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उत्तरकाशी में 5 दिन बाद भी सुरंग से नहीं निकाले जा सके मजदूर, विदेश से लेनी पड़ेगी मदद?

Uttarkashi Tunnel Collapse: इंटरनेशनल टनलिंग और अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने भारतीय बचाव दल की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है. 5 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक 40 मजदूर सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं.

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900 मिमी के ट्यूब्स को सुरंग के अंदर डालने का प्रयास किया जा रहा है. (तस्वीर: PTI)

उत्तरकाशी सुरंग हादसे (Uttarkashi Tunnel Collapse) में अभी तक किसी भी मजदूर को बचाने में सफलता नहीं मिल पाई है. 12 नवंबर को यहां की निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग ढह गई थी. 5 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक 40 मजदूर फंसे हुए हैं. इन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का काम चल रहा है. इस बीच मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है.

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इंडिया टुडे से जुड़े अंकित शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, 900 मिमी के ट्यूब्स को मजदूरों की तरफ डालने का प्रयास किया जा रहा है. ट्यूब्स को अंदर डालने के लिए ड्रिलींग मशीन से पाइप लगाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, खबर लिखे जाने तक 3 पाइप्स लगाए जा चुके हैं और चौथे पाइप की वेल्डिंग की जा रही है.

इस बीच, इंटरनेशनल टनलिंग और अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने भारतीय बचाव दल की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है. इंडिया टुडे से जुड़े आशुतोष मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर ने कहा है कि वो उत्तरकाशी सुरंग हादसे के बचाव कार्य पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. अगले कुछ समय में अगर बचाव अभियान को सफलता नहीं मिलती है तो वो भारत आएंगे. 

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उन्होंने आगे कहा कि भारत सुरंग बनाने वाले अग्रणी देशों में से एक है. प्रोफेसर ने कहा कि हम भारत को हर तरह की सहायता देंगे. यह बेहद गंभीर मामला है. इस हादसे में 40 जिंदगियां खतरे में है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बचाव कार्य में थोड़ी तेजी आई है लेकिन किसी भी मजदूर को बाहर निकालने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. हालांकि, अधिकारियों को उम्मीद है कि अगर ट्यूब्स को सुरंग के अंदर डालने का काम सुचारू रूप से हो गया तो जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा.

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अब तक क्या हुआ? 

घटनास्थल से अधिकारी हर रोज उम्मीद दिखाते रहे कि अब फंसे हुए लोगों को बचा लिया जाएगा. लेकिन हर रोज ही ये उम्मीद आगे खिसकती जा रही है. इससे पहले, 15 नवंबर को बचाव कार्य में उस समय मुश्किल खड़ी हो गई जब मलबे में ड्रिलिंग के दौरान भूस्खलन हो गया था. भूस्खलन की वजह से टनल के अंदर मलबा गिरा और भगदड़ मच गई, जिसमें दो मजदूर घायल हो गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 14 नवंबर को दो मज़दूरों की तबीयत बिगड़ गई थी. एक मजदूर को उल्टी और चक्कर जैसी समस्याएं हुईं. एक और मजदूर ने सिर में दर्द  की शिकायत बताई थी. दोनों मजदूरों तक कंप्रेसर के जरिए दवाई भेजी गई.

पहाड़ों में संकरे रास्ते के कारण कई मशीनों को घटनास्थल तक लाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. घटनास्थल से आई जानकारी के मुताबिक, बैकअप मशीन नहीं होने के कारण बचाव काम में देरी हो रही थी. इसके कारण 15 नवंबर की सुबह को घटनास्थल के बाहर कुछ मजदूरों ने प्रदर्शन भी किया है.

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