एक होता है सिक्स. जो कि क्रिकेट में मैक्सिमम रन देने वाला शॉट है. फिर होती है छक्के की हैट्रिक. कई बल्लेबाज़ों ने ये कारनामा कर दिखाया है. फिर नंबर आता है, छह बॉल में छह छक्कों का. युवराज सिंह और हर्शेल गिब्स इस करिश्मे को कर चुके हैं. फिर किस्से बनते हैं उस आखिरी बॉल पर मारे गए छक्के के, जिससे आप टीम को मैच जिताते हो. जावेद मियांदाद से लेकर दिनेश कार्तिक के नाम ज़हन में चमकते हैं.इन सबसे अलग खड़ा दिखता है एक खिलाड़ी. नाम कार्लोस ब्रेथवेट. ब्रेथवेट ने छक्का मारकर अपनी टीम को कोई मामूली मैच नहीं जिताया था. वो मैच वर्ल्ड कप फाइनल जैसा सुपर अहम मैच था. और छक्का भी सिर्फ एक नहीं. चार-चार. लगातार. आख़िरी ओवर में.

चैंपियन कार्लोस ब्रेथवेट.
साल था 2016. तारीख तीन अप्रैल. 20-20 के छठे वर्ल्ड-कप का फाइनल मैच. मैदान था कोलकाता का मशहूर ईडन गार्डन. आमने सामने थे इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज. इस मैच से वेस्ट इंडीज को एक नया हीरो मिला था.
उस मैच में टॉस वेस्ट इंडीज ने जीता था और इंग्लैंड से कहा, आप खेल लो पहले. इंग्लैंड ने गिरते-पड़ते 155 रन बनाए. सिर्फ जो रूट और जोस बटलर ही थोड़ा बहुत संघर्ष कर सके. बाकी सबको वेस्ट इंडीज ने रन बनाने ही नहीं दिए. कार्लोस ब्रेथवेट उस दिन गेंदबाज़ी में भी चमके थे. 4 ओवर में सिर्फ 23 रन देकर तीन विकेट लिए थे उन्होंने. इनमें से दो उस मैच के टॉप स्कोरर्स के थे. बटलर और रूट को उन्होंने ही आउट किया था. पर उनका असली धमाका तो अभी बाकी था.
वेस्ट इंडीज जवाब देने उतरी और उसकी पहले तीन ओवर में ही कमर टूट गई. गेल, सिमंस, चार्ल्स सब फुर्ती से पवेलियन लौट गए. स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 11 रन लगे थे. बस एक आदमी था जो जमा रहा. वही आदमी जो चार साल पहले ऐसे ही किसी फाइनल में वेस्ट इंडीज का टॉप स्कोरर और मैन ऑफ़ दी मैच रहा था. मर्लोन सैमुएल्स. इस बार भी वो इतिहास दोहरा रहे थे. एक तरफ से विकेट गिरते रहे लेकिन सैमुएल्स ने संघर्ष जारी रखा.

मर्लोन सैमुएल्स.
अंत के ओवर्स का रोमांच
आखिरी ओवर्स में मैच रोमांच का चरम छू रहा था. 3 ओवर में 38 रन चाहिए थे. मैच इंग्लैंड की तरफ झुका हुआ था. विली के ओवर में 11 रन आए और इक्वेशन 2 ओवर में 27 रन रह गया. 19वें ओवर की पहली गेंद पर सैमुएल्स ने चौका मारकर इसे थोड़ा और आसान कर दिया. 11 गेंदों में 23 रन. सैमुएल्स के होते ये आसानी से होता दिख रहा था. तभी जॉर्डन ने अगली पांच गेंदें शानदार फेंकी. सिर्फ चार रन दिए. आखिरी गेंद पर सैमुएल्स को सिंगल लेने नहीं दिया. लोग समझे कि इंग्लैंड ने यही मैच जीत लिया है. आखिरी ओवर में 19 रन चाहिए थे और सैमुएल्स स्ट्राइक पर नहीं थे.पर जो स्ट्राइक पर था, वो आफत था
20वें ओवर की पहली गेंद फेस करने को कार्लोस ब्रेथवेट तैयार थे. दुनिया में किसी को नहीं पता था कि सैमुएल्स को सिंगल न देना इंग्लैंड की महान चूक साबित होने वाली थी. आखिरी ओवर के लिए गेंद थामी थी बेन स्टोक्स ने. उनकी फेंकी अगली चार गेंदें इतिहास में दर्ज होने वाली थी.
बेन स्टोक्स की ज़िंदगी का दर्दनाक लम्हा.
पहली गेंद कमज़ोर थी. लेग स्टंप लाइन पर. ब्रेथवेट ने स्क्वेयर लेग के ऊपर से छक्का मार दिया. अगली गेंद पर ब्रेथवेट ज़्यादा कॉंफिडेंट नज़र आए. लॉन्ग ऑन के ऊपर से शानदार छक्का जड़ दिया. तीसरी गेंद पर ब्रेथवेट ने फिर बल्ला चलाया. मिसहिट होने के बावजूद गेंद लॉन्ग ऑफ बाउंड्री के बाहर चली गई. उड़ती हुई. मैच वेस्ट इंडीज ने यहीं जीत लिया था. अगली तीन गेंदों में सिर्फ एक रन चाहिए था.
ब्रेथवेट मैच को स्टाइल से जीतना चाहते थे. उन्होंने फिर गेंद उड़ा दी और क्रिकेट इतिहास की कुछ चुनिंदा शानदार पारियों में अपना नाम लिख डाला. बेन स्टोक्स निराशा में पिच पर बैठ गए. पूरी वेस्ट इंडीज टीम मैदान पर पहुंच गई. सब लोग ख़ास वेस्ट इंडियन डांस की नुमाइश करने लगे. गाना था, "चैंपियन..चैंपियन.."
ब्रेथवेट वाकई चैंपियन बनकर उभरे थे. वेस्ट इंडीज की ईद, दीवाली, क्रिसमस एक ही दिन हो गई थी.
देखिए वो इंट्रेस्टिंग पारी -
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