The Lallantop

इस ज्योतिषी को भी नहीं पता था कि राहुल के गले लगाने पर उसका भविष्य क्या होगा?

गले मिले राहुल-मोदी और ज्योतिषी के साथ बुरा हो गया.

post-main-image
शंकर चरण त्रिपाठी ही वो ज्योतिषि हैं, जिनके कहने पर लालू यादव ने रंगीन कुर्ता-पाजामा पहनना शुरू किया था.
एक ज्योतिषी हैं शंकर चरण त्रिपाठी. अभी पिछले साल तक उनका मूल व्यवसाय ज्योतिष ही था. अब भी ज्योतिषी का काम करते हैं. हर बात में नंबर गिनते और समाधान बताते रहे हैं. लखनऊ के रहने वाले हैं. भारतीय वायुसेना में काम किया है. प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान श्रीलंका गई शांति वाहिनी सेना में रहे हैं. ज्योतिषी इतने बड़े कि उनके कहने पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने सफेद कुर्ता-पाजामा छोड़कर रंगीन कुर्ता-पाजामा पहनना शुरू कर दिया. फिर चुनाव हुए तो लालू की पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें मिलीं. फिर क्या था. लालू का बाबाजी पर भरोसा बढ़ गया और उन्हें नवंबर 2017 में पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया.
लालू यादव ने शंकर चरण त्रिपाठी को आरजेडी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया था, जिसका खूब विरोध हुआ था.
लालू यादव ने शंकर चरण त्रिपाठी को आरजेडी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया था, जिसका खूब विरोध हुआ था.

दूसरे की किस्मत चमकाने का दावा करने वाले शंकर चरण त्रिपाठी की खुद की किस्मत चमक गई. सितारे बुलंद हो गए. लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि उनके जो सितारे लालू यादव की वजह से बुलंद हुए हैं, वो सितारे राहुल गांधी की वजह से डूब भी जाएंगे. सही समझे. ऐसा ही हुआ है. राहुल गांधी ने मॉनसून सत्र में अपने भाषण के बाद लोकसभा में पीएम मोदी को गले लगाया. अपनी सीट पर वापस आए तो आंख भी मारी, जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं.

इसी तस्वीर पर टिप्पणी करने के बाद ज्योतिष शंकर चरण त्रिपाठी को पार्टी से निकाल दिया गया.

अब राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के नाते जब पत्रकारों ने शंकर चरण त्रिपाठी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा-
''राहुल गांधी का आचरण काफी बचकाना था. 2019 में प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाले किसी व्यक्ति को ये शोभा नहीं देता है.''
आरजेडी प्रवक्ता का ये बयान सीधे तौर पर राहुल गांधी के खिलाफ था. उस राहुल गांधी के खिलाफ जिनके साथ गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ चुका है. भविष्य में भी इस महागठबंधन के बने रहने की संभावना है. और सबसे बड़ी बात ये है कि अगर तीसरे मोर्चे को छोड़ दिया जाए, तो नरेंद्र मोदी के बरक्स विपक्ष में राहुल गांधी ही चेहरे के तौर पर नज़र आते हैं. ऐसे में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे पर बयान देकर शंकर चरण त्रिपाठी ने अपने सितारों को गर्दिश में डाल दिया.
shankar123

बयान के बाद आरजेडी ने शंकर चरण त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे दो दिन में जवाब मांगा. जब दो दिन बीत गए और शंकर चरण त्रिपाठी ने जवाब नहीं दिया तो पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. और वो इकलौते नेता नहीं हैं, जिन्हें राहुल गांधी पर टिप्पणी करने की वजह से पार्टी से निकाला गया है. उनसे पहले उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह को पहले तो उपाध्यक्ष पद से हटा दिया और फिर बाद में पार्टी से भी निकाल दिया. जयप्रकाश सिंह ने तो कहा था-
'पूर्व प्रधानमंत्री रहे अपने पिता राजीव गांधी की तरह उनसे कुछ उम्मीद थी. वह अपनी मां सोनिया के पदचिन्हों पर चले. उनकी मां विदेशी हैं और इसलिए राहुल गांधी कभी भी भारतीय राजनीति में सफल नहीं होंगे. विदेशी खून देश का नेतृत्व करने की इजाजत नहीं देता. राजा अब रानी से पैदा नहीं होगा. अगला नेता पेट से नहीं पेटी (बैलट बॉक्स) से पैदा होगा.
मायावती की बीएसपी हो या फिर लालू की आरजेडी, 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए दोनों ही कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं. इस राह में अगर उनका कोई अपना भी कांटा बनता दिख रहा है, तो उन्हें पार्टी से बाहर निकालने में शीर्ष नेतृत्व को कोई गुरेज नहीं है.


ये भी पढ़ें:
राहुल गांधी से गले मिलने पर पीएम ने क्या कहा, पता चल गया!

अगले कुछ दिनों तक संसद में होने वाली हर गतिविधि पर हर भारतवासी की नज़र टिकी रहेंगी

राष्ट्रपति बनने से पहले कोविंद ने जिस काम का विरोध किया था, अब वो खुद कर डाला

क्या नरेंद्र मोदी सरकार 15 अगस्त पर सबको फ्री हेलमेट देने वाली है?