The Lallantop

सचिन ने वनडे क्रिकेट पर बहुत कड़ी बात बोली है

बोरिंग हो गया है ये फॉर्मेट.

Advertisement
post-main-image
सचिन तेंडुलकर (इंडिया टुडे कॉन्क्लेव)

सचिन तेंडुलकर. अपने बल्ले से हर गेंदबाज में खौफ पैदा करने वाले सचिन वनडे क्रिकेट के मौज़ूदा फॉर्मेट से खासे नाराज़ हैं. उनका मानना है कि वनडे क्रिकेट बोरिंग हो चला है. और उसमें अब अनिश्चितता बिल्कुल नहीं बची. तेंडुलकर की मानें, तो दो नई गेदों और फील्डिंग के नए नियमों ने वनडे फॉर्मेट को गेंदबाजों के लिए बहुत मुश्किल बना दिया है. इस वजह से गेंद और बल्ले के बीच बैलेंस नहीं बचा.

Advertisement

सचिन तेंडुलकर ने ये सारी बातें इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 के मौके पर कहीं. सचिन ने कहा,

'इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह नीरस हो चुका है. इसके दो हिस्से हैं. पहला इसका फॉर्मेट और अगला मेरे हिसाब से इसे जैसे खेला जाना चाहिए. मैं सबसे पहले मौज़ूदा फॉर्मेट की बात करूं, तो इसमें दो नई गेंदों का इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है. इस कारण रिवर्स स्विंग गायब हो गई है. भले ही आप इनिंग के 40वें ओवर में हो, लेकिन गेंद तो वाकई में 20 ओवर पुरानी ही है.

मेरा मानना है कि गेंद 30वें ओवर के बाद ही रिवर्स करती है. पहले गेंद का रंग चला जाता था, और वो सॉफ्ट भी हो जाती है. जैसे ही गेंद चमक फीकी पड़ती. उसकी शाइनी साइड और रफ साइड के बीच अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता था. लेकिन दो नई गेंदें आ जाने के बाद अब गेम से ये पहलू गायब हो गया है.'

Advertisement

# स्पिनर्स से क्या बात की?

सचिन तेंदुलकर यहीं नहीं रुके. उन्होंने फॉर्मेट में दर्शकों की खत्म होती रुचि के पीछे मौज़ूदा फील्डिंग नियमों को भी ज़िम्मेदार ठहराया. सचिन ने बताया कि स्पिनर्स आखिरी 10 ओवर में 30 यार्ड सर्कल के भीतर पांच फील्डर्स की अनिवार्यता को लेकर बिल्कुल खुश नहीं हैं. सचिन बोले,

'मैंने कुछ स्पिनर्स से बात की है. मैं इनर रिंग के भीतर पांच फील्डर्स की अनिवार्यता के बारे में जानना चाहता था. बोलर्स कह रहे हैं कि उन्हें लाइन चेंज करने की आजादी नहीं मिल रही. भले ही हम जानते हैं कि ऐसा करने से बैट्समैन द्वारा गलती करने की संभावना है.

लेकिन हम अपनी लाइन बदलते हैं तो उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. गेंदबाजों को मौज़ूदा फॉर्मेट में प्रोटेक्शन नहीं है. मौज़ूदा फॉर्मेट गेंदबाजों के लिए बहुत मुश्किल है. पांच फील्डर्स वाले नियम और दो नई गेंदों के बाद मुश्किलें और बढ़ जाती हैं.'

# कैसे बेहतर कर सकते हैं?

ये तो हुई कमियों की बात. सचिन ने इसे बेहतर करने के उपाय भी सुझाए. सचिन का मानना है कि वनडे को 25-25 ओवर के चार क्वॉर्टर में खेला जाना चाहिए. सचिन ने कहा,

Advertisement

‘पहले हमें 25 ओवर वाला क्रिकेट खेलना चाहिए. इसे चार हिस्से में बांट दिया जाना चाहिए टेस्ट क्रिकेट की तरह. टेस्ट क्रिकेट में आपके पास 20 विकेटें होती हैं. लेकिन इसमें सिर्फ 10 विकेटें होनी चाहिए. अगर एक टीम 25 ओवर में ही ऑलआउट हो गई, तो वह अगले 25 ओवर के लिए गेम से बाहर हो जाएगी. यानी आप दोबारा आकर बैटिंग नहीं कर सकते.’

सचिन ने इस दौरान अपने सुझाव की वजह भी साफ कर दी. उन्होंने कहा, 

'मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि हमने श्रीलंका में एक टूर्नामेंट खेला जहां 118 ओवर खेलने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया. पहले दिन श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी की. फिर हमने 10 ओवर खेले. लेकिन अगले दोनों दिन बारिश से धुल गए.

इस दौरान हमने कुल 118 ओवर खेले, बिना किसी नतीजे के. अगर हम 25 ओवर वाला फॉर्मेट चुनते हैं तो पहले एक टीम 25 ओवर बैटिंग करेगी, उसके बाद दूसरी टीम भी. इस परिस्थिति में कम से कम दोनों टीम की बैटिंग के 25 ओवर पूरे हो जाएंगे.

आज की तारीख की गेम बहुत नीरस हो चुका है. 15वें से लेकर 40वें ओवर तक मैच में रफ्तार में नहीं होती. दर्शकों की भी रुचि खत्म हो जाती है. यह बोरिंग होता जा रहा है. इसे कैसे बैलेंस आउट किया जाएगा?'

इसके बाद सचिन ने वो बात कही, जिसकी टीस इन दिनों भारत में खेले जाने वाले ज्यादातर मुकाबलों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को होती है. ओस या कहें ड्यू फैक्टर. उन्होंने कहा,

‘ड्यू फैक्टर को लेकर भी कुछ करना होगा. अगर कोई कप्तान टॉस हार जाता है और दूसरी पारी में ड्यू फैक्टर के साथ गेंदबाजी करनी है तो यह उसके लिए बहुत मुश्किल हो जाता है.’

देखने वाली बात होगी कि ICC या MCC सचिन के इन सुझावों पर कितना ध्यान देता है.

वीडियो: स्पोर्ट्स टॉप: हार्दिक पांड्या को सूर्यकुमार यादव पर कड़ा फैसला लेना होगा

Advertisement