नहीं रहे भारत और दिल्ली को कई बेहतरीन क्रिकेटर्स देने वाले कोच तारक सिन्हा. (फोटो – ट्विटर, पीटीआई)
तारक सिन्हा. भारतीय टीम को कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी देने वाले क्रिकेट कोच. शनिवार, 6 नवम्बर की सुबह करीबन 3 बजे इस दुनिया को छोड़ गए. तारक 71 साल के थे. बताया जा रहा है कि वह बीते कई महीनों से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था. अब उनके जाने के बाद उनके स्टूडेंट्स उनको याद कर रहे हैं. तारक सिन्हा सोनेट क्रिकेट क्लब के फाउंडर थे और उनकी कोचिंग से कई इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी निकले है. साथ ही उनकी कोचिंग में 100 से ज्यादा खिलाड़ियों ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी अपना नाम बनाया है.
# Sonnet Cricket Club Statement
अपने फाउंडर की मृत्यु की जानकारी देते हुए सोनेट क्रिकेट क्लब ने कहा,
‘हमें भारी मन के साथ यह दुखद समाचार साझा करना पड़ रहा है कि सोनेट क्रिकेट क्लब के फाउंडर श्री तारक सिन्हा, दो महीने तक फेफड़ों के कैंसर से बहादुर लड़ाई लड़ने के बाद शनिवार की सुबह 3 बजे हमें छोड़ गए है. वह सोनेट क्रिकेट क्लब की जान रहे हैं जिसने भारत और दिल्ली क्रिकेट को इतने सारे बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं.’
स्टेटमेंट में आगे कहा गया,
‘हम उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं जो इस कठिन समय में उनके साथ रहे और उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना की. हम जयपुर और दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना करना चाहते हैं जिन्होंने उन्हें बचाने के लिए तमाम कोशिशें की. तारक सर का गौरव उनके छात्र थे. और उन्हीं के सपोर्ट ने इस समय में उनको आगे बढ़ने की हिम्मत दी थी. वह इस लड़ाई के दौरान केवल युवा प्रतिभाओं को तैयार करने के बारे में सोच रहे थे. 70 साल की उम्र में भी वह मैदान पर उतरने और युवा क्रिकेटरों पर काम करने को लेकर उत्साहित थे.’
अपनी बात खत्म करते हुए क्लब ने कहा,
‘वह अपनी अंतिम सांस तक अच्छे भाव में थे, यह विश्वास करते हुए कि वह अभी भी अपने पैरों पर खड़े हो सकते है. यह सोनेट क्लब में हम सभी के लिए एक भारी दिन है. क्रिकेट बिरादरी और सबसे महत्वपूर्ण उन छात्रों के लिए जिन्होंने हमेशा उन्हें एक गार्डियन के रूप में देखा है.’
# स्टूडेंटस ने क्या कहा?
बता दें कि कोच तारक सिन्हा ने इंटरनेशनल क्रिकेट में छाप छोड़ने वाले शिखर धवन, ऋषभ पंत, आकाश चोपड़ा, अंजुम चोपड़ा, नीतीश राणा, आशीष नेहरा जैसे कई खिलाड़ियों को तैयार किया है. उनके जाने के बाद आकाश चोपड़ा ने लिखा,
‘उस्ताद जी अब हमारे साथ नहीं है. द्रोणाचार्य अवार्डी. एक दर्जन से अधिक भारतीय टेस्ट क्रिकेटर्स और तमाम फर्स्ट क्लास क्रिकेटर्स के कोच. महिला और पुरुष दोनों. बिना किसी संस्थागत मदद के. भारतीय क्रिकेट के लिए आपकी सेवा को याद किया जाएगा सर. आपकी आत्मा को शांति मिलें. ओम शांति.’
अंजुम चोपड़ा ने लिखा,
‘द कोच. तारक सिन्हा. सोनेट क्रिकेट क्लब की नर्सरी ने कई इंटरनेशनल और डॉमेस्टिक खिलाड़ियों (महिला और पुरुष) को पहचान बनाते देखा है. गाइड, मेंटर, कोच. आपकी आत्मा को शांति मिले सर. शुक्रिया. मेरे कोच.’
स्पोर्ट्स से जुड़े दिग्गज जॉय भट्टाचार्य ने लिखा,
‘कहा जाता है कि तारक सिन्हा ने सेलेक्टर्स द्वारा सीके नायुडु ट्रॉफी के लिए सेलेक्टर्स द्वारा नज़रअंदाज किए जाने के बाद दिल्ली के लेजेंडरी सोनेट क्रिकेट क्लब की शुरुआत की. लेकिन वो उनके स्टूडेंट्स को इग्नोर नहीं कर पाए– मनोज प्रभाकर, अतुल वासन, रमन लाम्बा, आशीष नहरा, आकाश चोपड़ा, शिखर धवन, ऋषभ पंत और भी कई. आपकी आत्मा को शांति मिले, क्रिकेट गुरु.’
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए जॉय ने लिखा,
‘इस लिस्ट में निश्चित रूप से अंजुम चोपड़ा शामिल होनी चाहिए, उनकी स्टार स्टूडेंट्स में से एक. तारक ने महिला क्रिकेट के साथ बेहतरीन काम किया है.’
बता दें कि तारक सिन्हा को 2018 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.