The Lallantop

'सीजफायर नहीं किया तो फिलिस्तीन को दे देंगे मान्यता,' ब्रिटेन ने इजरायल के सामने शर्त रखी

Keir Starmer के मुताबिक, Britain मानता है कि Palestine के लोगों के लिए अपना अलग देश होना उनका अविभाज्य अधिकार है. एक ऐसा अधिकार जिसे ना तो छीना जा सकता है और ना ही त्यागा जा सकता है.

Advertisement
post-main-image
ब्रिटिश PM कीर स्टार्मर (बाएं) ने गाजा में भुखमरी पर चिंता जताई. (PTI)

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने मंगलवार, 29 जुलाई को फिलिस्तीन को मान्यता देने पर बड़ा एलान किया है. पीएम स्टार्मर ने कहा कि अगर इजरायल ने गाजा में सीजफायर नहीं किया, तो ब्रिटेन सितंबर में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. उन्होंने जोर दिया कि इजरायल को गाजा में शांति बहाली की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए यूरोप की तरफ से यह दूसरा झटका है. इससे पहले फ्रांस भी फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला कर चुका है.

Advertisement

AP की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीन को मान्यता देने पर ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने कहा,

"ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले फिलिस्तीन को मान्यता देगा, अगर इजरायली सरकार गाजा की भयावह स्थिति को खत्म करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती, सीजफायर के लिए सहमति नहीं देती और लंबे समय के लिए स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध नहीं होती, जिससे दो-राज्य समाधान की संभावना फिर से जिंदा हो सके."

Advertisement

उन्होंने आगे कहा,

"इसमें संयुक्त राष्ट्र को राहत सामग्री पहुंचाने की इजाजत देना, वेस्ट बैंक में किसी तरह का नया कब्जा नहीं करना, यह सब शामिल है."

प्रधानमंत्री स्टार्मर ने यह भी दोहराया कि हमास को सभी बंधकों को रिहा करना चाहिए, युद्धविराम के लिए सहमत होना चाहिए, अपने हथियार डालने चाहिए और 'यह स्वीकार करना चाहिए कि वो गाजा की सरकार में कोई भूमिका नहीं निभाएगा.'

Advertisement

स्टार्मर ने एक टेलीविजन बयान में कहा कि उनकी सरकार सितंबर में इस बात की समीक्षा करेगी कि इन सभी शर्तों को कितना पूरा किया गया है, उसके बाद ही फिलिस्तीन को मान्यता देने का अंतिम फैसला लिया जाएगा.

ब्रिटेन लंबे समय से दो-राज्य समाधान का समर्थन करता रहा है, जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन दोनों स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में एक साथ शांतिपूर्वक रहें. लेकिन अब ब्रिटेन मानता है कि 'दो-राज्य समाधान की कल्पना दिन-ब-दिन कमजोर हो रही है और यह अब पहले से कहीं ज्यादा दूर लग रही है.'

प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि भले ही उन्होंने कुछ शर्तें रखी हैं, लेकिन ब्रिटेन मानता है कि फिलिस्तीनी लोगों के लिए अपना अलग देश होना उनका अविभाज्य अधिकार है. माने, ऐसा अधिकार जिसे ना तो छीना जा सकता है और ना ही त्यागा जा सकता है.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पहले ही एलान कर चुके हैं कि उनकी सरकार सितंबर में फिलिस्तीन को मान्यता देगी. इसके बाद से ब्रिटेन की संसद के 250 से ज्यादा सांसदों ने सरकार से यही मांग की है. अब फ्रांस के बाद ब्रिटेन की घोषणा इजरायल के लिए यूरोप से बड़ा झटका माना जा रहा है. फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो ने एक्स पर लिखा,

"फ्रांस के बनाए गए रुख को अब ब्रिटेन समर्थन दे रहा है. यह फिलिस्तीन को मान्यता देने की दिशा में एक मजबूत कदम है."

अब तक दुनिया के 140 से ज्यादा देश फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दे चुके हैं, जिनमें यूरोप के दर्जनों देश शामिल हैं. फ्रांस G-7 देशों में ऐसा करने वाला पहला देश है और अब ब्रिटेन भी उसी राह पर बढ़ता दिख रहा है. भारत 1988 में फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था.

वीडियो: दुनियादारी: रूस-यूक्रेन जंग के बीच एलन मस्क को लेकर क्या खुलासा हुआ?

Advertisement