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ग्लेन मैक्सवेल: दुख, दर्द, पीड़ा, निराशा को पीछे छोड़ मुंबई में छा गया RCB Boy!

IPL में RCB के लिए खेलने वाले ग्लेन मैक्सवेल ने World Cup 2023 में इतिहास रच दिया. उन्होंने अकेले दम पर ऑस्ट्रेलिया को अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ हारा मैच जिता दिया.

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ग्लेन मैक्सवेल, नाम हमेशा के लिए अमर हो गया (एपी फ़ाइल)

Glenn Maxwell. लापरवाह बैटर, हां. कम से कम 7 नवंबर 2023 से पहले तो दुनिया उन्हें यही कहती थी. लेकिन अब ये मैक्सवेल एक झटके में 1983 के कपिल देव बन चुके हैं. बनना ही था, उन्होंने मुंबई में पारी ही ऐसी खेल दी. दुनिया बिग शो यानी मैक्सवेल की दीवानी हो गई. उन्होंने एकतरफ़ा अंदाज में ऑस्ट्रेलिया को हारा मैच जिता दिया.

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हुआ कुछ यूं कि मुंबई में अफ़ग़ानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच World Cup 2023 का मैच हुआ. अफ़ग़ानों ने मैच के ज्यादातर वक्त तक दिल और मैच दोनों अपने कब्जे में रखे. लेकिन कुछ आधे-अधूरे और एक पूरा मौका मिलने के बाद जब उनका बल्ला चलना शुरू हुआ, हालात बदल गए. मैक्सी ने ऐसी पारी खेली, जो वर्ल्ड कप के इतिहास में शायद एक ही बार खेली गई थी. नाम तो आपको याद ही होगा, ये बल्लेबाज थे कपिल देव और सामने टीम थी ज़िम्बाब्वे.

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मैक्सी ने कुछ ऐसा ही, या यूं कहें कि शायद इससे भी बेहतर पारी खेल डाली. मैक्सवेल जब बैटिंग पर आए, ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ़ 49 के टोटल पर चार विकेट गंवा दिए थे. और आते ही वह आउट भी हो ही गए थे. लेकिन किस्मत ने उन्हें बचा लिया. हुआ ये कि अज़मतुल्लाह शाहिदी ने लगातार गेंदों पर डेविड वार्नर और जॉश इंग्लिस को आउट किया.

तीसरी गेंद पर मैक्सवेल आए. कमाल की गेंद. उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेट के पीछे गई. लेकिन गेंद विकेटकीपर तक पहुंची नहीं. हालांकि अफ़ग़ानिस्तान ने चांस लेते हुए DRS मांग लिया. और इसमें कंफ़र्म हुआ कि मैक्सी बच गए. लेकिन ऑस्ट्रेलिया का हाल आगे और बिगड़ा. टीम ने 18.3 ओवर्स में 91 रन तक सात विकेट गंवा दिए. इसके बाद मैक्सवेल को एक बार LBW भी दिया गया. लेकिन DRS में वह बच गए.

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बात 22वें ओवर की है. नूर अहमद के इसी ओवर की पांचवीं गेंद पर मुजीब ने मैक्सवेल का बेहद आसान कैच भी गिरा दिया. इस वक्त तक मैक्सी ने 39 गेंदों पर कुल 33 रन बनाए थे. और इस जीवनदान के बाद उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान को सच में रुला लिया. मैक्सवेल ने हर गेंद के साथ अपना स्ट्राइक रेट बढ़ाया. और अंत तक आते-आते इतना बढ़ा लिया, कि ये पारी वनडे की जगह T20 की लगी.

बीच में वह कई बार गिरे, कमर दर्द और हैमस्ट्रिंग जैसी समस्याओं ने पीछा नहीं छोड़ा. कई दफ़ा फ़िजियो बीच मैदान आया. इलाज किया. मैच रुका. एक बार तो ऐसा हुआ कि मैक्सी बाहर जाने लगे थे. मतलब ऐसा सबको लगा, क्योंकि एडम ज़ैम्पा उनकी जगह लेने के लिए तैयार होकर आ रहे थे.

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लेकिन मैक्सी वापस नहीं गए. उन्होंने दुख, दर्द, पीड़ा और शुरुआती निराशा के सामने डटकर खड़े रहना चुना. और सिर्फ़ 128 गेंदों पर 201 रन की नाबाद पारी खेल डाली. इस पारी में 21 चौके और 10 छक्के रहे. इस पारी के अंत के वक्त तो मैक्सवेल से हिला नहीं जा रहा था. लेकिन वह खड़े-खड़े छक्के-चौके जड़ते रहे और वर्ल्ड कप क्या, वनडे इतिहास में चेज़ करते हुए सबसे बेहतरीन पारी खेल डाली. वैसे, RCB के लिए विराट के साथ खेले मैक्सवेल से दुनिया को उम्मीद भी ऐसी ही रही होगी!

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