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खुद को एयर इंडिया का कर्मचारी बताया, और टिकट बुकिंग में 50 लाख ठग डाले

चेक कर लीजिए, कहीं आपको भी एयर इंडिया के नाम पर ठग तो नहीं लिया गया?

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(फोटो: पीटीआई)

इस कहानी में तीन किरदार हैं- एयर इंडिया, टिकट एजेंट और एक बीपीओ कंपनी. एक चौथा किरदार भी है, जो दिखाई नहीं देता है, वह सब की नजरों से छिपकर लोगों को ठगता रहता है. लाखों की चपत लगा देता है. चंडीगढ़ का एक ट्रेवल एजेंट इसके शिकारों में से एक है. इस ट्रैवल एजेंट ने पिछले साल फरवरी महीने में एयर इंडिया के कस्टमर केयर सेंटर को एक कॉल किया था. उन्हें नेपाल के काठमांडू जाने वाली एक फ्लाइट के बारे में कुछ जानकारी लेनी थी. लेकिन यह एक कॉल उनके लिए काफी भारी पड़ गया. वह अनजाने में एक बड़े रैकेट का हिस्सा बन गए, जिसके कारण उन्हें 50 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

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यह सिर्फ एक एजेंट की कहानी नहीं है. इस तरह के कई एजेंट और यात्रियों के साथ ठगी हुई है. विस्तार से आपको बताते हैं कि ये रैकेट किस तरह काम कर रहा था.

एयर इंडिया में 'ठगी' की कहानी!

एक बीपीओ कंपनी है आईटीजी सॉल्यूशंस. यह पिछले करीब दो दशकों से काम कर रही है. एयर इंडिया ने इसी कंपनी को उसकी ओर से कस्टमर केयर सेंटर को संभालने की जिम्मेदारी दे रखी है. आईटीजी सॉल्यूशंस एयर इंडिया की फ्लाइट्स की टिकट भी बुक करता है और जो किराया राशि प्राप्त होती है, उसे कंपनी की अकाउंट में जमा करा देता है. ये प्रक्रिया कई सालों से चल रही है.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल फरवरी महीने में चंडीगढ़ के टिकट एजेंट ने एयर इंडिया के एक कस्टमर सपोर्ट नंबर पर कॉल किया था. उधर से किसी ने कॉल उठाया और कहा कि हम जल्द आपकी मदद करते हैं'. थोड़ी देर में एजेंट के पास कॉल आया और व्यक्ति ने कहा कि वह एयर इंडिया के कर्मचारी' बोल रहे हैं और उनकी मदद करना चाहते हैं.

कुछ देर में उसी व्यक्ति ने एजेंट के पास कॉल किया और एक चौंकाने वाला ऑफर दिया.

एजेंट ने बताया, 

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“खुद को एयर इंडिया का कर्मचारी बताने वाले शख्स ने मुझसे पूछा कि काठमांडू के टिकट के लिए कितने रुपये लगते हैं. जब मैंने उसे टिकट राशि के बारे में बताया तो उसने मुझे 10 हजार रुपये के डिस्काउंट का ऑफर दिया. जब मैंने अपने एक सीनियर ट्रेवेल एजेंट से पता किया तो उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं वो ऑफर ले लूं, लेकिन यात्रा पूरी होने के बाद ही भुगतान करुं.”

एयर इंडिया का कथित कर्मचारी इन शर्तों के साथ तैयार हो गया और टिकट जारी कर दिया. उस एजेंट का कस्टमर आसानी से काठमांडू पहुंच गया, जिसके बाद उन्होंने पेमेंट कर दी. अगले 15 दिनों तक एजेंट ने यही प्रक्रिया अपनाई और सब कुछ अच्छे से चलता रहा. जब टिकट एजेंट को एयर इंडिया के उस कथित कर्मचारी की विश्वसनीयता पर भरोसा हो गया तो उसने अब यात्रा से पहले ही बुकिंग के दौरान ही पेमेंट करना शुरु कर दिया.

चंडीगढ़ के एजेंट ने अपने अन्य साथियों को भी इस 'स्कीम' के बारे में बताया, जिसके बाद से उन लोगों ने भी इसी तरह टिकट बुकिंग शुरु कर दी. जाहिर है कि उन्हें हर टिकट पर काफी डिस्काउंट मिल रहा था और बिना किसी दिक्कत के यात्रा पूरी हो जा रही थी.

लेकिन तभी आ गई कोरोना महामारी.

कैसे खुला रैकेट का खेल

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान मई, 2021 में इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ. कोविड-19 के चलते कई यात्रियों ने अपना टिकट कैंसिल कराना शुरु कर दिया. वह उम्मीद कर रहे थे कि कैंसिलेशन फीस काटकर जल्द उनका पैसा वापस आ जाएगा.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज तक उन्हें अपने रिफंड का इंतजार है. अन्य टिकट एजेंट भी इसी जाल में फंस गए. एक एजेंट ने बताया, 

“अब तक करीब 60 टिकट (ज्यादातर कनाडा के लिए) बुक किए गए थे, जिसकी कुल कीमत 52 लाख रुपये अभी बकाया हैं. मेरे जैसे कई लोग इसी समस्या का सामना कर रहे हैं.”

इस बीच एयर इंडिया को भी टिकट के रिकॉर्ड में गड़बड़ी दिखाई दी. उसके पास आईजीटी सॉल्यूशंस की ओर से बुक किए टिकटों के पैसे नहीं आ रहे थे. हालांकि जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि कंपनी की ओर से टिकट बुक किए जा रहे थे, लेकिन वह कंपनी के सिस्टम से नहीं बुक हो रहा था. कोई और बाहरी व्यक्ति पूरे सिस्टम को हैक करके मुफ्ट में टिकट जारी कर रहा था.

एयर इंडिया के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 

'जो टिकट बुक किए गए थे, वो असली हैं, लेकिन इसकी राशि हमें प्राप्त नहीं हुई है. पहले कई बार इस तरह की दिक्कतें होती थीं, लेकिन कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों में इसका समाधान कर लिया जाता था. लेकिन जब लंबे समय तक ये समस्या बनी रही तो हमने आईजीटी सॉल्यूशंस से संपर्क किया और मामले की पड़ताल करने को कहा.'

यही है वो चौथा किरदार, जिसका जिक्र हमने इस खबर की शुरुआत में किया. जो न कंपनी में है, न बीपीओ में और न किसी और मौके पर,

अज्ञातों के खिलाफ एफआईआर

आईजीटी सॉल्यूशंस ने पिछले साल गुड़गांव के साइबर अपराध पुलिस थाने में अज्ञातों के खिलाफ' एफआईआर दर्ज करवाई है. इसमें कहा गया है कि एयर इंडिया के सिस्टम से कई टिकट बुक किए गए थे, लेकिन उसमें से किसी भी टिकट का भुगतान नहीं हुआ है.

उन्होंने आरोप लगाया कि आईजीटी कर्मचारियों की 'लॉग-इन आईडी और पासवर्ड' का इस्तेमाल करते हुए इन टिकटों को बुक किया गया है 'जबकि इन कर्मचारियों को टिकट जारी करने के लिए न तो अधिकृत किया गया था, न ही प्रशिक्षित किया गया था और कुछ मामलों में फर्जी टिकट बनाए जाने के समय वह शिफ्ट में भी नहीं थे.

एयर इंडिया के प्रवक्ता इस बात से इनकार किया है कि इस फर्जीवाड़े में उनके किसी कर्मचारी की कोई भूमिका है.

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