The Lallantop

मुख्तार अंसारी को एक और केस में सजा, जेलर के ऊपर पिस्तौल तान दी थी!

जानिए मुख्तार अंसारी के कितने साल जेल के अंदर कटेंगे?

Advertisement
post-main-image
मुख्तार अंसारी | फाइल फोटो: आजतक

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गैंगस्टर के एक मामले में दोषी करार दिया गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार को 5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. बीते 3 दिनों के अंदर ये दूसरा मामला है, जिसमें मुख्तार को दोषी ठहराया गया है. इससे पहले एक जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार को 7 साल की सजा सुनाई गई थी.

Advertisement
सरकार की अपील पर सुनाया गया फैसला

आजतक के संतोष शर्मा के मुताबिक गैंगस्टर एक्ट का मामला 23 साल पुराना है. मामले की एफआईआर साल 1999 में लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज की गई थी. ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में मुख्तार को बरी कर दिया था. लेकिन, इसके बाद यूपी सरकार ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने शुक्रवार, 23 सितंबर को मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के मामले में दोषी करार दिया.

क्या है जेलर को धमकाने का केस?

साल 2003 में लखनऊ की एक जेल के तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके मुताबिक जब जेलर ने जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश दिया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई. साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी.

Advertisement

इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी. मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी अंसारी को आईपीसी की धारा 353 के तहत 2 साल सजा और 10 हजार का जुर्माना, धारा 504 के तहत 2 साल की सजा और 2 हजार का जुर्माना व धारा 506 के तहत सात साल की सजा और 25 हजार के जुर्माना लगाने का फैसला सुनाया. इन सभी सजाओं को एक साथ चलाया जाएगा, जिसका मतलब है कि अंसारी को सभी धाराओं के तहत कुल मिलाकर अधिकतम 7 साल की कैद और 37 हजार के जुर्माने की सजा होगी. इस समय मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं.

वीडियो देखें : मुख़्तार अंसारी को किस मामले में 19 साल बाद सजा सुनाई गई?

Advertisement
Advertisement