बारिश का मौसम गर्मी से राहत लेकर आता है. सब कुछ ठीक चलता रहता है. फिर बारिश थोड़ी एक्स्ट्रा हो जाती है. मतलब कि बादल झूमकर बरसने लगते हैं और हमारे शहरों की सड़कें लबालब पानी से भर जाती है. ये सुहाना मौसम अपने साथ मुसीबत भी लेकर आ जाता है. इससे कई बार परेशानी तो खड़ी हो जाती है, साथ ही हमारी गाड़ी के लिए भी ये बारिश आफत बन जाती है. क्यों? क्योंकि भाई 'हाइड्रोप्लानिंग' की समस्या और गाड़ी में पानी भर जाने की दिक्कत जैसी तमाम परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है.
Monsoon Car tips: बारिश के मौसम में चला रहे हैं गाड़ी? तो ये 5 गलतियां करने से बचें
Monsoon Car tips: बारिश के मौसम में गाड़ी चलाते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए. जगह-जगह पानी भरा रहता है, ऐसे में अपनी और गाड़ी की सुरक्षा के लिए ये 5 गलतियां करने से बचें.
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अब आपको ऐसी समस्याओं का सामना ना करना पड़े. इसलिए हम कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनका बारिश के मौसम में ध्यान रखना चाहिए. इससे आपकी गाड़ी सही से चलती रहे और इसे मैकेनिक के पास भी कम जाना पड़ेगा.
हजार्ड लाइटहजार्ड लाइट्स यानी इमरजेंसी लाइट्स. इन लाइट्स का इस्तेमाल सिर्फ मुश्किल समय में ही करना चाहिए, जैसे- गाड़ी खराब हो जाना या किसी दुर्घटना की स्थिति में. लेकिन बारिश में इसका इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे पीछे चल रहे ड्राइवर को देखने में मुश्किल हो सकती है.
इसके बजाय आप हेडलाइट्स और फॉग लैंप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे सड़क पर बेहतर विजिबिलिटी मिलेगी और पीछे के ड्राइवर कंफ्यूज भी नहीं होंगे.

अगर सड़क पर पानी भरा है, तो 'अरे, यहां से तो गाड़ी आराम से निकल जाएगी' ना सोचें. क्योंकि आपको भी नहीं पता कि थोड़ा आगे जाकर पानी का लेवल ज्यादा मिलेगा या गड्ढा. पानी का लेवल आपके अंदाजे से ज्यादा हुआ और इंजन या एग्जॉस्ट तक पानी पहुंच गया, तो गाड़ी बीच में ही बंद हो सकती है.
गाड़ी स्टार्ट करनाअगर आपने पानी में कार ले जाने की भूल कर दी, इंजन में पानी भर गया और कार बंद हो गई, तो दूसरी गलती ना करें. ये दूसरी गलती है, गाड़ी को वापस स्टार्ट करने की. क्योंकि ऐसा करने से हाइड्रोलॉक हो सकता है. इस सिचुएशन में इंजन सीज हो सकता है और इसे ठीक कराने में मोटा खर्चा आ सकता है. इसलिए आप गाड़ी बंद हो जाने पर टो सर्विस की मदद ले सकते हैं.

अगर कहीं सड़क पर थोड़ा पानी भरा है और आपका मन कर रहा है कि कार को तेज चलाते हुए उस पानी में से मज़ से निकला जाए, तो जरा रुकिए. ऐसा करना सिर्फ आपके लिए नहीं, बल्कि आसपास चल रहे बाकी लोगों के लिए भी खतनाक हो सकता है.
जब तेज रफ्तार में कार पानी से गुजरती है, तो टायर की सड़क से पकड़ छूट जाती है. इसका मतलब है कि आपकी कार का स्टियरिंग कंट्रोल से बाहर हो सकता है. इसे हाइड्रोप्लेनिंग कहते हैं. इससे एक्सीडेंट होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. इसलिए अगर रास्ते में थोड़ा भी पानी भरा हो, तो कार को धीमे और संभलकर चलाएं, क्योंकि सेफ्टी सबसे पहले है.
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शीशों पर फॉगबारिश के मौसम में ड्राइविंग करते समय सबसे बड़ी मुश्किल होती है विजिबिलिटी की. क्योंकि बार-बार शीशे पर पानी गिरता रहता है. मतलब कि वाइपर काम कर रहा है लेकिन 1 सेकंड में ही बारिश की बूंदें गिरने से फिर सब कुछ धुंधला-धुंधला हो जाता है.
इसलिए केवल वाइपर पर निर्भर रहने की लत ना पालें. आप ड्राइव करते समय डिफॉगर या एसी का रीसर्कुलेशन मोड इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे शीशा जल्दी साफ होगा और बाहर देखने में आपको परेशानी भी नहीं आएगी.
इसके अलावा इस मौसम में पेड़ के नीचे गाड़ी खड़ी ना करें. क्योंकि पेड़ गिर सकता है और गाड़ी को नुकसान पहुंच सकता है. बाकि, टायर की ग्रिप का भी ध्यान रखें. अगर टायर घिसे हुए हैं, तो उन्हें चेंज करवा लें. ये आपकी सावधानी के लिए जरूरी हैं.
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