
इसी दिन, इसी मैच में सचिन तेंदुलकर के सिवा एक और जीनियस पहली बार अपने देश के लिए खेल रहा था. देश पाकिस्तान. खिलाड़ी वक़ार यूनिस. वो बॉलर जिसने दुनिया को बनाना स्विंग के बारे में बताया. जिसने बताया कि तेज़ फ़ेंकी गेंद अगर पैर के अंगूठे पे पड़े तो अंगूठा टूट सकता है. अंगूठा मिस हुआ तो स्टंप बिखर जाते थे. जिसने पाकिस्तानी बॉलिंग को उस ऊंचाई तक पहुंचाया जहां से ऊपर कुछ और नहीं था. वसीम अकरम के साथ मिलकर ऐसी ओपेनिंग बॉलिंग पार्टनरशिप की शुरुआत की जिसकी कोई काट नहीं थी. बड़ी बड़ी टीमें वहीं घुटने टेक देती थीं. वही वक़ार यूनिस उस दिन पकिस्तान की ओर से अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहा था.

सचिन तेंदुलकर के लिए वो दिन भले ही बेहद ख़ास रहा होगा लेकिन जो कुछ भी वो आगे करने वाले थे, उसके हिसाब से उनकी परफॉरमेंस उनके क्लास को मैच नहीं कर रही थी. पाकिस्तान की पहली इनिंग्स के 409 रन के जवाब में इंडिया ने 262 रन ही बनाये. सचिन ने कुल 15 का स्कोर बनाया. 15 रन. एक झलक मात्र. आने वाले उत्सव की. वो उत्सव जिसे सचिन तेंदुलकर का नाम मिला. जो 10 नम्बर की जर्सी पहन कर मैदान पर उतरता था तो करोड़ों जोड़ी आंखें टीवी की ओर घूम जाती थीं. मज़े की बात ये कि उस रोज़ सचिन को आउट करने वाले खुद वक़ार यूनिस ही थे. दोनों खिलाड़ी अपना पहला मैच खेल रहे थे. वक़ार यूनिस ने कुल 19 ओवर में 80 रन दिए और 4 विकेट लिए. एक डेब्यू कर रहे प्लेयर के लिहाज़ से अच्छा फिगर.
इसके अलावा, 15 नवम्बर 1989 को ही दो और खिलाड़ियों ने अपना पहला मैच खेला था. इंडिया की तरफ से सलिल अंकोला और पाकिस्तान की तरफ से शाहिद सईद. सचिन और वक़ार को जोड़ें तो इंटरनेशनल क्रिकेट को कुल 16931 रन, 419 विकेट्स और 133 कैच मिले. सलिल अंकोला और शाहिद को जोड़ें तो मात्र 18 रन और 2 विकेट.

सचिन के साथ सलिल अंकोला की तस्वीर
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