सहारा ग्रुप के प्रमुख और मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत रॉय का निधन हो गया है. वो काफी समय बीमार चल रहे थे. मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. मंगलवार, 14 नवंबर को रॉय ने आखिरी सांस ली. PTI के मुताबिक रॉय का निधन कार्डियो रेस्पिरेटरी अरेस्ट की वजह से हुआ. वो 75 वर्ष के थे.
सुब्रत रॉय का निधन, लंबे वक्त से बीमार थे सहारा प्रमुख
सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार, 15 नवंबर को सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा. बताया गया है कि यहीं उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी.
सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था. वो भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. उन्हें देशभर में 'सहाराश्री' के नाम से जाना जाता था. समाजवादी पार्टी से सुब्रत रॉय के करीबी रिश्ते रहे. उनके निधन पर सपा ने शोक जताया है. पार्टी ने अपने आधिकारिक X हैंडल से लिखा,
सालों से लोगों के पैसे फंसे“सहाराश्री सुब्रत रॉय जी का निधन अत्यंत दुखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को ये असीम दुख सहने का संबल प्राप्त हो. भावभीनी श्रद्धांजलि.”
जीवन के अंतिम वर्षों में सुब्रत रॉय विवादों में रहे. उन्हें जेल तक जाना पड़ा. दरअसल, सहारा इंडिया में निवेशकों के पैसे सालों से फंसे हुए हैं. 2022 में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि सहारा इंडिया ने लाखों निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये जुटाए थे. वहीं, सहारा हाउजिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) के 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसमें से 138.07 करोड़ रुपये ही निवेशकों को अब तक लौटाए गए हैं.
इस साल 29 मार्च को केंद्र सरकार ने कहा था कि सहारा की चार कोऑपरेटिव सोसाइटी के 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के अंदर-अंदर पैसा लौटा दिया जाएगा. कुछ ही दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सहारा मामले में एक आदेश जारी किया. कोर्ट ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5 हजार करोड़ रुपये केंद्रीय रजिस्ट्रार के खाते में ट्रांसफर करने और इस पैसे को सहारा ग्रुप ऑफ कॉपरेटिव सोसाइटीज के जमाकर्ताओं के बीच बांटने को कहा था.
इसी आदेश के तहत सहकारिता मंत्रालय ने सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था. गृह मंत्री और सहाकारिता मंत्री अमित शाह ने भी 17 जुलाई को इस बारे में ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि सहारा की कॉपरेटिव सोसाइटी में जिन लोगों के कई सालों से रुपये फंसे हुए थे, उनके लिए कल एक खास दिन है. मोदी सरकार उन निवेशकों की जमा राशि को लौटाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जिसके अंतर्गत “सहारा रिफंड पोर्टल” की शुरुआत होगी. इस कदम से उन सभी लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें अपनी मेहनत की कमाई वापस आने का इंतजार है.
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