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जडेजा भले ही लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड पर नहीं आ पाए, लेकिन अब हर फैन्स के दिल में जगह बना चुके हैं

लॉर्ड्स टेस्ट का आखिरी दिन. 193 रन का छोटा लेकिन चुनौती भरा लक्ष्य था. इंग्लैंड की गेंदबाज़ी आग उगल रही थी. शुरुआत में ही टीम इंडिया लड़खड़ा चुकी थी. एक के बाद एक विकेट गिरते गए थे. टॉप ऑर्डर पूरी तरह ढह चुका था. उम्मीदें टूट रही थीं. लेकिन तभी मैदान पर एक शख्स खड़ा रहा. नाम है रवींद्र जडेजा.

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जडेजा की लॉर्डस वाली पारी लंबे समय तक याद रखी जाएगी (फोटो: PTI)

लॉर्ड्स टेस्ट (Lord's Test) का आखिरी दिन. 193 रन का छोटा लेकिन चुनौती भरा लक्ष्य था. इंग्लैंड की गेंदबाज़ी आग उगल रही थी. शुरुआत में ही टीम इंडिया लड़खड़ा चुकी थी. एक के बाद एक विकेट गिरते गए थे. टॉप ऑर्डर पूरी तरह ढह चुका था. उम्मीदें टूट रही थीं. लेकिन तभी मैदान पर एक शख्स खड़ा रहा. नाम है रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja). उन्होंने इस पारी में नाबाद 61 रन बनाए और असंभव को लगभग संभव कर ही दिखाया. भले ही भारत ये मैच 22 रन से हार गया, लेकिन जडेजा ने इस पारी से करोड़ों फैन्स के दिल जीत लिए.

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मैच में एक समय भारत का स्कोर 8 विकेट खोकर 112 रन था. उम्मीदें दम तोड़ चुकी थीं. लेकिन जडेजा ने बुमराह और सिराज जैसे टेलएंडर्स के साथ मिलकर मैदान में जो धैर्य दिखाया, उसने एक बार फिर बता दिया कि टेस्ट क्रिकेट कितना खूबसूरत है. जडेजा ने ये 61 रन 181 गेंदों पर बनाए. लेकिन रन से ज़्यादा जरूरी उनके क्रीज पर टिके रहने का था. इंग्लैंड की हर चाल चाहे वो शॉर्ट बॉल हो या बॉडीलाइन बॉलिंग, सबको उन्होंने फेल किया. वो भी तब, जब दूसरे छोर पर सिराज और बुमराह जैसे टेलएंडर्स थे. उन्होंने गेंदबाज़ों की धार को कुंद किया, स्ट्राइक रोटेट की और भारत को लगभग उस लक्ष्य तक ले गए जिसे कभी आसान समझा ही नहीं गया था. यह सिर्फ पारी नहीं थी, यह टेस्ट क्रिकेट की भावना थी. एक लड़ाई, जो अंत तक लड़ी गई.

तीन टेस्ट, चार अर्धशतक. और वो भी नंबर 7 पर बल्लेबाज़ी करते हुए. इंग्लैंड की कंडीशंस, स्विंग करती गेंद, और दबाव के बीच ये जज्बा दिखाना आसान नहीं था. लेकिन जडेजा ने कर दिखाया. फिर भी, जैसे हर महान पारी पर चर्चा होती है. आलोचना भी होती है. कुछ पूर्व क्रिकेटर्स, जैसे अनिल कुंबले ने कहा कि जडेजा थोड़ा रिस्क लेते तो शायद मैच खत्म हो सकता था. लेकिन वहीं सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों ने इस इनिंग को क्लासिक बताया. गावस्कर बोले, 

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ये सिर्फ रन नहीं थे, ये एक जज़्बा था. ये मानसिकता थी कि मैं टीम के लिए आखिरी गेंद तक लड़ूंगा.

बटलर भी हुए फैन

लॉर्ड्स टेस्ट में जडेजा की इस जज्बे वाली इनिंग ने जोस बटलर को भी उनका फैन बना दिया है. अपने पॉडकास्ट पर बात करते हुए बटलर ने उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी से की. उन्होंने कहा,

जडेजा शानदार क्र‍िकेटर हैं. आपको पता है कि ऐसी ट्र‍िकी सिचुएशन में जडेजा बहुत अहम होने वाले हैं. वो हमेशा ऐसे मोमेंट्स में टीम इंडिया के संकटमोचक बनते हैं. वो अंत तक संघर्ष करते हैं. उन्होंने वो जज्बा दिखाया कि मैं खेल को जितना करीब हो सकता है वो लेकर जाऊंगा. ये धोनी का स्टाइल था. जो मुझे सबसे पसंद आया वो ये था कि जिस जज्बे के साथ वो अपने प्लान पर अडिग थे. नंबर 10 और 11 पर उन्होंने जो भरोसा जताया वो उस पर खरे उतरे. मैच जीतने के लिए जडेजा के कमिटमेंट को देखकर मैं हैरान रह गया.

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एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में जडेजा ने बैट से जो कमाल किया है वो कई दिग्गज बैटर्स भी इंग्लैंड में नहीं कर सके हैं. उनके ये रिकॉर्ड्स देखकर आपको भी लगेगा कि टीम इंडिया में जड्डू जैसा कोई नहीं है.  

#लगातार 4 इनिंग में हाफ सेंचुरी

जडेजा ने नाबाद 61 रनों की जुझारू इनिंग के साथ इंग्लैंड में लगातार चार पारियों में हाफ सेंचुरी लगाकर इतिहास रच दिया. इससे पहले उन्होंने इसी टेस्ट की पहली पारी में 72 रन बनाए थे. वहीं, एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 89 रन और दूसरी पारी में नाबाद 69 रन बनाए थे. वह इंग्लैंड में लगातार चार या इससे ज्यादा 50+ के स्कोर बनाने वाले तीसरे भारतीय बन गए. उनसे पहले ऋषभ पंत ने लगातार पांच 50+ स्कोर बनाए थे, जबकि सौरव गांगुली ने साल 2002 में लगातार चार 50+ स्कोर बनाए थे.

#इंग्लैंड में अलग दिखते हैं जडेजा

वहीं, अगर मुख्य बल्लेबाजों को भी मिला दें तो जडेजा लॉर्ड्स की दोनों पारियों में 50+ रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं. उनसे पहले वीनू मांकड़ ने 1952 में ऐसा किया था. तब उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में 72 रन और दूसरी पारी में 184 रन बनाए थे. सातवें से 11वें नंबर तक बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों में जडेजा इंग्लैंड में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विदेशी खिलाड़ी बन गए हैं. उनके नाम इंग्लैंड में 13 मैचों की 23 पारियों में 37.65 की औसत से 753 रन हैं. उन्होंने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के रॉड मार्श का रिकॉर्ड तोड़ा. रॉड मार्श ने 20 टेस्ट की 32 पारियों में 25.13 की औसत से 729 रन बनाए थे.

#कपिल के बाद अब जडेजा

जडेजा ने तीनों प्रारूपों को मिलाकर 7000 रन भी पूरे कर लिए. उनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 611 विकेट भी हैं. जडेजा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सात हजार रन बनाने और 600+ विकेट लेने वाले भारत के केवल दूसरे और ओवरऑल चौथे खिलाड़ी हैं. उनसे पहले पूर्व कप्तान कपिल देव ने ऐसा किया था. कपिल के नाम 687 विकेट और 9031 रन हैं. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर शॉन पोलक और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन ने ऐसा किया है.

वीडियो: क्यों हारे लॉर्ड्स टेस्ट, कप्तान शुभमन गिल ने बता दिया

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