वही गूगल जो आज कितनी ही कंपनियों का मालिकाना हक रखता है. 1998 में सिर्फ 1 मिलियन डॉलर बोले तो 7.65 करोड़ में Yahoo को बेचने को तैयार था. याहू ने मना किया और अब आगे कुछ लिखने की जरूरत है क्या.......
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