स्मार्टफोन में दिक्कत आना आम बात है. प्रॉब्लम का सलूशन नहीं होने पर ग्राहक का कंज्यूमर कोर्ट में जाना भी जायज है. कंज्यूमर कोर्ट भी अक्सर ग्राहक को सपोर्ट करते हुए उनके पक्ष में फैसले सुनाते हैं. मसलन, कंपनी पर जुर्माना लगाना या पीड़ित को कानूनी खर्च दिलवाना. मगर इस केस में जो हुआ है वो थोड़ा अलग है. कंज्यूमर कोर्ट ने स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी के साथ बेचने वाली रिटेल चेन पर भी जुर्माना लगाया है. केस का एक और पहलू है. फैसला केस करने वाले ग्राहक की मौत के बाद आया है (Refund for iPhone user death).
खराब iPhone ठीक कराते-कराते ग्राहक की मौत ही हो गई, कोर्ट ने कंपनियों को तारे दिखा दिए
जिस व्यक्ति ने आइफोन खरीदा था उसकी मौत हो चुकी है. अब कंज्यूमर कोर्ट ने एप्पल इंडिया और क्रोमा को ग्राहक के कानूनी वारिसों को आइफोन की लागत राशि वापस (Refund for iPhone user death) करने का आदेश दिया है. दोनों कंपनियों को मिलकर यह रकम चुकानी होगा.

कंज्यूमर कोर्ट ने इस केस में एप्पल इंडिया और क्रोमा को आइफोन के ग्राहक के कानूनी वारिसों को आइफोन की लागत राशि वापस करने का आदेश दिया है. दोनों कंपनियों को मिलकर यह रकम चुकानी होगा. जिस व्यक्ति ने आइफोन खरीदा था उसकी मौत हो चुकी है. पूरा मामला जान लीजिए.
iPhone 11 में आई दिक्कतशिकायतकर्ता ने चार जून 2021 को मुंबई के क्रोमा स्टोर से 65,264 रुपये में आइफोन 11 खरीदा था. इसके कुछ समय बाद ही फोन में समस्या शुरू हो गई. स्पेशली उसके माइक्रोफोन में. जब खरीदार सर्विस सेंटर पहुंचा तो नियमों का हवाला देते हुए उसे लौटा दिया गया. बार-बार की शिकायतों और ईमेल के बावजूद समाधान नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने आखिरकार कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई उपनगर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने दोनों कंपनियों को ‘सेवा में कमी का दोषी’ ठहराया है. उसने दोनों को निर्देश दिया है कि वे खराब आईफोन की कीमत का भुगतान मृतक ग्राहक के परिवार को करें. साथ ही फोन खराब होने की शिकायत की तारीख (6 अगस्त, 2021) से लेकर वास्तविक भुगतान की तिथि तक छह प्रतिशत का ब्याज भी भरें. इतना ही नहीं, दोषी कंपनियों को ग्राहक के परिवार को मानसिक पीड़ा के लिए 15,000 रुपये तथा कानूनी खर्च के लिए दो हजार रुपये का भुगतान भी करना होगा.
मामले को लेकर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा,
“एप्पल (निर्माता) द्वारा हार्डवेयर में कमी बताना ग्राहक की शिकायत का सही समाधान नहीं हो सकता. विक्रेता कंपनी (क्रोमा) भी केवल यह कहकर उत्तरदायित्व से बच नहीं सकती कि दोष आइफोन बनाने वाली कंपनी का है. जब प्रोडक्ट उसके आउटलेट के जरिये बेचा गया. क्रोमा को भी सुनिश्चित करना चाहिए था कि प्रोडक्ट में गड़बड़ी न हो.”
आदेश में कहा गया कि आइफोन निर्माता और विक्रेता दोनों उचित सेवा नहीं देने के लिए उत्तरदायी हैं, क्योंकि दोनों कंपनियां ग्राहक द्वारा खरीदे गए फोन को ठीक नहीं कर सकीं.
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