"भारत को आगे बनाए रखने के लिए जरूरी है कि 5G इंटरनेट को लाने में तेजी लाई जाए. इसके साथ ही इसे किफायती और सबके लिए उपलब्ध कराया जाए. मैं आपको भरोसा देता हूं कि जियो भारत में 5G इंटरनेट क्रांति की शुरुआत करेगा. यह काम 2021 की दूसरी छमाही में होगा. इसके लिए जरूरी संसाधन जैसे नेटवर्क, हार्डवेयर और तकनीक आदि को भारत खुद ही विकसित करेगा. जियो की 5G तकनीक प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मिशन से पूरी तरह से प्रेरित होगी."

मुकेश अंबानी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन भाषण में 5जी की शुरुआत को लेकर अपना प्लान बताया.
क्या है 5G? फिलहाल मौजूद सबसे तेज 4G नेटवर्क पर स्पीड औसतन 45 एमबीपीएस (मेगाबाइट्स प्रति सेकेंड) दर्ज की जाती है. दुनिया भर में स्मार्टफोन की बढ़ती मांग के कारण 4G नेटवर्क अब ओवरलोड का शिकार हो रहा है. इसे कुछ ऐसे समझिए. हाईवे पर अकेली गाड़ी तेज रफ्तार भर सकती है, लेकिन अगर सड़क पर 1,000 और गाड़ियां हो तो स्पीड धीमी हो जाएगी. 5G इसी मुश्किल को हल करने की तैयारी है. 5G नेटवर्क में इंटरनेट की स्पीड को 1,000एबीपीएस तक पहुंचाया जा सकेगा. आम जिंदगी में इसका मतलब होगा कि 4G के मुकाबले 10 से 20 गुना ज्यादा तेज डाटा डाउनलोड स्पीड. 5G तकनीक के लिए अलग तरह के एंटीने और हार्डवेयर की जरूरत पड़ेगी. इस लिहाज से इसे फिलहाल काफी महंगी तकनीक माना जा रहा है. चीन और यूरोप के कुछ देश में यह शुरू हो चुकी है.

5 जी नेटवर्क 4 जी के मुकाबले 10 से 20 गुना तक तेज होता है. Photo- Reuters
बाकी कंपनियां क्या कर रही हैं? रिलायंस जियो ही नहीं बल्कि दूसरे टेलिकॉम ऑपरेटर भी 5G नेटवर्क पर काम शुरू कर रहे हैं. भारती एय़रटेल और वोडाफोन आइडिया ने भी सरकार को 5G के ट्रायल के लिए आवेदन दे रखे हैं. एयरटेल ने इस काम के लिए हुवावे, ज़ेडटीई, एरिक्सन और नोकिया के साथ हाथ मिलाया है. जबकि जियो ने सैमसंग को अपना पार्टनर बनाया है. जानकारों का मानना है कि रिलायंस जियो को उसके लोकल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का फायदा मिलेगा. इससे वह तकरीबन 15 फीसदी पैसों की बचत कर सकेगी और नेटवर्क की शुरुआत भी जल्दी कर सकेगी. हालांकि दूसरी बड़ी कंपनियां भी 2022 तक अपने 5जी के साथ मार्केट में आ जाएंगी, ऐसे क़यास लगाए जा रहे हैं.

जियो के अलावा एयरटेल और वोडाआइडिया जैसी कंपनियां भी 5जी नेटवर्क पर काम कर रही हैं.
पिछली इंडिया मोबाइल कांग्रेस में हुई थी 5G की टेस्टिंग?
पिछले साल इंडिया कांग्रेस में 5G नेटवर्क की टेस्टिंग की गई थी. इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया था क्योंकि जिस तकनीक पर इसे चलाया जाता है उसकी परमिशन फिलहाल भारत में नहीं मिली है. इसकी सीमित टेस्टिंग के लिए भारत सरकार ने इजाज़त दी थी. इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आयोजन हर साल होता है. इस बार यह 8 दिसंबर से 10 दिसंबर तक वर्चुअल तरीके से आयोजित हो रही है.