स्कूल में बच्चों के लिए ड्रेस कोड से लेकर वॉशरूम जाने तक के कई नियम होते हैं. वहीं ऑफिस में एम्लॉई को कुछ फ्रीडम होती है. जैसे कि वे जो मन चाहे पहन सकते हैं और किसी भी समय खा-पी सकते हैं. हालांकि कुछ कंपनियों में कर्मचारियों के लिए भी ड्रेस से जुड़े नियम होते हैं. और इन्हें ना मानने पर कंपनी पेनल्टी भी लगाती है. ऐसा ही एक मामला इस समय सुर्ख़ियों में है. जहां एक महिला को उसके ऑफिस ने सिर्फ इसलिए निकाल दिया. क्योंकि उन्होंने स्पोर्ट्स शूज पहने थे (Woman Fired For Wearing Sports Shoes). इसके बाद महिला ने कोर्ट का रुख किया और कोर्ट ने उसकी पैसों से झोली भर दी.
ऑफिस में स्पोर्ट्स शूज पहने, कंपनी ने फायर कर दिया, कोर्ट ने इतने पैसे दिलाए, अब नौकरी की जरूरत नहीं
एक महिला को ऑफिस में स्पोर्ट्स शूज पहनना भारी पड़ गया. इन जूतों के कारण उनकी आलोचना हुई, साथ ही उन्हें ऑफिस से भी निकाल दिया गया. कंपनी के ऐसा करने के बाद महिला ने कोर्ट का रुख किया. और फिर झोली भर गई.
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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, यूके की इस महिला का नाम एलिजाबेथ बेनासी है और उनकी उम्र 20 साल है. इन्हें एक रिक्रूटमेंट एजेंसी से स्पोर्ट्स जूते पहनने के कारण निकाल दिया गया. जिसके बाद उन्होंने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया. महिला ने एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल कोर्ट (Employment Tribunal) में अपने साथ हुए भेदभाव के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 2022 में उन्होंने 'मैक्सिमस यूके सर्विसेज'(Maximus UK Services) में काम करना शुरू किया. उस समय उनकी उम्र 18 साल थी. उस समय कंपनी के मैनेजर ने उन्हें 'बच्ची' की तरह ट्रीट किया. और उनके ट्रेनर (स्पोर्ट्स जूते) की आलोचना की.
महिला के पक्ष में सुनाया फैसलारिपोर्ट के मुताबिक, रिक्रूटमेंट एजेंसी ने एलिजाबेथ बेनासी को सिर्फ तीन महीने के लिए हायर किया था. फिर उसे नौकरी से निकाल दिया गया. ट्रिब्यूनल को यह भी बताया गया कि उसके ज्यादातर कलिग्स 20s में थे. और एलिजाबेथ बेनासी कंपनी में सबसे कम उम्र की कर्मचारी थीं. उनकी उम्र की वजह से उन्हें "माइक्रोमैनेज्ड" किया जा रहा था. इन आरोपों पर मैक्सिमस यूके सर्विसेज ने कहा कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया. लेकिन ट्रिब्यूनल ने 20 साल की एलिजाबेथ बेनासी के पक्ष में फैसला सुनाया.
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हर्जाने के रूप में एलिजाबेथ बेनासी को 29,187 पाउंड (लगभग 32 लाख रुपये) का मुआवजा दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रिब्यूनल के जज ने कहा, एलिजाबेथ बेनासी ड्रेस कोड के बारे में नहीं जानती थीं. फिर भी उसे कोई ढील नहीं दी गई. बल्कि कंपनी ने उनकी गलतियां निकालने में ज्यादा दिमाग लगाया.
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