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कौन हैं कबिता सरकार, जो कोलकाता रेप केस के आरोपी संजय रॉय का केस लड़ेंगी?

संजय रॉय की वकील नियुक्त होने पर कबिता सरकार ने कहा कि लीगल एड की वकील होने के कारण कानून के हिसाब से वो अपना काम करेंगी.

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संजय रॉय की तरफ से केस लड़ेंगी वकील कबिता सरकार. (फोटो- इंडिया टुडे/वीडियो स्क्रीनशॉट)

कोलकाता के डॉक्टर रेप और मर्डर केस में आरोपी संजय रॉय के बचाव के लिए सियालदह कोर्ट ने एक महिला वकील को नियुक्त किया है. नाम है - कबिता सरकार. ये नियुक्ति तब हुई, जब किसी वकील ने संजय रॉय की तरफ से केस लड़ने से इनकार कर दिया. 52 साल की कबिता 'लीगल एड डिफेंस काउंसिल' की सदस्य हैं. 'लीगल एड' वैसे लोगों को दिया जाता है, जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं होती है या जिनके केस के लिए कोई वकील तैयार नहीं होता है.

23 अगस्त को सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में, संजय रॉय को गिरफ्तार किया था. बाद में सीबीआई ने रॉय को हिरासत में ले लिया. इतने दिनों तक वकील नहीं मिलने के बाद लोकल कोर्ट ने लीगल एड को ये काम सौंपा. 

कौन हैं कबिता सरकार?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कबिता सरकार पिछले साल जून में सियालदह कोर्ट आई हैं. हुगली मोहसिन कॉलेज से उन्होंने कानून में स्नातक किया है. पढ़ाई के बाद उन्होंने अलीपुर कोर्ट में अपना करियर शुरू किया. शुरुआत में ज्यादातर दीवानी मामलों से जुड़े केस लड़ती थीं. बाद में वो क्रिमिनल लॉ की तरफ बढ़ गईं. फरवरी 2023 में कबिता, स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी (SALSA) से बतौर क्रिमिनल लॉयर जुड़ीं.

कबिता सरकार को वकालत में करीब 25 साल का अनुभव है. जब उनसे संजय रॉय के केस लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 

"आरोपी सहित हर व्यक्ति को निष्पक्ष ट्रायल का अधिकार है. मैं कोर्ट ट्रायल के जरिये न्याय में भरोसा करती हूं ना कि इससे पहले दे दिए गए फैसले को."

हालांकि, आनंद बाजार पत्रिका (ऑनलाइन) से बातचीत में उन्होंने कहा कि ये उनका काम है. कबिता ने कहा कि लीगल एड की वकील होने के कारण कानून के हिसाब से वो अपना काम करेंगी, जैसे दूसरे मामलों में करती हैं.

उनसे ये भी पूछा गया कि अगर उन्हें ये काम नहीं दिया जाता तो क्या वो खुद से ये चुनतीं? इस पर कबिता ने साफ कहा कि तब वो ये केस नहीं लड़तीं.

रेप केस में आरोपी के बचाव में महिला वकील नियुक्त करने पर सियालदह कोर्ट के वकीलों ने आजतक से कहा कि यहां सबने केस लड़ने से मना कर दिया था. वकीलों का कहना है कि लीगल एड की तरफ से किसी ना किसी को खड़ा होना ही था, इसलिए वो चुनी गईं.

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इस मसले पर 'लीगल एड डिफेंस काउंसिल' के प्रमुख सौरभ बनर्जी ने आनंद बाजार पत्रिका से कहा कि उन्हें किसी एक वकील को चुनना ही था. बनर्जी ने बताया, 

"हमसे एक वकील देने का अनुरोध किया गया था. ये आदेश कोर्ट से आया था क्योंकि आरोपी की तरफ से कोई भी केस लड़ने को तैयार नहीं था. मैं इसका (लीगल एड) इनचार्ज हूं तो मैंने कबिता सरकार को चुना है."

पॉलीग्राफ टेस्ट पर क्या बोलीं कबिता?

वकील नियुक्त होने के बाद कबिता सरकार से इंडिया टुडे ने भी बात की है. कबिता के मुताबिक संजय रॉय चाहता है कि उसका पॉलीग्राफ टेस्ट हो. कबिता ने बताया, 

"जब पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए संजय रॉय की सहमति ली गई तो मैं वहां मौजूद थीं. संजय ने टेस्ट के लिए अपनी सहमति दी. मैंने उसे बताया कि पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है. संजय सहमत हो गया क्योंकि उसके मुताबिक वो मानसिक दबाव में है और चाहता है कि सच बाहर आए."

कबिता सरकार की मानें तो संजय ने उन्हें बताया कि वो इस केस में शामिल नहीं है, इसलिए वो किसी भी तरह के टेस्ट के लिए तैयार है.

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