लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को RJD से 6 सालों के लिए निकाल दिया है. साथ ही उन्हें परिवार से भी निकाल दिया है. इस मामले पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और तेजप्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि वो इस तरह की चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते.
बड़े भाई तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर करने पर तेजस्वी क्या बोले?
Tejashwi Yadav ने कहा है कि ये सब जो कुछ भी हो रहा है वो अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा है,
हमको ऐसी चीजें न तो अच्छी लगती हैं और ना ही हम बर्दाश्त करते हैं. हम अपना काम कर रहे हैं. बिहार के प्रति हम समर्पित हैं और हम जनता के दुख सुख में हम भाग ले रहे हैं. जनता के मुद्दे को उठा रहे हैं. हम नेता विरोधी दल हैं. जहां तक मेरे बड़े भाई की बात है, राजनीतिक जीवन और निजी जीवन अलग होता है. तो निजी जीवन के फैसले और निर्णय लेना उनका अधिकार है. क्योंकि वो एडल्ट हैं, बड़े हैं. उनके लिए क्या सही है और क्या गलत, ये निर्णय वो खुद लें. और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी (लालू यादव) दल के नेता हैं. उन्होंने अपने ट्वीट (एक्स पोस्ट) के माध्यम से स्पष्ट कर दिया है, जो उनकी भावनाएं थीं वो उन्होंने बता दिया है. हमने अपनी भावनाओं को भी आप लोगों के सामने रखा है. वो निर्णय लें कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत है? लेकिन हम ऐसी चीजों को पसंद नहीं करते हैं. और न हम बर्दाश्त कर सकते हैं. लोगों को ये बात समझाना (तेजप्रताप को) चाहिए. अब वो अपने निजी जीवन में क्या कर रहे हैं, नहीं कर रहे हैं... ये किसी से पूछ के तो नहीं करते हैं. मीडिया के माध्यम से ही मुझे जानकारी मिली.
इस मामले पर तेजप्रताप की बहन रोहिणी आचार्य ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा है,
लालू यादव ने पार्टी से क्यों निकाला?जो परिवेश, परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं, जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण और परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बार-बार लांघने की गलती-धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं. हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं. परिवार हमारा मंदिर है. गौरव और पापा के अथक प्रयासों-संघर्षों से खड़ी की गयी पार्टी और सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा है. इनकी प्रतिष्ठा पर किसी की वजह से कोई आंच आए ये हमें कदापि स्वीकार्य नहीं...
25 मई की दोपहर को 3:09 बजे लालू यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,
निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है. ज्येष्ठ पुत्र (तेजप्रताप) की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है. इसलिए उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं. अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी. उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है.
उन्होंने आगे लिखा
अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वो स्वयं सक्षम है. उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो अपने विवेक से निर्णय लें. लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं. परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है.

इस मामले पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और तेजप्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि लालू यादव पार्टी के नेता हैं और उन्होंने अपना फैसला एक्स पोस्ट के माध्यम से सुना दिया है.
ये सब शुरू कैसे हुआ?इस विवाद की शुरुआत तेजप्रताप के एक सोशल मीडिया पोस्ट से हुई. 24 मई को तेजप्रताप यादव के सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट किया गया. इसमें एक तस्वीर लगी थी जिसमें तेजप्रताप एक लड़की के साथ दिख रहे हैं. पोस्ट में लिखा गया कि तेजप्रताप इस लड़की के साथ 12 सालों से रिलेशनसिप में हैं.

इस सूचना के बाहर आते ही सुर्खियां बनने लगीं. लेकिन फिर 24 मई को 10:56 बजे तेजप्रताप के अकाउंट से एक और पोस्ट किया गया.

इसमें उन्होंने लिखा कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था और पोस्ट की गई तस्वीर भी एडिट की गई थी.
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