सचिन तेंडुलकर की पिक्चर आई, बीते शुक्कर. नाम - 'सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स'. 90 की मारी, नॉस्टेल्जिया में डूबी, क्रिकेट की दीवानी जनता के लिए सीधे भगवान के मंदिर से आया प्रसाद. कुछ वक़्त पहले ही धोनी की ऐसी ही फ़िल्म आई थी. हालांकि सचिन और धोनी की फिल्मों में काफी फ़र्क था लेकिन प्रसाद असल में प्रसाद ही होता है. चाहे बेसन का लड्डू हो या बूंदी. जब भी किसी बड़ी हस्ती पर फ़िल्म बनती है तो एक बात ज़रूर उठती है - 'उसने कितने पैसे लिए?' धोनी के बारे में मालूम चला कि उसने 60 करोड़ लिए थे. लेकिन सचिन के बारे में अक्टूबर 2016 में ये बात आई कि फ़िल्म में उन्होंने एक भी रुपिया नहीं लिया है. दुनिया गच्च हो गई. लेकिन अभी मालूम चला है कि ऐसी खबर ग़लत थी. डीएनए के पास फ़िल्म की प्रोडक्शन टीम के एक सोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक़ सचिन ने फ़िल्म के लिए 35 से 38 करोड़ रुपये लिए हैं. ये बड़ा अमाउंट इसलिए होगा क्यूंकि सचिन ने इस फ़िल्म में ऐक्टिंग भी की है. ऐक्टिंग वो वाली ऐक्टिंग नहीं है कि उन्हें कोई और किरदार को जीना पड़ा है. इस फ़िल्म में सचिन खुद सचिन ही बने हैं. उनका ही नेरेशन है. जैसे महाभारत में समय था, वैसे ही इस फ़िल्म में सचिन हैं. उनके साथ कुछ हिस्सा हर्षा भोगले का भी है. धोनी ने 60 करोड़ लिए थे, लेकिन फ़िल्म में उनका कोई भी रोल नहीं था जबकि सचिन खुद पूरी फ़िल्म में मौजूद रहते हैं. सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स एक फ़ीचर फ़िल्म नहीं है बल्कि एक डॉक्यू-ड्रामा है. हालांकि सचिन को दिए गए पैसों के बाद इसकी लागत एक प्रॉपर फीचार फ़िल्म जैसी ही है. इसके साथ ही इस फ़िल्म ने एक और मिथक तोड़ा है. कहा जाता है कि इंडिया में ऑडियंस अभी डाक्यूमेंट्री वगैरह के लिए तैयार नहीं है. उसे ऐसी फिल्मों में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं है. सचिन की फ़िल्म ने पहले दो दिन में 17 करोड़ कमा लिए हैं. ये एक रिकॉर्ड है.
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जो कहते हैं कि इंडिया में डॉक्यूमेंट्री नहीं चलती, वो सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स के रिकॉर्ड देखें.
