लंबे इंतजार के बाद एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4) बुधवार, 25 जून को अंतरिक्ष के लिए रवाना होगा. ये वही मिशन है, जिसमें भारत के शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) भी शामिल हैं. उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी मौजूद होंगे. स्पेसएक्स (SpaceX) के मशहूर फाल्कन 9 रॉकेट पर इन्हें ले जाया जाएगा. इससे पहले, अलग-अलग कारणों से इस मिशन को कई बार रोका जा चुका है.
शुभांशु शुक्ला आज इतिहास रचेंगे! Axiom-4 मिशन से जुड़े आपके सारे सवालों का जवाब
Axiom space mission launching: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के मुताबिक़, ये मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे उड़ान भरेगा. उड़ान भरने की जगह होगी, NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर का कॉम्प्लेक्स 39A.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के मुताबिक़, ये मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे उड़ान भरेगा. उड़ान भरने की जगह होगी, NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर का कॉम्प्लेक्स 39A. स्पेसक्राफ्ट 28 घंटे की यात्रा करेगा. इसके बाद, गुरुवार को शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में पहुंचेगा.
अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर क़रीब 14 दिन बिताने हैं. इस दौरान वो विज्ञान, आउटरीच और कमर्शियल एक्टिविटी से जुड़े मिशन को ऑपरेट करेंगे. ये अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है. ये भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान (human spaceflight mission) में वापसी के सपने को साकार करेगा. क्योंकि ये मिशन, तीनों ही देशों के लिए 40 सालों में पहली बार होगा.
ये मिशन सबसे पहले 29 मई को शुरू होने वाला था. लेकिन इसमें कई बार देरी हुई है. जिसके लिए लॉन्च व्हीकल में समस्या और ISS के मॉड्यूल पर दबाव में बदलाव, जैसी कई वजहें ज़िम्मेदार हैं.
कौन-कौन शामिल?जैसा कि हमने बताया मिशन में शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं. कौन हैं ये? अमेरिका की मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन और हंगरी से एक्सपर्ट टिबोर कापू और पोलैंड से स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की.
नियमों के मुताबिक़, मई से ही ये लोग क्वारंटीन में हैं. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि अंतरिक्ष में रहते हुए उन्हें कोई इंफेक्शन न हो. और, अंतरिक्ष के वातावरण में कीटाणुओं की एंट्री ना हो.
'रियलाइज द रिटर्न' थीम पर आधारित, ISS के लिए ये चौथा निजी मिशन है. जिसमें 40 सालों के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा. इससे पहले, 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा गए थे. तब राकेश ने सोवियत सैल्यूट-7 ऑर्बिटल स्टेशन पर लगभग आठ दिन बिताए थे.
Shubhanshu Shukla कौन हैं?शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना (IAF) के पायलट ग्रुप कैप्टन हैं. उनका जन्म लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को हुआ. उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं. शुभांशु को वहां के लोग प्यार से 'शुक्स' कहते हैं. वो इंडियन एयरफोर्स के माहिर फाइटर पायलट हैं. उनके पास SU-30 MKI और MIG-29 जैसे खतरनाक लड़ाकू विमान उड़ाने का 2000 घंटे से ज़्यादा का अनुभव है.
उन्होंने लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल से पढ़ाई की. फिर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) चले गए. उसके बाद IISc बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में M Tech किया. उन्होंने अंतरिक्ष यात्री बनने की ट्रेनिंग रूस के गागरिन कोस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और ISRO के बेंगलुरु बेस पर ली. 2019 में उन्हें इस मिशन के लिए चुना गया था. तब से शुभांशु इस मिशन के लिए तैयारी कर रहे हैं.
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