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Hathras Stampede: कौन हैं 'भोले बाबा', जिनके सत्संग में भगदड़ से 107 लोगों की मौत हो गई?

कोविड महामारी के दौरान कार्यक्रम में हजारों की भीड़ जुटाने के कारण पहली बार नारायण साकार हरि चर्चा में आए थे.

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साकार हरि के कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ पहुंची थी. (फोटो- आजतक/X)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ में कम से कम 107 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. आशंका है कि जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ सकती है. 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है. ये कार्यक्रम एक स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि का था. लोग उन्हें 'भोले बाबा' के नाम से जानते हैं. इसी नाम से उनके कार्यक्रम या सत्संग का आयोजन करवाया जाता है. 2 जुलाई को उनका कार्यक्रम हाथरस के फुलरई गांव में था, जहां सत्संग खत्म होने के बाद भगदड़ मची.

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कौन हैं नारायण साकार हरि?

साकार हरि पहली बार कोविड-19 महामारी के दौरान चर्चा में आए थे. 7 दिसंबर 2021 का दिन था. देश में कोविड-19 की तीसरी लहर चल रही थी. तब कार्यक्रमों या सामाजिक जुटानों में ज्यादा लोगों के आने की अनुमति नहीं मिलती थी. उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में नारायण साकार हरि ने कार्यक्रम के लिए 50 लोगों की अनुमति ली थी. लेकिन उनके कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ पहुंच गई. ये कोविड प्रोटोकॉल का सरासर उल्लंघन था. प्रशासन ने आयोजक के खिलाफ केस दर्ज करने का नोटिस भी जारी किया था. हालांकि, बाद में साकार हरि के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हर मंगलवार को इनका कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इन कार्यक्रमों में हजारों लोगों की भीड़ जुटती है. 2 जुलाई के कार्यक्रम का भी एक पोस्टर वायरल हो रहा है. इसका आयोजन 'मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति' ने करवाया था.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट बताती है कि साकार हरि मूल रूप से एटा के पटयाली तहसील में बहादुरनगर गांव के रहने वाले हैं. ये इलाका अब कासगंज जिले में आता है. करीब 26 साल पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर उन्होंने धार्मिक प्रवचन देना शुरू किया था. अपने प्रवचनों में साकार हरि ये भी दावा करते हैं कि वे इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में काम कर चुके हैं.

यूपी के मैनपुरी में उनका आश्रम है, जो 21 बीघे के इलाके में फैला है. साल 2014 तक अपने पैतृक गांव बहादुरनगर में ही सत्संग किया, 2014 के बाद उन्होंने दूसरे राज्यों का दौरा शुरू किया. 2014 में ही उन्होंने बहादुरनगर से मैनपुरी में अपना बेस शिफ्ट किया था.

साल 2000 में साकार विश्व हरि को 'चमत्कार करने' के मामले में गिरफ्तार किया गया था. आगरा में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि कुछ दिन बाद सबूतों के अभावों में उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया था.

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रिपोर्ट की माने तो साकार हरि के कार्यक्रम सिर्फ पश्चिम यूपी तक सीमित नहीं हैं. दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में भी उनके कार्यक्रमों में हजारों लोगों की भीड़ पहुंचती है. अलीगढ़ में हर मंगलवार को साकार हरि के कार्यक्रम का आयोजन होता है.

अखिलेश भी जा चुके हैं कार्यक्रम में

बीते कुछ सालों में साकार हरि की लोकप्रियता काफी ज्यादा बढ़ी है. बड़े राजनेता भी उनके कार्यक्रम में नजर आते हैं. पिछले साल 3 जनवरी को ऐसे ही एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहुंचे थे. तब अखिलेश ने एक पोस्ट में लिखा था, 

"नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा - सदा के लिए जय जयकार हो"

फिलहाल, इस दर्दनाक हादसे के बाद साकार हरि गायब हैं. उनकी तरफ से अब तक कोई बयान भी नहीं दिया गया है. 

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वहीं हाथरस पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आयोजन की अनुमति ली गई. कार्यक्रम में 40 से ज्यादा पुलिसकर्मी वहां तैनात थे. हाथरस पुलिस ने लोगों की मदद के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए हैं - 9259189726 और 9084382490.

आयोजन समिति ने क्या बताया?

कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर सत्संग करवाया था. आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने आजतक को बताया कि कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन स्थल पर मौजूद थे. उन्होंने आरोप लगाया कि ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है.

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