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मेट्रो के दरवाज़े में साड़ी फंस गई, ट्रेन के साथ दौड़ी मगर जान न बचा पाई

अपने भतीजे की शादी में जा रही थी. मेट्रो बदलने के वक्त हुआ हादसा.

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महिला सब्जी बेचकर घर चलाती थी, दो बच्चे भी हैं. (फोटो- आजतक)

दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) में 35 साल की एक महिला अपने बेटे के साथ यात्रा कर रही थीं. प्लैटफॉर्म पर उतरते वक्त उनकी साड़ी ट्रेन के दरवाजे में फंस गई. ट्रेन चल दी और महिला 25 मीटर तक प्लैटफॉर्म पर घिसटती रहीं. फिर ट्रैक पर गिर गईं. बहुत चोटें आईं. उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वो नहीं बच सकीं.

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मीडिया रिपोर्ट्स में मृतका का नाम बताया गया है. पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई की रहने वाली थीं. सब्जी बेच कर घर चलाती थीं. करीब सात साल पहले उनके पति की ब्रेन ट्यूमर के चलते मौत हो गई थी. एक 11 साल का बेटे और 13 साल की एक बेटी के साथ रहती थीं.

शादी में जाते हुए हादसा

गुरूवार, 14 दिसंबर को रीना अपने बेटे के साथ नांगलोई से मोहन नगर की तरफ जा रही थीं. अपने भतीजे की शादी में. बीच में वो मेट्रो बदलने के लिए इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर उतरे. इसी दौरान रीना की साड़ी मेट्रो के दरवाजे में फंस गई. 

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हादसे में रीना के सिर और छाती पर गंभीर चोटें आईं. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और CISF अधिकारी रीना को दीपचंद बंधु अस्पताल ले गए. वहां कहा दिया गया कि वेंटिलेटर नहीं है, भर्ती नहीं कर सकते. फिर परिवार वालों ने रीना को लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद रीना को RML अस्पताल और फिर सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. दो दिन बाद - 16 दिसंबर को - इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. शव को ऑटोप्सी के लिए भेजा गया है.

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. अगर कोई भी लापरवाही मिली, तो केस दर्ज किया जाएगा. 

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मेट्रो वालों ने क्या कहा?

दिल्ली मेट्रो के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल ने मीडियो को बताया कि उनके पास घटना की जानकारी है और मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त इस घटना की जांच करेंगे. साथ ही उन्होंने बताया, 

ट्रेनों में नियमित रूप से अनाउंसमेंट की जाती है कि ट्रेन में चढ़ते और उतरते समय साड़ी, दुपट्टा, धोती और बैग जैसी अपनी ढीली वस्तुओं का ध्यान रखें. ट्रेन ऑपरेटर को सचेत करने के लिए यात्रियों के लिए कोचों के अंदर आपातकालीन अलार्म भी उपलब्ध हैं. 

दिल्ली मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये भी बताया कि मेट्रो गेट के सेंसर केवल 25 मिलीमीटर से ज्यादा मोटे कपड़े का ही पता लगा पाते हैं और महिला की साड़ी इससे पतली थी.

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