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सुशांत सिंह राजपूत की बेस्ट फ्रेंड ने फिल्म इंडस्ट्री के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया है

''फिल्म इंडस्ट्री ने नहीं, सुशांत ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था.''

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अपनी दोस्त और मशहूर पब्लिसिस्ट रोहिणी अय्यर के साथ सुशांत सिंह राजपूत.
सुशांत सिंह राजपूत गुज़र चुके हैं. उनके पीछे लोगों ने उनका तमाशा बना दिया है. बजाय उनके काम, उनकी लाइफ पर बात करने के, सबको उनके मरने की वजह जाननी है. लेकिन किसी को इस विषय में कुछ पता नहीं है. सिर्फ अटकलें लगाई जा रही हैं. उन्हीं अटकलों और अपुष्ट जानकारियों के आधार पर लोगों को बुरी तरह से ट्रोल किया जा रहा है. पब्लिक उन लोगों पर ज़्यादा नाराज़ नज़र आ रही है, जो सुशांत को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. लेकिन उससे सिर्फ पब्लिक को नहीं सुशांत की एक करीबी दोस्त को भी बहुत दिक्कतें हैं. और अब उन्होंने अपनी बात सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुंचा दी है.
रोहिणी अय्यर के साथ सुशांत सिंह राजपूत.
रोहिणी अय्यर के साथ सुशांत सिंह राजपूत.

हम सुशांत सिंह राजपूत की जिस दोस्त के बारे में बात कर रहे हैं, उनका नाम है रोहिणी अय्यर. पेशे से सीनियर पब्लिसिस्ट हैं. रोहिणी ने सुशांत को ये भावभीनी श्रद्धांजलि अंग्रेज़ी में अर्पित की है, उसका हिंदी तर्जुमा हम आपको नीचे पढ़वा रहे हैं-
''ये कहना ही पड़ेगा. मेरा बेस्ट फ्रेंड नहीं रहा. मुझे अब भी ये चीज़ स्वीकार कर पाने में काफी मुश्किल हो रही है. जब भी मैं उससे जुड़ी किसी खबर के लिए सोशल मीडिया चेक करती हूं, तो मुझे वहां सिर्फ मनगढ़ंत कहानियां पढ़ने को मिलती हैं. मुझे वहां लोग नहीं, पेडलर्स दिखाई पड़ते हैं. वो पेडलर्स, जो अपना एजेंडा आगे बढ़ाकर खुद को प्रमोट करने में लगे हुए हैं. जिसे भी दो कौड़ी का फेम चाहिए, हर वो आदमी उसकी (सुशांत की) जिंदगी के बारे में अपनी राय दे रहा है.
सबसे पहले मैं आपको ये बता दूं कि उसे आपकी ओपिनियन और फेम से कोई फर्क नहीं पड़ता था. उसका उन लोगों से कोई मतलब नहीं था, जो उसके साथ टच में नहीं रहने की बात सोशल मीडिया पर पोस्ट करने में व्यस्त हैं. रिकॉर्ड के लिए बता दूं कि वो किसी के टच में रहने की परवाह नहीं करता था. उसे नकली दोस्त, फोन कॉल्स और हल्की-फुल्की बातों से सख्त नफरत थी. आपने उसे दरकिनार नहीं किया, उसने आपकी पार्टियों को रिजेक्ट कर दिया. आपकी लॉबी को नकार दिया. उसे किसी कैंप की ज़रूरत नहीं थी, उसकी अपनी अलग दुनिया थी.
वो फाइटर था. एक आउटसाइडर, जिसे इन्साइडर बनना ही नहीं था. क्योंकि फिल्मों से इतर भी उसका जीवन था. इंडस्ट्री उसकी लाइफ का एक छोटा सा हिस्सा थी. इसके परे उसकी दुनिया और थी. उसे सफलता की परवाह नहीं थी क्योंकि वो कभी फेल ही नहीं हुआ. उसने अपने सभी समकालीन एक्टर्स से ज़्यादा सुपरहिट फिल्में दी हैं. उसे 100 करोड़ क्लब जैसी चीज़ों से कोई फर्क ही नहीं पड़ता था. उसे किसी क्लब या इस अंधी दौड़ का हिस्सा नहीं बनना था. इससे पहले कि उसे बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया जाए, वो एक अवॉर्ड शो के बीच से उठकर चला गया. क्योंकि वो वहां बैठकर बोर हो रहा था. उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए आपको किसी ट्रॉफी से कहीं ज़्यादा इंट्रेस्टिंग होना होगा. उसकी उपलब्धियां जितनी दिखती हैं, असल में उससे कहीं ज़्यादा हैं. वो क्वॉन्टम फिज़िक्स जितना सिंपल था. बड़ा क्रेज़ी टाइप जीनियस. वो सार्त्र (जॉन पॉल सार्त्र) और नीत्शे (फ्रेडरिक नीत्शे) को पढ़ता था. वो एस्ट्रोनॉमी और स्टोइसिज़्म (एक तरह की फिलॉसफी, जिसकी जड़ें ग्रीस में पाई जाती हैं) पढ़ता था. कविताएं लिखता था, गिटार बजाता था, बाएं और दाएं दोनों हाथों से लिखता था. वो धरती को, दुनिया को बचाना चाहता था, मार्स पर जाना चाहता था. चैरिटी, साइंस प्रोजेक्ट्स और कई नई इनोवेशंस में निवेष करता था, जो आपकी समझ से बाहर की बातें हैं. इसलिए प्लीज़ उसे समझ चुकने का ढोंग मत करिए. और उसकी काबिलियत को अपने एजेंडा के प्रचार के साधन जितना कमतर मत बनाइए.''

रोहिणी आगे बताती हैं कि अगर हम सुशांत के बारे में बात करना चाहते हैं, तो उनकी ज़िंदगी के बारे में बात करनी चाहिए. उनके काम को सेलीब्रेट करना चाहिए. वो सुशांत को एक ऐसा आदमी मानती हैं, जो अपने क्राफ्ट के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था. उस आदमी का ध्यान मेक अप से ज़्यादा रिसर्च पर रहता था. बकौल रोहिणी सुशांत ने कई बड़ी फिल्मों को सिर्फ इसलिए मना कर दिया क्योंकि वो कुछ अलग करना चाहते थे. उनका मन नहीं होता था, तो वो कितने भी पावरफुल आदमी का फोन नहीं उठाते थे. रोहिणी मानती हैं कि सुशांत के मुश्किल से तीन दोस्त रहे होंगे, जिनकी वो परवाह करते थे. उन तीन में से एक वो भी थीं. आखिरी में रोहिणी ने ये भी क्लीयर कर दिया कि वो ये बातें क्यों लिख रही हैं. उनके इस पोस्ट को लिखने की पीछे की वजह आप रोहिणी के शब्दों में पढ़िए-
''भले सुशांत को लोगों की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता था लेकिन मुझे पड़ता है. और मैं सुशांत की लेगेसी को बचाए रखना चाहती हूं.''

 

सुशांत ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2013 में आई फिल्म 'काय पो छे' से की थी. आगे उन्होंने 'शुद्ध देसी रोमैंस', 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी', 'केदारनाथ', 'सोनचिड़िया' और 'छिछोरे' जैसी फिल्मों में काम किया. उनकी आखिरी फिल्म 'ड्राइव' नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई थी. आने वाले दिनों में उनके जीवन की अंतिम फिल्म 'दिल बेचारा' रिलीज़ होने वाली है. 14 जून की दोपहर ये खबर आई कि सुशांत ने अपने मुंबई वाले घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उनके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, इसलिए उनके इस कदम के पीछे की वजह साफ नहीं हो पाई. मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.


वीडियो देखें: सुशांत सिंह राजपूत के अलावा इन सात सेलेब्रिटी ने भी आत्महत्या की थी