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बिहार में 'डॉग बाबू' और 'ट्रैक्टर' के बाद 'डॉगेश बाबू' ने भी कर दिया निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन

लगातार सामने आ रहे इस तरह के मामलों को लेकर एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. उधर, अधिकारी भी अलर्ट हो गए है. उन्हें इसमें राजनीतिक साजिश की बू आ रही है.

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पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले. (प्रतीकात्मक तस्वीर- इंडिया टुडे)

बिहार में कुत्तों की फोटो और उल्टे-सीधे नाम वाले सर्टिफिकेट्स के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. बीच-बीच में लगातार इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं. बिहार की राजधानी पटना से “कुत्ता बाबू” के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ताजा मामला नवादा जिले से सामने आया है. इस जिले से “डॉगेश बाबू” (Dogesh Babu) के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है. लगातार सामने आ रहे इस तरह के मामलों को लेकर एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. उधर, अधिकारी भी अलर्ट हो गए है. उन्हें इसमें राजनीतिक साजिश की बू आ रही है. 

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नवादा में ‘डॉगेश बाबू’ के नाम से आवेदन

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 जुलाई को नवादा जिले के सिरदला के राजौली प्रखंड से ‘डॉगेश बाबू’ नाम से ऑनलाइन निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया. आवेदन में एक कुत्ते की फोटो लगाई गई थी. माता-पिता का नाम ‘डॉगेश के पापा’ और ‘डॉगेश की मम्मी’ लिखा गया था.

बाकी सभी मामलों की तरह यह मामला भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. अधिकारियों की फजीहत होने लगी. इसके बाद नवादा के जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. दोषियों की पहचान के लिए साइबर टीम की मदद ली जा रही है. DM रवि प्रकाश ने X पर लिखा, 

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“Copy cats... या कहें Copy dogs... पकड़े गए हैं. इनके खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है.”

Dogesh
DM का पोस्ट. 
बिहार में कुत्तों की तस्वीर वाले निवास प्रमाण पत्र

इससे पहले पटना के मसौढ़ी में ‘डॉग बाबू’ के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था. फजीहत होने के बाद इसे रद्द किया गया. इसे जारी करने वाले दो अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही के मद्देनजर विभागीय कार्रवाई भी की गई. इसके अलावा, एक अन्य मामला पूर्वी चंपारण से भी सामने आया था. यहां ‘सोनालिका ट्रैक्टर’ नाम से आवेदन किया गया था. ऑनलाइन आवेदन में भोजपुरी एक्ट्रेस की तस्वीर लगाई गई थी.

राजनीतिक साजिश का दावा

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पटना के मसौढ़ी अंचल कार्यालय में कार्यरत कार्यपालक सहायक मिंटू कुमार निराला को मंगलवार 29 जुलाई को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए कर्मचारी को एक स्थानीय राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक का करीबी बताया गया है. अधिकारियों का दावा है कि यह एक राजनीतिक साजिश हो सकती है. 

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रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि निराला ने एक अन्य व्यक्ति का आधार कार्ड इस्तेमाल कर “डॉग बाबू” के नाम पर फर्जी तरीके से निवास प्रमाण पत्र बनवाया. इसके बाद इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया. पूछताछ में उसने बताया कि वह चुनावी कार्यों के लिए उपमंडल दफ्तर में नियुक्त था. रोज एक घंटे पहले ऑफिस पहुंचकर फर्जी निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाता था. इसके बाद डेटा को कंप्यूटर से डिलीट कर देता था. 

दावा है कि उसका मकसद आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सरकार को बदनाम करना था. मसौढ़ी के उपमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने TOI को बताया कि मामले की गहराई से जांच हो रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं और भी लोग इसमें शामिल तो नहीं हैं.

RJD विधायक ने आरोपों से किया इनकार

दूसरी तरफ, RJD विधायक भाई वीरेंद्र ने इस पूरे मामले को साजिश करार दिया है. उनका कहना है कि प्रशासन अपनी गलती छिपाने के लिए विपक्षी पार्टी पर आरोप लगा रहा है.

वीडियो: मोंकेश, डॉगेश को बनाने वाले शख्स ने कैमरे पर बताया, कहां से आया आईडिया?

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