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पाकिस्तान कर रहा है FC-31 स्टेल्थ फाइटर जेट की तैनाती, भारत का AMCA कब आएगा?

स्टेल्थ एयरक्राफ्ट की तैनाती करने वाले देशों में अब Pakistan भी शामिल हो जाएगा. भारत Stealth Technology के मामले में कहां तक पहुंचा है?

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FC-31 स्टेल्थ फाइटर जेट को J-35 भी कहते हैं. (फाइल फोटो: Reuters/Shenyang Corporation)
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ऋचीक मिश्रा

भारतीय वायुसेना की बढ़ती ताकत को देखते हुए पाकिस्तान अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रहा है. रिपोर्ट है कि उसने अपनी वायुसेना (Pakistan Air Force) में चीन के शेनयांग FC-31 ‘जायरोफाल्कन’(Gyrofalcon) स्टेल्थ फाइटर जेट को शामिल करना शुरू कर दिया है. ये पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ जेट है. इसको J-35 भी कहते हैं.

स्टेल्थ फाइटर जेट क्या होते हैं?

J-35 कितना खतरनाक है? इससे पहले ये जानेंगे कि ये स्टेल्थ तकनीक क्या है. इस एयरक्राफ्ट को इसी तकनीक से बनाया गया है. 

दुश्मन देश में चुपके से घुसने या जासूसी करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इससे कोई फाइटर जेट किसी की नजर में नहीं आता. 

कितना खतरनाक है J-35?

J-35 को चीन के Shenyang Aircraft Corporation ने बनाया है. ये दो इंजन वाला, मल्टीरोल, ऑल वेदर, माने हर मौसम में उड़ान के काबिल स्टेल्थ एयरक्राफ्ट है. इसके बारे में जितनी जानकारी पब्लिक डोमेन में आई है, उसके अनुसार किसी रडार के लिए J-35 को पकड़ना बहुत ही मुश्किल है. वजह है इसमें इस्तेमाल हुई स्टेल्थ तकनीक. यूं तो इसकी तुलना दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट माने जाने वाले अमेरिकन F-35 से हो रही है, पर असल में इसकी बेहतरी साबित होना अभी बाकी है. क्योंकि इसे अभी तक किसी भी मोर्चे का ऑपरेशनल अनुभव नहीं है. 

अमेरिका के बाद चीन वो पहला देश है जिसके बेड़े में दो स्टेल्थ फाइटर जेट हैं. चीन के पास एक और स्टेल्थ एयरक्राफ्ट J-20 मौजूद है. चीन ने इसको अपनी एयरफोर्स और नेवी में शामिल किया है. अब इस फेहरिस्त में पाकिस्तान भी शामिल हो जाएगा. अब पाकिस्तान की एयरफोर्स ने भी स्टेल्थ एयरक्राफ्ट J-35 को शामिल कर लिया है.

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AMCA: भारत का स्टेल्थ

भारत में स्टेल्थ तकनीक अब भी डेवलपिंग स्टेज में है. भारत में बन रहे स्टेल्थ फाइटर जेट को Advance Medium Combat Aircraft (AMCA) नाम दिया गया है. ये एक सिंगल सीटर, दो इंजन वाला जहाज है. इस प्रोजेक्ट की फर्स्ट फ्लाइट 2028 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है. स्टेल्थ तकनीक के मामले में भारत को अब भी कई सीढ़ियां चढ़ना बाकी है.

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