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ट्रंप के बदलते सुर, अब कह रहे कि ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं होना चाहिए, चीन को लेकर भी बयान दिया

ये विडंबना ही है कि Donald Trump इस जंग में सीधे तौर पर शामिल हुए और अब लगातार कह रहे हैं कि वो तो दोनों देशों में शांति देखना चाहते थे.

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इजरायल-ईरान मामले पर ट्रंप के सुर बदल रहे हैं. (तस्वीर: AP)

इजरायल-ईरान सीजफायर (Israel Iran Ceasefire) के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के सुर बदलते नजर आ रहे हैं. इजरायल ने जब ईरान पर हमला किया तो ट्रंप ने ईरान का खुला विरोध किया. उन्होंने कई दफा ऐसे तेवर दिखाए कि वो ईरान में सत्ता परिवर्तन करना चाहते हैं. लेकिन अब उनका एक अलग बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि सत्ता परिवर्तन से अराजक स्थिति बनती है, इसलिए वो ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते.

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नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन के लिए जाते समय ट्रंप ने पत्रकारों से बात की. उनसे पूछा गया, ‘क्या उनको लगता है कि ईरान में सत्ता बदलने की जरूरत है?’ इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने जवाब दिया, 

नहीं. अगर ऐसा था भी तो पहले था. लेकिन नहीं, मैं ऐसा नहीं चाहता. मैं चाहता हूं कि सब कुछ जल्द से जल्द शांत हो जाए.

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उन्होंने आगे कहा, 'सत्ता परिवर्तन से अराजकता आती है और हम इतनी ज्यादा अराजकता नहीं देखना चाहते.'

ट्रंप ने पहले क्या कहा था?

इससे पहले 22 जून को ट्रंप ने स्पष्ट रूप से ईरान में सत्ता परिवर्तन की बात की थी. उन्होंने अपने सोशल मीडिया ट्रुथ पर लिखा था,

राजनीतिक रूप से इसको सत्ता परिवर्तन कहना सही नहीं होगा, लेकिन अगर वर्तमान शासक ईरान को फिर से महान नहीं बना पा रहे तो सत्ता परिवर्तन क्यों नहीं होना चाहिए.

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ट्रंप के इस पोस्ट से उनके अधिकारियों में खलबली मच गई थी. क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने कह दिया था कि अमेरिकी सेना की कार्रवाई ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने के लिए थी, न कि सरकार बदलने के लिए. 

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ पहले ही कह चुके थे, ‘ये मिशन सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं था.’ अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी यही बात कही. 

चीन को लेकर भी ट्रंप का यूटर्न

पिछले महीने से ही ट्रंप ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि ईरान से तेल या पेट्रोकेमिकल की सभी खरीद तुरंत बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि ईरान से खरीदारी करने वाले देशों पर अमेरिका प्रतिबंध लगाएगा. लेकिन 24 जून को उन्होंने इस मामले पर भी अपना रुख बदल लिया. उन्होंने कहा,

चीन अब ईरान से तेल खरीद सकता है. उम्मीद है वो अमेरिका से भी खूब तेल खरीदेगा. 

Israel Iran Conflict
ट्रंप का पोस्ट.

ये भी पढ़ें: इधर ट्रंप दबाव बनाते रहे, उधर परमाणु कार्यक्रम पर ईरान के UN राजदूत ने इरादे बता दिए

ट्रंप का ये अंदाज चौंका देगा

ये विडंबना ही है कि ट्रंप इस जंग में सीधे तौर पर शामिल हुए और अब लगातार कह रहे हैं कि वो तो दोनों देशों में शांति देखना चाहते थे. अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइटों पर हमला किया. इसके बाद ईरान और इजरायल ने एक-दूसरे पर मिसाइल दागने के दावे किए. फिर ट्रंप एक नए अवतार में सामने आए. उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया दी कि उनको इस बारे में कुछ पता ही नहीं था. उन्होंने सीजफायर की घोषणा करते हुए कहा कि दोनों देशों को शांत रहना चाहिए.

इसके बाद जब दोनों देशों ने एक-दूसरे पर सीजफायर के उल्लंघन के आरोप लगाए, तो ट्रंप ने आयरनी की एक और मिसाल पेश की. उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट में शांति होनी चाहिए, इजरायल और ईरान को आपस में लड़ाई नहीं करनी चाहिए.

वीडियो: ट्रंप ने किया सीजफायर का दावा, उधर ईरान ने दागी मिसाइलें

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