राज्यसभा में मंगलवार, 29 जुलाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे सवाल दागे. खरगे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता ‘शहीदों का अपमान’ करते हैं, लेकिन पीएम मोदी चुप बैठे हैं. कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब देने की जिम्मेदारी किसी मंत्री की नहीं, बल्कि खुद प्रधानमंत्री की है.
'सीजफायर किसने कराया? ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी से खरगे के चार सवाल
Mallikarjun Kharge ने Pahalgam Attack पर बात करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने समय रहते लोगों को नहीं बचाया, जिससे पर्यटकों की मौत हुई. उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही पर चुप्पी क्यों है?

खरगे ने सवाल उठाया कि आखिर सीजफायर हुआ तो किसकी शर्तों पर हुआ? और किसने कराया? उन्होंने कहा कि सरकार को जनता को साफ-साफ बताना चाहिए कि पाकिस्तान के साथ किस आधार पर युद्धविराम हुआ और उसमें भारत के हितों की क्या गारंटी है. उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी खुद सामने नहीं आना चाहते और मंत्रियों को आगे करके बचने की कोशिश कर रहे हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,
"चार सवाल मैं आपके सामने रखा हूं... प्राइम मिनिस्टर जवाब देंगे. उनका थोड़ा तो मुंह खुलवाइए... हिम्मत करें... आकर बोलें."
उन्होंने आगे कहा,
"आप जिम्मेदारी लो, प्रधानमंत्री जी बोलो आप. लेकिन मुझे लगता है कि आज नहीं कल वो यहां हस्तक्षेप करेंगे. उत्तर नहीं देंगे, हस्तक्षेप करेंगे, क्योंकि वे दूसरों को जवाब देना नहीं चाहते हैं. उन्होंने अपने दोस्तों को और मिनिस्टरों को छोड़ दिया कि तुम जाओ कुछ भी कहो."
खरगे ने कहा कि हम सरकार के साथ हैं. जब देश की सुरक्षा का सवाल हो, हम एकजुट हैं. फिर भी हर बार हमें गद्दार कहा जाता है. खरगे ने सवाल किया कि आप कैसे तय कर सकते हैं कि कौन देशभक्त है और कौन नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को भगवान बनाकर पूजा मत कीजिए, वो एक जनप्रतिनिधि हैं और उन्हें जवाब देना ही होगा.
विपक्ष के नेता ने पहलगाम हमले पर बात करते हुए यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने समय रहते लोगों को नहीं बचाया, जिससे पर्यटकों की मौत हुई. उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही पर चुप्पी क्यों है. उन्होंने सीजफायर का मुद्दा भी उठाया. खरगे ने सवाल किया कि जब पाकिस्तान बैकफुट पर था, तो सीजफायर क्यों किया गया. राज्यसभा में उन्होंने पूछा,
खरगे ने मोदी सरकार से पूछे चार सवाल"सवाल ये है कि (सीजफायर की) घोषणा किसने की और कहां से हुई और किस जगह से हुई. हमें ये मालूम करना था. सीजफायर की घोषणा हमारे प्रधानमंत्री ने नहीं की, विदेश मंत्री ने नहीं की, रक्षा मंत्री ने भी नहीं की, बल्कि वाशिंगटन से अमेरिका के राष्ट्रपति (डॉनल्ड) ट्रंप ने की."
1. सीजफायर किन शर्तों पर हुआ?
जब पाकिस्तान खुद बैकफुट पर था, तब भारत ने सीजफायर की शर्तें क्यों मानी? इसमें किसने पहल की और किस स्तर पर समझौता हुआ?
2. क्या अमेरिका ने हस्तक्षेप किया?
क्या इस सीजफायर में अमेरिका की कोई भूमिका रही? अगर हां, तो किसके कहने पर और किन शर्तों के तहत यह हस्तक्षेप हुआ?
3. क्या यूएस प्रेसिडेंट ने सीजफायर कराया?
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का दावा है कि उन्होंने युद्धविराम कराया. अगर यह सच है, तो क्या यह भारत की 'नो थर्ड पार्टी मेडिएशन' (किसी तीसरे देश की मध्यस्थता ना स्वीकारने की नीति) के खिलाफ नहीं है?
4. क्या भारत पर ट्रेड थ्रेट या आर्थिक दबाव डाला गया?
क्या भारत को सीजफायर के लिए किसी व्यापारिक धमकी या आर्थिक ब्लैकमेल का सामना करना पड़ा, जिसके चलते यह निर्णय लेना पड़ा?
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को सलाह देते हुए कहा कि अपनी गलतियों के लिए कांग्रेस को ब्लेम करना बंद करें. उन्होंने मांग की कि कारगिल युद्ध की तर्ज पर एक कमेटी बनाई जाए, ताकि पहलगाम हमले में लापरवाही बरतने वालों जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जा सके.
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