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उत्तरकाशी सुरंग हादसा: एक मजदूर महादेव की आवाज आई, चाचा से क्या कहा?

मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए 24 टन की एक नई ड्रिलिंग मशीन लाई गई है. ड्रिल कर के 800 मिली-मीटर का पाइप डाला जाएगा. अगर ये अत्याधुनिक ड्रिलिंग मशीन अपना काम कर देती है, तो यह 5 मिमी प्रति घंटे की गति से मलबे को काटने देगी.

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uttarkashi tunnel collapse
ढही हुई सुरंग के बाहर महादेव और उसके की पुरानी तस्वीर (फ़ोटो - इंडिया टुडे)
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सोम शेखर
16 नवंबर 2023 (Published: 03:44 PM IST)
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बीती 12 नवंबर को एक निर्माणाधीन सुरंग (Uttarkashi tunnel collapse) ढह गई. पांच दिन बीत गए हैं और लगभग 40 मज़दूर अब तक फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चल ही रहा है. इस बीच फंसे हुए मजदूरों में से एक का ऑडियो मिला है. मज़दूर का नाम महादेव है. उम्र, 22 साल. उनका अपने चाचा के साथ वॉकी-टॉकी पर बात करते हुए एक ऑडियो सामने आया है.

चाचा उड़िया में कहते हैं - "महादेव! महादेव, क्या तुम ठीक हो? अपने परिवार और भाई को बताओ कि वो तुम्हारी चिंता न करें."

गूंजती आवाज़ के साथ महादेव जवाब देता है - "मैं ठीक हूं."

इंडिया टुडे के अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक़, अपने भाई की आवाज़ सुनकर बोनू नायक और पूरे परिवार को राहत मिली. बोनू ने इंडिया टुडे को बताया कि बचाव अभियान चल रहा है और प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया है कि महादेव को जल्द ही बचा लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें - ढही सुरंग में फंसे 40 मजदूरों से हुई बात, कब तक बाहर निकल आएंगे?

मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए 24 टन की एक नई ड्रिलिंग मशीन लाई गई है. ड्रिल कर के 800 मिली-मीटर का पाइप डाला जाएगा. अगर ये अत्याधुनिक ड्रिलिंग मशीन अपना काम कर देती है, तो यह 5 मिमी प्रति घंटे की गति से मलबे को काटने देगी. इस बीच फंसे हुए मज़दूरों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी नज़र रखी जा रही है.

घायलों तक कैसे पहुंचाई जा रही दवा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 14 नवंबर को दो मज़दूरों की तबीयत बिगड़ गई थी. एक मजदूर को उल्टी और चक्कर जैसी समस्याएं हुईं. एक और मजदूर ने सिर में दर्द  की शिकायत बताई थी. दोनों मजदूरों तक कंप्रेसर के जरिए दवाई भेजी गई.

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मजदूरों को बचाने की प्रयास में दिक्कतें आ रही हैं. पहाड़ों में संकरे रास्ते के कारण कई मशीनों को घटनास्थल तक लाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. घटनास्थल से आई जानकारी के मुताबिक़, बैकअप मशीन नहीं होने के कारण बचाव काम में देरी हो रही है. इसके चलते 15 नवंबर की सुबह घटनास्थल के बाहर कुछ मजदूरों ने प्रदर्शन भी किया.

फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सिंचाई विभाग के 5 विशेषज्ञ अभियंताओं को देहरादून से बुलाया गया है. इसके अलावा एयरफोर्स की मदद से दिल्ली से कुछ एडवांस मशीनें भी भेजी जा रही हैं.

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