The Lallantop

'सनातन' पर स्टालिन वाला विवाद थमा नहीं, गुजरात में फिर हुआ अपमान?

पहले भगवान हनुमान के चित्र पर विवाद, अब स्वामीनारायण संप्रदाय की ओर से पाटीदारों की उपजाति लेवा-पटेल समुदाय की 'कुलदेवी' के बारे में विवादास्पद बयान दिए गए हैं.

Advertisement
post-main-image
कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर की तस्वीरें और स्वामीनारायण संत (फोटो - सोशल मीडिया/ANI)

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म (Sanatan Dharma) पर जो बयान दिया था, उसके प्रभाव अभी चुके नहीं हैं. जो घर्षण उनके बयान से उठा, वैसा ही एक घर्षण गुजरात में दिख रहा है. स्वामीनारायण संप्रदाय और सनातन के अनुयायियों के बीच लगातार विवादास्पद बयानबाज़ी चल रही है.

Advertisement

स्वामीनारायण संप्रदाय (Swaminarayan Sect) हिंदू धर्म की ही एक शाखा है. स्थापना उत्तरी-भारत में अठारहवीं शताब्दी में हुई थी. संप्रदाय के संस्थापक सहजानंद स्वामी को कृष्ण का एक अवतार माना जाता है.

खैर, जब भारतीय जनता पार्टी उदयनिधी के बयान पर उखड़ी हुई थी, गुजरात में उसी वक्त एक अलग विवाद चल रहा था. विवाद की शुरूआत हुई 29 अगस्त को - भगवान हनुमान के एक चित्र से. बोटाद ज़िले में श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर का प्रबंधन स्वामीनारायण संप्रदाय करता है. हिंदू संतों ने आरोप लगाए कि इस मंदिर में हनुमान की बेअदबी की गई है. चित्र में ऐसे दिखाया गया था कि हनुमान, स्वामीनारायण के अनुयायी हैं. हाथ जोड़ कर स्वामीनारायण के सामने खड़े हैं.

Advertisement

इससे बवाल की शुरूआत हुई. नाराज़ हिंदुओं ने प्रदर्शन किया. उनका कहना था, राम के अलावा हनुमान किसी और के आगे नहीं झुकते. राज्य सरकार को दख़ल देना पड़ा. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों के साथ बैठक की. तब जाकर विवादित चित्रों को हटाने पर सहमति बनी.

ये भी पढ़ें - सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान ने कांग्रेस को दुविधा में डाल दिया?

इंडिया टुडे की मिलन शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक़, नया विवाद भी स्वामीनारायण संप्रदाय की तरफ़ से ही शुरू हुआ है. पाटीदारों की उपजाति लेवा-पटेल समुदाय की 'कुलदेवी' के बारे में विवादास्पद बयान दिए गए हैं. पाटीदार समुदाय, गुजरात की सबसे बड़ी और प्रभावी जाति है.

Advertisement

एक वीडियो में स्वामीनारायण संत ब्रम्हस्वरूपदास गुजराती में कहते दिख रहे हैं,

"महाराज (स्वामीनारायण) ने अपने गीले कपड़ों का पानी कुलदेवी खोडियार माताजी पर छिड़का. इसके बाद ही आपकी कुलदेवी सत्संगी बन गयीं. माताजी ख़ुद स्वामीनारायण संप्रदाय को अपनाने वालों को पूजती हैं. जब आप स्वामीनारायण संप्रदाय में परिवर्तित हो जाते हैं, तो आपको अपनी कुलदेवी या कुलदेवता पर विश्वास करने की ज़रूरत नहीं. क्योंकि स्वामीनारायण भगवान सर्वोच्च और सबसे ऊपर हैं."

12 सितंबर को मोरबी में भक्तों और संतों ने ज़िला कलेक्टर को एक ज्ञापन दिया. उनकी मांग है कि आपत्तिजनक बयान के लिए माफ़ी मांगी जाए.

ये भी पढ़ें - 'सनातन' वाले बयान पर भड़के थे PM मोदी, अब स्टालिन ने जो बोला, बवाल बढ़ जाएगा!

इससे पहले स्वामीनारायण संप्रदाय के संत आचार्य दिनेश प्रसाद स्वामी ने भी सनातन पर कथित अपमानजनक बयान दिया था. कहा था,

"हमें मंदिरों से देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटाना होगा. हमें एक नया धर्म बनाने की ज़रूरत है."

ग़ौरतलब है कि भाजपा ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की कड़ी निंदा की थी. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बीजेपी गुजरात में सनातन धर्म के ख़िलाफ़ दी जा रही टिप्पणियों पर क्यों चुप है. 

वीडियो: उदयनिधि स्टालिन के 'सनातन धर्म' वाले बयान पर देवदत्त पटनायक और BJP क्या बोली?

Advertisement