यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Vlodymyr Zelensky Donald Trump) से मुलाकात की. लेकिन इससे पहले कि ‘मिनरल डील’ (Mineral Deal) पर कोई बात बनती, दोनों देशों के प्रमुखों के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई और हालात बिगड़ गए. बैठक के बाद जेलेंस्की ने बताया कि अभी तक किसी भी अमेरिकी सुरक्षा गारंटी पर सहमति नहीं बनी है. वहीं, ट्रंप का कहना है कि यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूरोप पर आनी चाहिए.
43 लाख करोड़ की 'मिनरल डील' की अंदर की कहानी, जिसने पूरी दुनिया में ट्रंप-जेलेंस्की का तमाशा बना दिया
Mineral Deal: बैठक के बाद Volodymyr Zelensky ने बताया कि अभी तक किसी भी अमेरिकी सुरक्षा गारंटी पर सहमति नहीं बनी है. वहीं, Donald Trump का कहना है कि यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूरोप पर आनी चाहिए.

पिछले एक महीने से ट्रंप ‘मिनरल डील’ के लिए यूक्रेन पर दबाव बना रहे थे. इससे पहले ट्रंप ने धमकी भरे लहजे में ये तक कह दिया था अगर यूक्रेन चाहता है कि रूस के खिलाफ उसे लगातार अमेरिकी सैन्य मदद मिलती रहे, तो उसे 500 बिलियन डॉलर (लगभग 43 लाख करोड़ रुपये) के दुर्लभ खनिज अमेरिका को सौंपने होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल ट्रंप ने अपनी ये शुरुआती मांग छोड़ दी है. ट्रंप ने कहा था कि इस समझौते से अमेरिकी करदाताओं को अपना वो पैसा वापस पाने में मदद मिलेगी, जो उन्होंने युद्ध के दौरान यूक्रेन को भेजी गई सहायता के लिए दिया था.
क्या है ‘मिनरल डील’?BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मिनरल डील’ के तहत यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए एक ‘इनवेस्टमेंट फंड’ स्थापित होना है. जिसका मैनेजमेंट समान शर्तों पर यूक्रेन और अमेरिका दोनों करेंगें. यूक्रेनी प्रधानमंत्री डेनिस श्म्यहाल के मुताबिक,
‘समझौते के अनुसार, यूक्रेन के स्वामित्व वाले खनिज संसाधनों जैसे तेल और गैस से होने वाली कमाई का 50% इस फंड को मिलेगा. फिर यह फंड यूक्रेन की सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश करेगा.’
जेलेंस्की ने फंड की बात स्वीकार की. हालांकि, बुधवार, 26 फरवरी को उन्होंने BBC से बात करते हुए कहा था कि पैसे के बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी. इस समझौते में कहा गया है कि अमेरिका के पास अमेरिकी कानून के तहत कबूल किए गए फंड की अधिकतम राशि का स्वामित्व होगा. लेकिन ट्रंप और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस के साथ तीखी नोकझोंक के बाद इस डील पर मुहर नहीं लगी. जेलेंस्की के जल्दी चले जाने के बाद, वॉइट हाउस ने घोषणा कि समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं.
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वॉइट हाउस की तरफ से बताया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस वक्त यूक्रेन मिनरल डील को फिर से शुरू करने के इच्छुक नहीं हैं. वे मीटिंग से निकलकर तुरंत अपने फ्लोरिडा स्थित घर की तरफ रवाना हो गए. वहीं, जेलेंस्की अब लंदन की तरफ रवाना होंगें. वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर द्वारा यूक्रेन पर आयोजित एक समिट में शामिल होने के लिए जा रहे हैं. लंदन में होने वाली समिट कई मायनो में खास है. बड़े यूरोपीय नेताओं की ये बैठक उस वक्त बुलाई गई है, जब ट्रंप-यूरोप के बीच भी ठनी हुई है.
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