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गोली के खोखों से मारू आइटम बना देता है ये आदमी

गोलियां देखकर आपके दिमाग में क्या आता है? खून-खराबा? पर इस आर्टिस्ट के दिमाग में कुछ और आता है. देखिए तो सही.

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फोटो - thelallantop
कुछ लोगों का भौकाल मारने का तरीका बड़ा अजीब होता है. जैसे किसी शादी में लड़के के फूफा- मामा. शादी वाले दिन ये पहले अपनी शादी का सूट निकालेंगे. फिर कहीं से एक पिस्टल का जुगाड़ करेंगे और हवाई फायर करेंगे. धांय से. हमें कभी समझ नहीं आया, ये हवा में गोली मारने से कौन सा भौकाल बनता है. हां, एक काम हम ज़रूर करते थे. हवाई फायर के बाद कहीं आसपास गिरे गोली के छिलके यानी खोखा बीनते थे. हालांकि खोखे जुटाकर हम कोई तीर नहीं मारते थे. चार- पांच दिन खेलते थे, फिर कोई मतलब नहीं.
लेकिन सब लोग हमारी तरह नहीं होते. कुछ लोग कलाकार निकल जाते हैं. ऐसी ही एक कलाकार हैं, फेडेरिको उरीबे. इन्होंने गोली के खोखों से कमाल की चीज़ें बनाई हैं. बड़े- बड़े भालू, मुर्गे और कछुए और भी काफी चीज़ें. कछुए बनाने में तो उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के हेलमेटों का भी इस्तेमाल किया है.
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Source- Bored Panda

 
लेकिन कोई भी आर्ट किसी इंटेंस भावना के बिना निकल कर नहीं आती. उरीबे आजकल रहते मायामी में हैं, लेकिन वो कोलंबिया के रहने वाले हैं. पांच दशक के करीब से कोलंबिया की सरकार और क्रांतिकारी ग्रुप FARC के बीच चल रही खींचतान में 2 लाख से ऊपर लोगों की जान जा चुकी है.
कोलंबिया की यादें फेडेरिको उरीबे के लिए हिंसा, गोली-बारूद और मार-काट से जुड़ी हुई हैं. और यहीं से उन्हें गोली के खोखों से कलाकृतियां बनाने का आईडिया मिल गया. जहां कोलंबिया में गोलियां मौत से जुड़ चुकी हैं, वहां उरीबे गोलियों के खोखों से सुंदर जानवर बना रहे हैं. न्यू यॉर्क में इन खोखों से बने जानवरों की प्रदर्शनी भी लगी हुई है.
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Source- Bored Panda

 
आगे होने वाले हिंसा को रोकने में इस कदम से क्या मदद मिल सकती है, इसके बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन इतना ज़रूर कह सकते हैं कि ये तरीका हमारे दिमाग में हिंसा से जुड़ी यादों को बदलने और चुनौती देने की कोशिश कर सकता है.


(ये स्टोरी पारुल ने लिखी है.)
 

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