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बच्चे की डिलिवरी के जस्ट एक घंटे में एंबुलेंस बनी एग्जाम हॉल

डिलिवरी डेट और एग्जाम डेट एक साथ पड़ने से ये हो गया.

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फोटो - thelallantop
वो जमाने लद गए, जब पढ़ाई-लिखाई के लिए धकेलकर स्कूल भेजना पड़ता था. करियर के लिए सीरियस एक लड़की ने बीएड का एग्जाम एंबुलेंस से दिया. नहीं, बुरी खबर कोई नहीं, उनको बेबी हुआ था. डिलिवरी के एक घंटे बाद वो पहुंच गईं परीक्षा केंद्र. वहां एंबुलेंस में ही क्वेश्चनपेपर और कॉपी दे दी गई. और परीक्षा हो गई. अब सुनो पूरा किस्सा. मुजफ्फरपुर, बिहार का है. रंजू कुमारी बीएड की स्टूडेंट हैं. वही, जिसकी पढ़ाई करके टीचर बना जाता है. इनके दिमाग में पढ़ाई चल रही थी, पेट में बेबी पल रहा था. 9 महीने हुए. डॉक्टर ने डेट दी कि कभी भी नया मेहमान घर आ सकता है. एक और डेट सिर पर आ गई. एग्जाम वाली. कुदरत का खेल देखो कि जिस दिन एग्जाम था, इनको लेबर पेन शुरू हो गया. पहले हॉस्पिटल पहुंचीं. वहां लड़का पैदा हुआ. एक घंटा बीता. घरवालों से कहा, हमको डिस्चार्ज कराओ. परीक्षा देने जाना है. डॉक्टर बोले "आई एम सॉरी." लेकिन हॉस्पिटल ने इंतजाम किया एंबुलेंस का. वो लेकर पहुंची एग्जाम सेंटर. वहां की हेड ममता रानी ने रंजू का डेडिकेशन देखा तो कहा "कॉपी, पेपर और एक परीक्षक महोदय को वहां भेज दो." इस तरह दोनों काम सही से निपट गए. बिहार से इस तरह की खबर आती है, तो अच्छा लगता है. काहे कि वहां की नकल वाली फोटुएं देख देखकर जी भिन्ना गया है.

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