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19 साल का ये आतंकी बोला- ये जिहाद गलत है, पाकिस्तान की सेना, ISI, LeT सब मिले हुए हैं

अली बाबर ने बताया कि वो क्यों आतंकी बना और पाकिस्तान में उसके साथ क्या हुआ.

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(बाएं) अली बाबर पात्रा. (दाएं) पाकिस्तानी आर्मी के एक जवान की फाइल फोटो. (तस्वीरें- पीटीआई और इंडिया टुडे से साभार हैं.)
पाकिस्तान, उसकी खुफिया एजेंसी ISI और इनके सहयोग से चल रहे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की सच्चाई एक बार फिर सामने आ गई है. वो भी उन्हीं के तैयार किए आतंकी की तरफ से. दरअसल भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर के पास घुसपैठ कर रहे आतंकियों में से एक को जिंदा पकड़ लिया है. मंगलवार को सेना ने इस आतंकी को मीडिया के सामने पेश किया. उसका नाम अली बाबर पात्रा बताया गया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अली बाबर ने बताया कि वो क्यों और कैसे आतंकी बना. इसके पीछे पाकिस्तानी आर्मी, ISI और लश्कर-ए-तैयबा की क्या भूमिका थी. क्या बोला 19 साल का आतंकी? इंडिया टुडे से जुड़े अभिषेक भल्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, अली बाबर पात्रा ने बताया कि वो LeT का सदस्य है. उसे पाकिस्तानी सेना से प्रशिक्षण मिला है. उससे पहले उसे ISI को सौंपा गया था. अली बाबर ने बताया,
“लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने के बाद मुझे अपनी मां के इलाज के लिए 20 हजार रुपए दिए गए थे. मुझे ISI के हवाले कर दिया गया. बाद में कश्मीर में भेजे जाने के बाद मुझे 30 हजार रुपए और देने का वादा किया गया था."
अली बाबर पात्रा ने ये भी बताया कि कैसे उसे जिहाद के नाम पर भड़काया गया. उसके मुताबिक, ट्रेनिंग के दौरान उसे जोर देकर बताया जाता था कि 'इस्लाम खतरे में है' और कश्मीर के मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़ुल्म हो रहे हैं. ऐसे टॉपिक प्रशिक्षण के दौरान उपदेश के मुख्य विषय होते थे. बाबर ने कहा,
"हमें बताया गया था कि भारतीय सेना कश्मीर में मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार कर रही है. लेकिन मुझे यहां ऐसा कुछ नजर नहीं आया. मैंने यहां लोगों को खुश देखा. भारतीय सेना ने मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया. उसने मुझे बिल्कुल प्रताड़ित नहीं किया."
अली बाबर ने आत्मसमर्पण के बाद बोला कि उसे इस जिहाद की सच्चाई पता नहीं थी. उसने ये भी कहा इस तरह का जिहाद गलत है. बाबर ने बताया कि पाकिस्तानी सेना की मदद के बिना कोई भी बॉर्डर क्रॉस नहीं कर सकता. ये भी कहा कि उसके साथ 6 लोगों का समूह था. अली बाबर ने साफ कहा कि उसे बाकी आतंकियों के साथ पत्तन पहुंचने का निर्देश दिया गया था. ये इलाका जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में पड़ता है. इन आतंकियों को हथियार और गोला-बारूद लेकर वहां जाना था. पाकिस्तान ने उन्हें अगले आदेश का इंतजार करने को कहा था. लगातार सर्च ऑपरेशन कर पकड़ा वहीं, भारतीय सेना को इन आतंकवादियों के बॉर्डर पार करने की सूचना मिल गई थी. इसके बाद उसने 18 सितंबर से लगातार सर्च ऑपरेशन चला रखा है. सेना ने बताया,
"गरीबी की वजह से उसे (अली बाबर) गुमराह कर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने का लालच दिया गया. उसके परिवार में उसकी विधवा मां और एक बहन हैं. परिवार गरीबी से जूझ रहा है. गरीबी की वजह से उसने सातवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी. गरीबी से ही बचने के लिए उसने 2019 में गढ़ी हबीबुल्लाह कैंप में तीन सप्ताह की ट्रेनिंग ली."
सेना ने दावा किया कि अली को ज्यादातर ट्रेनिंग आतंकियों से नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना के जवानों से मिली. खुद अली ने भी इस बात को कबूल किया है. सेना ने ये जानकारी भी दी कि बीते एक हफ्ते में उसने कुल 7 आतंकवादियों को मार गिराया है.

(आपके लिए ये ख़बर हमारे साथी साजिद ने लिखी है.)