पूर्व विधायक और गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को क्लीन चिट दे दी गई है. 15 अप्रैल, 2023 को अतीक-अशरफ की पुलिस हिरासत के दौरान ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. 1 अगस्त को आयोग ने UP विधानसभा ने अपनी रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में आयोग ने राज्य की पुलिस को क्लीन चिट देते हुए मीडिया के लिए बहुत कुछ कह दिया.
अतीक अहमद हत्याकांड में पुलिस को क्लीन चिट मिली या नहीं? रिपोर्ट आ गई है
Atiq Ahmad Murder Case: 2023 में अतीक-अशरफ की पुलिस हिरासत के दौरान ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त दोनों मीडिया से बात कर रहे थे. गोली चलाने वाले पत्रकार बनकर आए थे. आयोग ने सुझाव दिया है कि ऐसे मामलों में मीडिया को संबंधित अधिकारियों द्वार कंट्रोल किया जाना चाहिए.

इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश दिलीप बी भोसले के नेतृत्व में पांच सदस्यीय आयोग ने इस मामले की जांच की है. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया,
“अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या को राज्य पुलिस द्वारा अंजाम दी गई पूर्व नियोजित साजिश का नतीजा नहीं कहा जा सकता. ये पुलिस की लापरवाही का नतीजा नहीं था और न ही उनके लिए घटना को टालना संभव था.”
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प्रयागराज में मीडिया से बातचीत के दौरान अतीक अहमद और अशरफ की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. तीनों हत्यारे वहां पत्रकार बनकर आए थे. आयोग ने मीडिया को सुझाव दिया कि ऐसी घटनाओं को कवर करते समय संयम बरतें. आयोग ने सिफारिश की है कि इस तरह के मामलों में जांच कर रहे अधिकारियों को ध्यान रखना चाहिए कि मीडिया में क्या छप रहा है. आयोग ने सुझाव दिया,
"मीडिया को किसी भी घटना का इस तरह से सीधा प्रसारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जिससे आरोपी या पीड़ितों की गतिविधियों के साथ-साथ उस घटना के संबंध में पुलिस की योजना के बारे में जानकारी मिल सके. मीडिया को किसी भी अपराध की जांच के बारे में जानकारी नहीं दी जानी चाहिए. जैसे कि आरोपी को आपत्तिजनक वस्तुओं की बरामदगी के लिए ले जाना. जब सार्वजनिक महत्व के अपराध की जांच चल रही हो, तो मीडिया को कोई भी टॉक शो आयोजित करने से बचना चाहिए, जिससे जांच में बाधा उत्पन्न हो सकती है."
अतीक और उसके भाई को जब गोली मारी गई थी, तब पुलिसकर्मी दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर जा रहे थे. दोनों भाईयों को उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में हिरासत में रखा गया था. फरवरी 2023 में प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षा गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या मामले में गवाह थे. इस मामले में अतीक अहमद को मुख्य आरोपी बनाया गया था.
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